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संजय निराला

फिकर छोड़ परिधानों का

फिकर छोड़ परिधानों का

184 Views

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ajay jain अविराम

सस्ता उपलब्ध सोपान है
पैसा भीड़ होना प्रधान है
हुनर की जरूरत ही क्या
पहनो प्रसिद्धि परिधान है
अजय जैन अविराम प्रसिद्धि परिधान है

प्रसिद्धि परिधान है

12 Love

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Umakant Patel

ज़िंदगी क्या किसी मुफ़लिस की क़बा है जिस में 

हर घड़ी दर्द के पैवंद लगे जाते हैं #जिंदगीक्याकिसी(क़बा~ परिधान,वस्त्र)

#जिंदगीक्याकिसी(क़बा~ परिधान,वस्त्र)

8 Love

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siyaaa

न क़बा न सूरत न बनाबट देखते हैं
हम शायर हैं हुज़ूर...
उनके इशारो की लिखावट देखते हैं
-siya क़बा = परिधान 
#ishq #Love #hindipoetry #Nojoto #nojotohindi #Emotion

77 Love

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अदनासा-

शीलता और अश्लीलता
तब तक विद्यमान रहेगा
जब तक तन पे खिलता
सुंदर सा परिधान रहेगा

©अदनासा- #हिंदी #शीलता #अश्लीलता #परिधान #सुंदर #विद्यमान #DhakeHuye #Instagram #Facebook #अदनासा
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Rekha Gakhar

साड़ी मेरा सबसे पसंदीदा परिधान है इस खूबसूरत परिधान को समर्पित मेरी एक कविता 😍😍😍😍😍😍😍 #loveforsaree 
#साड़ीलवर 

#Journey

साड़ी मेरा सबसे पसंदीदा परिधान है इस खूबसूरत परिधान को समर्पित मेरी एक कविता 😍😍😍😍😍😍😍 #loveforsaree #साड़ीलवर #Journey

502 Views

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Cyco Guru

आधुनिकता की चकाचौंध की चाह मे, संस्कारों के अपहरणकर्ता बन गये है शिक्षित लोग.. अज्ञात✍️

©Cyco Guru सकारात्मकता ही समाज और जिंदगी मे सकुशलता का परिधान बनेगी ना कि नकारात्मकता

सकारात्मकता ही समाज और जिंदगी मे सकुशलता का परिधान बनेगी ना कि नकारात्मकता #विचार

7 Love

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :-

परिधानों को समझ रहे हैं , कुछ लोग यहाँ आभूषण ।
जिनको देख कहे अब कुछ तो , अब ये तो हुए कुपोषण ।।
परिधानों को समझ रहें हैं ....

उनके घटते परिधानों को , देख सदा हूँ चुप होता ।
मन ही मन चिंतन करता अब , वस्त्र हरण दोष न होता ।।
अजब-अजब सी कृतियाँ करके ,  पहनें जैसे आभूषण ।
परिधानों को समझ रहे हैं ......

लाज शर्म की बातें करना , व्यर्थ हुआ है इस युग में ।
मैं हूँ सुंदर मैं हूँ सुंदर , होड़ लगी अब तो जग में ।।
सच कहने वाले अब सारे , है उनके लिए विभीषण ।
परिधानों को समझ रहें हैं....

आज समाज दिशा है बदली , या बदले हैं अब हम ही ।
शायद खोटी शिक्षा अपनी , जो आज बुरे है हम ही ।।
मान लिया हमने गलती यह , देकर इनको अब भाषण ।
परिधानों को समझ रहें हैं ...

परिधानों को समझ रहें हैं , कुछ लोग यहाँ आभूषण ।
जिनको देख कहे अब कुछ तो , अब ये तो हुए कुपोषण ।।

२१/११/२०२३        -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :-

परिधानों को समझ रहे हैं , कुछ लोग यहाँ आभूषण ।
जिनको देख कहे अब कुछ तो , अब ये तो हुए कुपोषण ।।
परिधानों को समझ रहें हैं ....

उनके

गीत :- परिधानों को समझ रहे हैं , कुछ लोग यहाँ आभूषण । जिनको देख कहे अब कुछ तो , अब ये तो हुए कुपोषण ।। परिधानों को समझ रहें हैं .... उनके #कविता

12 Love

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HINDI SAHITYA SAGAR

बच्चों की फ़ीस, 
तन के परिधान के।
हूक उठ रही है देख,
ढहते मकान के।

©HINDI SAHITYA SAGAR
  #umeedein 
बच्चों की फ़ीस, 
तन के परिधान के।
हूक उठ रही है देख,
ढहते मकान के।

#umeedein बच्चों की फ़ीस, तन के परिधान के। हूक उठ रही है देख, ढहते मकान के। #कविता

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

लाली होठो की कहे , सुंदर है मुस्कान ।
खिलता तुम पे है सुनो , प्यारा यह परिधान ।।
प्यारा यह परिधान ,  नही अब दिखती बच्ची ।
करता तुम्हें पसंद , बात है बिल्कुल सच्ची ।।
मेंहदी भरे हाथ , कहे छू लो लट काली ।
छोडो चुनरी आज , हया की ओढो लाली  ।।
२२/०९/२०२२    -

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR लाली होठो की कहे , सुंदर है मुस्कान ।
खिलता तुम पे है सुनो , प्यारा यह परिधान ।।
प्यारा यह परिधान ,  नही अब दिखती बच्ची ।
करता तुम्हें पसंद

लाली होठो की कहे , सुंदर है मुस्कान । खिलता तुम पे है सुनो , प्यारा यह परिधान ।। प्यारा यह परिधान , नही अब दिखती बच्ची । करता तुम्हें पसंद #कविता

6 Love

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__adhure_alfaz_

कौन कहता है कि अंग प्रदर्शन से सुंदरता दिखती है 
हमारी भारतीय नारी तो हमारे पारंपरिक परिधान में भी विश्व सुंदरी दिखती है।।। कौन कहता है कि अंग प्रदर्शन से सुंदरता दिखती है 
हमारी भारतीय नारी तो हमारे पारंपरिक परिधान में भी विश्व सुंदरी दिखती है।।।

कौन कहता है कि अंग प्रदर्शन से सुंदरता दिखती है हमारी भारतीय नारी तो हमारे पारंपरिक परिधान में भी विश्व सुंदरी दिखती है।।।

5 Love

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paras Dlonelystar

स्वाभिमान घर का
#parasd #yourquote #latenightquotes #नर #परिधान #स्वाभीमान #घर #परिवार  Chouhan Saab The Janu Show Vikram vicky 3.0 रविन्द्र

स्वाभिमान घर का #parasd #yourquote #latenightquotes #नर #परिधान #स्वाभीमान #घर #परिवार Chouhan Saab The Janu Show Vikram vicky 3.0 रविन्द्र #समाज

3,714 Views

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Shrèysh Sàñdîlyá

 कौन कहता है की अंग प्रदर्शन से सुन्दरता दिखती है,
भारतीय नारी तो अपने पूर्ण पारंपरिक परिधान में भी विश्व सुंदरी दिखती हैं!
जय श्री राम 🙏🙏🚩🚩

कौन कहता है की अंग प्रदर्शन से सुन्दरता दिखती है, भारतीय नारी तो अपने पूर्ण पारंपरिक परिधान में भी विश्व सुंदरी दिखती हैं! जय श्री राम 🙏🙏🚩🚩 #Quote #nojotophoto

4 Love

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बी.सोनवणे

अबोल हा भाव प्रीतीचा
सखये तुझिया चर्येवरी, 
परिधानिले वस्त्र नारंगी
पहाता वसली हृदयांतरी।। 

हास्य सदा खुलते गाली
साधी भोळी ती साळस, 
तेज नवचैतन्याने प्रेरित
कुंतली बटाने सुखावलस।। 

भाग्य हे लाभली जीवनात 
अपेक्षा नाही रे कसली, 
आपुलकी अन् जिव्हाळ्याने
अशी काळजात घुसली।।

©बी.सोनवणे अबोल हा भाव प्रीतीचा
सखये तुझिया चर्येवरी, 
परिधानिले वस्त्र नारंगी
पहाता वसली हृदयांतरी।। 

हास्य सदा खुलते गाली
साधी भोळी ती साळस, 
तेज नव

अबोल हा भाव प्रीतीचा सखये तुझिया चर्येवरी, परिधानिले वस्त्र नारंगी पहाता वसली हृदयांतरी।। हास्य सदा खुलते गाली साधी भोळी ती साळस, तेज नव

8 Love

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

बदल गये इंसान सभी अब , बदल गये परिधान यहाँ ,
हम तुम के चक्कर में फसकर , भूल गये पहचान  यहाँ ,

बुझ ना जाए संस्कारों का , दीपक उन उजियारों में ,
डर लगता है आज मुझे अब , उनके इन्हीं विचारों में,
चुप रहकर थी लाज बचाई , देकर उन्हें सम्मान यहाँ , 
बदल गये इंसान सभी अब ,बदल गये परिधान यहाँ ।।....१

प्रेम काव्य धराओं से कभी  , होता था रसपान यहाँ ,
मान सम्मान की बातें थी , राधा कृष्ण गुणगान यहाँ,
लेकिन धीरे धीरे उनका , होता है उत्थान यहाँ ,
बदल गये इंसान सभी अब , बदल गये परिधान यहाँ  ।।.....२

वो मात-पिता थे मोर मुकुट , सुत करते थे सम्मान जहाँ ,
अब मालिक से बनते देखा, उनको यही समान यहाँ 
ये वो भारत की नगरी है , कहते अतिथि महान जहाँ ।
बदल गये इंसान सभी अब , बदल गये परिधान यहाँ ।।.....३

बुझ न जाए सच्चाई का अब , दीप हमारे हाथों से ,
जिसकी खातिर सब कुछ छूटा , आज हमारे हाथों से ,
लेकिन बिकता गली-गली है , सच की बनी दुकान जहाँ ,
बदल गये इंसान सभी अब , बदल गये परिधान यहाँ  ।। .....४

रही न कीमत इंसानो की , बिकते हो ईमान जहाँ ,
जिंदा से मुर्दो तक का है , अब होता ब्यापार यहाँ ,
अब धर्म धर्म कहके पिटते , इंसानों की संतान जहाँ
बदल गये इंसान सभी अब , बदल गये परिधान यहाँ ।। ......५

                    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR बदल गये इंसान सभी अब , बदल गये परिधान यहाँ ,
हम तुम के चक्कर में फसकर , भूल गये पहचान  यहाँ ,

बुझ ना जाए संस्कारों का , दीपक उन उजियारों मे

बदल गये इंसान सभी अब , बदल गये परिधान यहाँ , हम तुम के चक्कर में फसकर , भूल गये पहचान यहाँ , बुझ ना जाए संस्कारों का , दीपक उन उजियारों मे #कविता #Searching

10 Love

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Akshay Charde 'राही'

सवाब,,,
(अकीदत=इज्ज़त, फ़ना होना= लीन या मग्न होना, बर्ग=पेड़ के पत्ते, वाइज़= उपदेश देनेवाला, मजाल= हिम्मत, उरुस=दुल्हन, पैराहन= परिधान, सवाब=

सवाब,,, (अकीदत=इज्ज़त, फ़ना होना= लीन या मग्न होना, बर्ग=पेड़ के पत्ते, वाइज़= उपदेश देनेवाला, मजाल= हिम्मत, उरुस=दुल्हन, पैराहन= परिधान, सवाब= #Poetry #CreativeVarhadiPorga #QalmKiKalakaariyaan #QalmApniClass #QalmKaGulamAKSH

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✍️ लिकेश ठाकुर

भारतीय नारी खूबसूरत लगती हैं,
भारतीय परिधान में,
साड़ी की तो बात ही अलग हैं,
परी लगती सलवार में। भारतीय नारी खूबसूरत लगती हैं,
भारतीय परिधान में,
साड़ी की तो बात ही अलग हैं,
परी लगती सलवार में।
✍️लिकेश ठाकुर
 Ritisha Jain Ritika suryavans

भारतीय नारी खूबसूरत लगती हैं, भारतीय परिधान में, साड़ी की तो बात ही अलग हैं, परी लगती सलवार में। ✍️लिकेश ठाकुर Ritisha Jain Ritika suryavans #शायरी

11 Love

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अदनासा-

🌈🌈🌈🌈🌈🌈🌈🌈विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C44jfCXoRM5/?igsh=OTF1eHFsMGszbm9j
#हिंदी #सागर #महासागर #प्रदू

🌈🌈🌈🌈🌈🌈🌈🌈विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C44jfCXoRM5/?igsh=OTF1eHFsMGszbm9j #हिंदी #सागर #महासागर प्रदू #Instagram #समाज #प्रदूषण #परिधान #प्लास्टिक #प्रकृति_प्रेम #अदनासा

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अल्पेश सोलकर

इतकं का ' बोल्ड ' व्हावं ' ट्रोल ' होण्यासाठी
इतकं का ' ट्रोल ' व्हावं ' फेमस ' होण्यासाठी
काय परिधान करावं ज्याचा त्याचा प्रश्न आहे
इतकं पहावे काय संदेश देतो आहोत पिढीसाठी.. इतकं का बोल्ड व्हावं ट्रोल होण्यासाठी
इतकं का ट्रोल व्हावं फेमस होण्यासाठी
काय परिधान करावं ज्याचा त्याचा प्रश्न आहे
इतकं पहावे काय संदेश दे

इतकं का बोल्ड व्हावं ट्रोल होण्यासाठी इतकं का ट्रोल व्हावं फेमस होण्यासाठी काय परिधान करावं ज्याचा त्याचा प्रश्न आहे इतकं पहावे काय संदेश दे #मराठी #yqmarathi #yqtaai #marathiquotes #मराठीकविता #alpeshsolkar

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saurabh

सप्तस्वर की एक ध्वनि पर यह रुदन अनुनाद होगा 
हम भी तुमको याद होगें और स्वर भी याद होगा.. !! 
 
हमने जाना नहीं हमने समझा नहीं 
प्रेम परिधान का एक पर्याय है...?? 
शब्द कुछ और हैं भाव कुछ और हैं 
हम न समझे यहाँ कैसा अभिप्राय है
धर्म पर र

हमने जाना नहीं हमने समझा नहीं प्रेम परिधान का एक पर्याय है...?? शब्द कुछ और हैं भाव कुछ और हैं हम न समझे यहाँ कैसा अभिप्राय है धर्म पर र

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Vikas Sharma

देश प्रेम की लहरें थी, 
लहरों में उफ़ान था! 

लंदन तक हिला डाला, 
एक ऐसा तुफ़ान था! 

ब्याहने निकला आजादी को , 
धारा बसंती परिधान था! 

जान वतन था उसकी, 
वो वतन की जान था! 

जिसकी कीमत जान थी, 
वतनपरस्ती वो इम्तिहान था! देश प्रेम की लहरें थी, 
लहरों में उफ़ान था! 

लंदन तक हिला डाला, 
एक ऐसा तुफ़ान था! 

ब्याहने निकला आजादी को , 
धारा बसंती परिधान था!

देश प्रेम की लहरें थी, लहरों में उफ़ान था! लंदन तक हिला डाला, एक ऐसा तुफ़ान था! ब्याहने निकला आजादी को , धारा बसंती परिधान था!

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साहस

एक नारी की क्रांति है,
साड़ी पहन दुर्गा बनती है,
साड़ी पहना मुर्गा बनाती है। यूं तो हमेशा से ही स्त्रियों का प्रिय परिधान रही है साड़ी पर कई बार मैं समझ नहीं पाती कि स्त्री ने बांधी है साड़ी या साड़ी ने बांध लिया है स

यूं तो हमेशा से ही स्त्रियों का प्रिय परिधान रही है साड़ी पर कई बार मैं समझ नहीं पाती कि स्त्री ने बांधी है साड़ी या साड़ी ने बांध लिया है स #yqbaba #saree #yqdidi #YourQuoteAndMine #yourquotedidi

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Miss Creation

दुनिया भर के सारे परिधान 
एक तरफ,,, 
साड़ी की ख़ूबसूरती और शान 
एक तरफ..... 

भारतीय नारी को
किसी श्रंगार की नहीं ज़रूरत है,,, 
बस एक साड़ी पहनकर
वो दुनिया में सबसे ख़ूबसूरत है.....  साड़ी ही इक ऐसा परिधान है जो 
शारीरिक सुन्दरता का मोहताज नहीं,,,,,,, 
इसे कोई भी पहन ले ख़ूबसूरत
लगता है..... 🥰🥰😘😘😍😍❤

Collab on this #rzpic

साड़ी ही इक ऐसा परिधान है जो शारीरिक सुन्दरता का मोहताज नहीं,,,,,,, इसे कोई भी पहन ले ख़ूबसूरत लगता है..... 🥰🥰😘😘😍😍❤ Collab on this rzpic #yqbaba #YourQuoteAndMine #restzone #collabwithrestzone #rzpictureprompt #rzpicprompt600

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

देख चाँद  शरमाँ रहा , उसका  सुंदर  रूप ।
होता कोई कवि यहाँ , लिखता छंद अनूप ।। १

भारतीय  परिधान में , लगती हो क्या खूब ।
देख देख कर आपको , हमीं न जाए  डूब ।। २

यौवन ऋतु को देखकर ,  विस्मित होती नार ।
अपनी आभा  में दिखे  ,  उसे सकल  संसार ।।

               महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR देख चाँद  शरमाँ रहा , उसका  सुंदर  रूप ।
होता कोई कवि यहाँ , लिखता छंद अनूप ।। १

भारतीय  परिधान में , लगती हो क्या खूब ।
देख देख कर आपको ,

देख चाँद शरमाँ रहा , उसका सुंदर रूप । होता कोई कवि यहाँ , लिखता छंद अनूप ।। १ भारतीय परिधान में , लगती हो क्या खूब । देख देख कर आपको , #शायरी

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

लेकर  हाथों  में  खड़ी , स्वागत  के वह फूल ।
आते  ही  उपहार  में   ,  दे  दूँ  मन  के  शूल ।।
दे  दूँ  मन  के  शूल , विरह  में  जो  है पाया ।
हरने  मेरी  पीर ,   सखी  साजन  है  आया ।।
रजनीगंधा    फूल ,  गई  हैं   मालिन   देकर ।
पहनी   हूँ   परिधान , नये  संदूक  से  लेकर ।।

०७/१०/२०२२      -       महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR लेकर  हाथों  में  खड़ी , स्वागत  के वह फूल ।
आते  ही  उपहार  में   ,  दे  दूँ  मन  के  शूल ।।
दे  दूँ  मन  के  शूल , विरह  में  जो  है पाया ।

लेकर हाथों में खड़ी , स्वागत के वह फूल । आते ही उपहार में , दे दूँ मन के शूल ।। दे दूँ मन के शूल , विरह में जो है पाया । #कविता

8 Love

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

आसमान से आई हो ,
सुर्ख  तेरा परिधान,
गोरे गोरे मुखडे पे
बिँदिया को गुमान ,

लाज और शर्म से तो
लगती तुम कमाल 
जैसे इस दुनिया में
तुम हो अनजान ,

झुके झुके नैन तेरे
उलझे हुए केश ये
और कैसे हम करें
रूप का बखान ,

सुनो ये चूडिय़ां तुम
किस लिए बजाती हो
तोड मेरे सपनो को
कहलाती नदान ,,

         महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR आसमान से आई हो ,
सुर्ख  तेरा परिधान,
गोरे गोरे मुखडे पे
बिँदिया को गुमान ,

लाज और शर्म से तो
लगती तुम कमाल 
जैसे इस दुनिया में

आसमान से आई हो , सुर्ख तेरा परिधान, गोरे गोरे मुखडे पे बिँदिया को गुमान , लाज और शर्म से तो लगती तुम कमाल जैसे इस दुनिया में #कविता

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