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Rajinder Raina
लड़ गई तुझसे मेरी अखियां, कर गई जादू तेरी अखियां। उस वक्त दम मेरा निकला, अखियों ने जब छेड़ी अखियां। कर दिया सब तिरे हवाले ही, फिर क्यों तूने फेरी अखियां। दिल पे बिजली टूट के गिरती, अखियों ने जब घेरी अखियां। आजकल कुछ दौर ही ऐसा, कर देती हेराफेरी अखियां। "रैना"अब तो जागते रहना, उलझी रहे तेरी मिरी अखियां। "रैना" ©Rajinder Raina लड़ गई तेरी मेरी अखियां #droplets
Vickram
तेरे मेरे दरमियान भी फासले बहुत है । ना जाने हम दोनों भी सोचते बहुत है । मतलब समझ ना सका साथ रहने का में। सायद अपने रिस्ते में कमिया बहुतहै । ,,,,,,,,,!!!!!!!! ©Vickram कमियां तेरी,,, और,,,, मेरी
Nisha Sharma
हटती कहाँ है तेरे "आँखों" से मेरी "अखियाँ" तेरा नाम ले लेकर छेडे मुझे "सखियाँ" हटती कहाँ है तेरे "आँखों" से मेरी "अखियाँ" तेरा नाम ले लेकर छेडे मुझे "सखियाँ"
Vishnu Ahirwar
तेरी गलियों मैं आना जाना है मेरा और तू मुझे नजर अंदाज करती हैं मुझे पता है तू किसी और से प्यार करती हैं ©Vishnu Ahirwar #nakhre तेरी गलियां मैं मेरा आना जाना है
RAHUL VERMA
नदियां माजी के किस्से सुनाती है, किसी शहर को जानना हो, तो भले किताबों को न पढ़ना, नदी को सुनना…… नदियां कुछ कहती है #नदीकेघाटमाँकीबाट #नदीएकप्रेरणा #नदी_के_तट_पे
Words of Sagar
कुछ बाते मेरे दिल में सवाल बनके बैठी है सुबह से शाम तेरा ही ख्याल बनके बैठी है मेरे जिस्म को तो तुम महसूस नहीं होते मगर हो मेरे पास ये मेरी रूह मुझसे कहती है मेरी रूह मुझसे कहती है
TARUN YADAV
मेरी कलम से ....... चारों दिशाओं को कालेे धुयें ने ढंक रखा है रास्ते मेरे सारे अनजान लगनें लगें है सफर मेरा कठिन से कठिन होता जा रहा है,ऐसा नही है कि मेरी यात्रा शुरू से ऐसी थी जब मैने सफर की शुरवात की तो सपनें रंगीन थें और रास्ते मनमोहक बेपरवाही कदमों से उछलते कुदते मै आगे बढ़ता रहा मन में ये विचार घर कर गया कि रास्ते युं ही सुगम और सहज है | पर मैंं गलत था ! सफर की अनजान और भटकानें वाली मोड़ से जब मेरा सामना हुवा तब सच्चाई का पता चला,अब मेरे मन में विचार आ रहा है कि मेरे करीब,मेरे से जुड़े,कुछ मेरे अपनें उन रास्तों से भली भांति परिचित थें,इन मुसाफिरों को मैने अपना हमसफर बनानें से चुक गया | गिरते हपटते आज तक का सफर जैसे तैसे मैने तय किया इस दुर्गम सफर में मैने अपना हौसला,मेरे सपनें और दायित्व सभी को चोटिल किया,पर है किसी की अनुकंपा ! जो मुझे घातक और गंभीर चोट नही लगनें दी, अब यहां तक मैं पहंचा पड़ाव डाल दिया हूं | कुछ पश्चयाताप,थोड़ा अनुभव बहोत सारे विचारों ने बहुत कुछ सिखा दिया | एक मशहूर शायर नें क्या खूब लिखा है --: जिंदगी छोटी नही होती है लोग जीना ही देरी से शुरू करते है ©TARUN YADAV मेरी कलम कहती है कि ......