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Baba Ji
vinni.शायर
मंजिल तक पहुंचने के लिए.. दिल में आग होनी चाहिए... ये सोच रहे या ना रहे खुद पे विश्वास होना चाहिए.. मंजिल तक पहुंचने के लिए.. आग होनी चाहिए.. माना कि बहुत दूर है मंजिल मेरी ये रास्ता भी आसान नही होना चाहिए.. देखे तो सही हम क्या है कैसे है.. ये भी तो सब को मालूम होना चाहिए.. मंजिल तक पहुंचने के लिए.. दिल में आग होनी चाहिए.. तू एक बार ठान ले ये धरती अम्बर ये दरिया समुंदर ये सब भी एक होने चाहिए... देखिए आयेगी मंजिल खुद वे खुद तू खुद एक मशीन होनी चाहिए... मंजिल तक पहुंचने के लिए.. दिल मै आग होनी चाहिए... ©vinni.shayr #मंजिल@ #मंजिल
Juhi Grover
ऊपरी दिखावा मनोवृति को नहीं बदल सकता। बादल के जैसे केवल बादल ही बरस सकता है। #बादल #केवल #ऊपरी #दिखावा #मनोवृति #yqdidi #yqhindi #bestyqhindiquotes
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी अंदाज हम जीवन में अपने खुद के लगा लेते है सीमित सोच बनाकर अहंकार की प्रवर्ती बना लेते है कई रहस्य छिपे है ब्रम्हाण्ड में पोषित जीवन काल तक करते है हवा पानी चाँद सूरज जरा गुल हो जाये हाहाकार धरती के प्राणी करते है धन संपदा तो ऊपरी आवरण है भौतिकता के आविष्कार कर खुशहाल जीवन नही कर सकते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #mountain धन संपदा तो ऊपरी आवरण है #nojotohindi
HarshivaPrakash
समय बरसात का जरूर हैं, किसी की आँखें बरस रही हैं, तो किसी पर प्यार! भीगी हैं जमीं, भीगा आशमां , ये युग है चंद समय का, यहॉ हैं सब निराधार !! निकल पड़ा रफ्तार में, वक्त का ये कारवाँ ! न जाने क्यों मनु भटक रहा, कभी यहां तो कभी वहाँ! कितने गिर गये, कितने गिर कर संभल गये, पर गिराने वालों का, अब भी जारी है, ये सिलसिला !! कोई नजरों से तो, कोई पथ भ्रमित रहा , लाखों बाधाएं आ जाए, सफर-ए-मंजिल पाने में ! चल उठ खड़ा हो (ए राही )अपने पग पर, "न तू हारा हैं और न तू हारेगा, लिख खुद तू अपना इतिहास, तूझे ये जमाना याद करेगा।। । #मंजिल #मंजिल#का#राही
Megha Soni
विकल्प चाहे कितने भी हो मंजिल से भटकाने को, तुम एक ही संकल्प लेना अपनी लक्ष्य को पाने को। मंजिल की जिद #मंजिल
HarshivaPrakash
समय बरसात का जरूर हैं, किसी की आँखें बरस रही हैं, तो किसी पर प्यार! भीगी हैं जमीं, भीगा आशमां , ये युग है चंद समय का, यहॉ हैं सब निराधार !! निकल पड़ा रफ्तार में, वक्त का ये कारवाँ ! न जाने क्यों मनु भटक रहा, कभी यहां तो कभी वहाँ! कितने गिर गये, कितने गिर कर संभल गये, पर गिराने वालों का, अब भी जारी है, ये सिलसिला !! कोई नजरों से तो, कोई पथ भ्रमित रहा , लाखों बाधाएं आ जाए, सफर-ए-मंजिल पाने में ! चल उठ खड़ा हो (ए राही )अपने पग पर, "न तू हारा हैं और न तू हारेगा, लिख खुद तू अपना इतिहास, तूझे ये जमाना याद करेगा।। । #मंजिल #मंजिल#का#राही