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Mr.Duke
सपने और रोज़ी ~रोटी के लिए, हम अपना शहर ही छोड़ देते हैं,, हम लड़के हैं जनाब, अपना घर बनाने के लिए। अपना ही घर छोड़ देते। ©Mr.Duck~AK Shayar रोजी ,और ,रोटी
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी हवा के झोंके डरा रहे है औहदे जितने बड़े है सता रहे है बेचैनी घर ग़यी है सभी के अंदर दिलो में गुस्से के शैलाब आ रहे है फितूर बनाकर मजमा लगा रहे है सब कुछ लगा दाँव पर हमारा वे संसद में ठहाके लगा रहे है चर्चा नही रोजी रोटी पर मगर वे आकड़ो से दिल बहला रहे है झूठ की बुनियाद पर हिंदुस्तान को तबाही की और बढ़ा रहे प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" चर्चा नही रोटी रोजी पर #Hopeless
Praveen Jain "पल्लव"
#MessageOfTheDay पल्लव की डायरी ठगी के सारे कारनामे लोकतंत्र को जलील कर रहे है कुर्सियों के औहदे पाकर नेता मुल्क तबाह कर रहे है छीनकर जनता के अधिकार रोजी रोटी को मोहताज कर रहे है तोड़ कर सारे दम्भ देश को नीलाम कर रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Messageoftheday रोजी रोटी को मोह ताज कर रहे है #Messageoftheday
Keshav pratap Kannaujia
केवल रोजी रोटी कमाना ही बड़ी बात नहीं है,अपने परिवार के साथ बैठकर राजी खुशी रोटी खाना बहुत बड़ी बात है। ©Keshav pratap Kannaujia #boat #Motivational केवल रोजी रोटी कमाना ही बड़ी बात नहीं है,,,,,,
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी कृषि और ऋषी की परंपरा से जब जब भारत भटका है छल कपटो के भंवर जाल में भारत सिमटा है भेष बनाकर फकीरों का जीवन मूल्यों को लूटा है अपनी संस्कृति संस्कारो को हेय बताकर पश्चिमी सभ्यताओ में देश पूरा लिपटा है भोगवाद के आडम्बर में पर्दा पूरा उठा चुके है कर्जे वाली अर्थव्यवस्ताये में भारत पूरा डूबा चुके है गरीबी का दंश देकर जहर पूरे मुल्क में फैला चुके है अपनी रोजी रोटी के मसले को विश्व बैंक के हवाले छोड़ चुके है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" रोजी रोटी का मसला विश्व बैंक के हवाले छोड़ चुके है #HappyDaughtersDay2020
Keshav pratap Kannaujia
केवल रोजी रोटी कमाना ही बड़ी बात नहीं होती अपने परिवार के साथ बैठकर राजी खुशी रोटी खाना बहुत बड़ी बात होती है । ©Keshav pratap Kannaujia #couples #motivatation #Emotional केवल रोजी रोटी कमाना ही बड़ी बात नहीं है,,,,,
Purushottam Rajput
इतनी भी क्या नफरत है आ जाओ खेलो होली। कुंडी लगाकर घर के अंदर, त्यौहार में क्यों सो रही.... ना पीते हैं भांग हम ना कोई देसी दारु फिर क्यो डरते हो हमसे। ज्ञ रंगो की डरिए कैसी..... बताओ! या फिर आओ तुम हैप्पी होली कह जाओ तुम... आप इनायत ऑर्गेनाइजेशन भिलाई