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Kulbhushan Arora
सुप्रभात🙏🏼🙏🏼😍😍🙏🏼🙏🏼, असीम स्नेह के साथ, सहयोग का विश्वास का, परस्पर संयोग हो.... सुप्रभात🙏🏼🙏🏼😍😍🙏🏼🙏🏼, असीम स्नेह के साथ, सहयोग का विश्वास का, परस्पर संयोग हो...., जीवन के श्वसन का, श्रेष्ठतम उपयोग हो, मनुष्य होने का कर्त्
Pramod Kumar
MORINGO HEALTHY LIFE
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *ग्रह और शरीर के अंग* चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार, ज्योतिष के नौ ग्रह शरीर के विभिन्न अंगों से जुड़े हैं। चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार ग्रहों और संबंधित शरीर के अंगों और उनसे जुड़ी बिमारियां निम्न प्रकार हैं ---- *सूर्य* सूर्य हृदय, रीढ़ की हड्डी, पाचन तंत्र, हड्डी संरचना, रक्त, पित्ताशय को नियंत्रित करता है। इससे व्यक्ति तेज बुखार, मानसिक रोग, जोड़ों के विकार, हृदय की परेशानी, गंजापन आदि से पीड़ित हो सकते हैं। *चन्द्रमा* चंद्र अंडाशय, भावनाओं, शरीरिक तरल पदार्थ, स्तन, टॉन्सिल, लसीका, ग्रंथियों आदि को नियंत्रित करता है। चंद्रमा की कमजोर स्थिति मुंह, तिल्ली, गर्भाशय, तंत्रिका संबंधी विकार, सुस्ती आदि से संबंधित बीमारियों का कारण बनती है। *मंगल* मंगल पित्त को नियंत्रित करता है। मंगल धमनियों, प्रजनन प्रणाली, दांत, नाखून, बाल, आंत और नाक को कवर करता है। कमजोर शुक्र जलने, फ्रैक्चर, घाव, त्वचा पर चकत्ते, ट्यूमर, टाइफाइड आदि का कारण बनता है। *बुध* बुध वात पर शासन करता है। पित्त और कफ। बुध मस्तिष्क, श्वसन प्रणाली और तंत्रिकाओं को नियंत्रित करता है। इसकी कमजोर स्थिति गैस्ट्रिक जूस, हाथ, भुजा, गर्दन के निचले हिस्से, नपुंसकता, सिर चकराना आदि से संबंधित विकारों का संकेत देती है। *बृहस्पति* गुरु लीवर, गुर्दे, मस्तिष्क, तिल्ली आदि का कारक है। कमजोर बृहस्पति कान, मधुमेह, अग्न्याशय, याद्दाशत आदि से संबंधित बीमारियों का कारण बनता है। *शुक्र* शुक्र वात और कफ को नियंत्रित करता है। यह पाचन तंत्र, किडनी, प्रजनन प्रणाली, यौन अंग, त्वचा, गले आदि को नियंत्रित करता है। कमजोर शुक्र मूत्र मार्ग, एनीमिया, मूत्राशय, मोतियाबिंद, नपुंसकता आदि से संबंधित रोगों और व्याधियों का कारण बनता है। *शनि* शनि वात (गैस), त्वचा, नसों, हड्डियों और कंकाल को नियंत्रित करता है। शनि के प्रभाव से शारीरिक कमजोरी, पेट दर्द, अंधापन, बहरापन आदि होता है। *राहु* राहु पैर, गर्दन, फेफड़े, श्वास आदि यह वात और कफ को नियंत्रित करता है। प्रभावित राहु के कारण मोतियाबिंद, अल्सर, सांस लेने की समस्या, हकलाना, तिल्ली की समस्या आदि हो जाते हैं। *केतु* केतु पेट और पंजों को नियंत्रित करता है। कमजोर और दुर्बल केतु कान की समस्याओं, आंखों के रोग, पेट दर्द, शारीरिक कमजोरी व अन्य परेशानियों का कारण बनता है॥ 🙏अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *ग्रह और शरीर के अंग* चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार, ज्योतिष के नौ
N S Yadav GoldMine
अगर मधुमेह रोगी इसका सेवन करते हैं तो ग्लूकोज के स्तर में सुधार किया जा सकता है विस्तार से जाने !! 🍓🍓 {Bolo Ji Radhey Radhey} काली किशमिश :-🍊 काली किशमिश में निम्न से मध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) पाया जाता है, जिसके कारण इसमें पाया जाने वाला कार्बोहाइड्रेट रक्त शर्करा के स्तर को बहुत अधिक प्रभावित नहीं करता। इतना ही नहीं, कुछ अध्ययनों के अनुसार, अगर मधुमेह रोगी काली किशमिश का सेवन करते हैं तो इससे टाइप 2 मधुमेह रोगियों में ग्लूकोज के स्तर में सुधार किया जा सकता है। 🍊 काली किशमिश को अगर पोषक तत्वों का पावरहाउस कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यह वास्तव में सूखे अंगूरों की ही एक किस्म है। इन किशमिशों में आम तौर पर बीज नहीं होते हैं और वे स्वाद में मीठी होती हैं। इनकी प्राकृतिक मिठास के कारण ही इन्हें अमूमन कुकीज, केक, और पाई जैसी डिशेज में इस्तेमाल किया जाता है। वैसे इनका प्रयोग कई बीमारियों खांसी और श्वसन तंत्र में सूजन आदि के लिए दवा बनाने में भी किया जाता है। वैसे इनमें कई तरह के पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, पोटेशियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, कैल्शियम, लोहा, सोडियम, विटामिन सी और फोलेट आदि पाया जाता है। तो चलिए जानते हैं काले किशमिश से सेहत को होने वाले कुछ जबरदस्त फायदों के बारे में 🍊 काली किशमिश ओरल हेल्थ के लिए काफी अच्छे माने गए हैं। एक शोध के अुनसार, किशमिश में एंटीमाइक्रोबियल यौगिक जैसे ओलीनोलिक एसिड, ओलीनोलिक एल्डिहाइड, लिनोलिक एसिड और लिनोलेनिक एसिड होते हैं। जो आपकी ओरल हेल्थ का ख्याल रखते हैं और आपको कैविटी व मसूड़ों की बीमारी से बचाते हैं। डायबिटीज रोगियों के लिए लाभदायक :-🍊 काली किशमिश में निम्न से मध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) पाया जाता है, जिसके कारण इसमें पाया जाने वाला कार्बोहाइड्रेट रक्त शर्करा के स्तर को बहुत अधिक प्रभावित नहीं करता। इतना ही नहीं, कुछ अध्ययनों के अनुसार, अगर मधुमेह रोगी काले किशमिश का सेवन करते हैं तो इससे टाइप 2 मधुमेह रोगियों में ग्लूकोज के स्तर में सुधार किया जा सकता है। याददाश्त में सुधार :-🍊 अगर आप लंबे समय तक अपनी याददाश्त को बेहतर बनाए रखना चाहते हैं तो काली किशमिश का सेवन आपको जरूर करना चाहिए। इसमें पाए जाने वाले एंटी−ऑक्सीडेंट्स आपकी मेमोरी को बूस्टअप करने का काम करते हैं। कैंसर को रोकने में मददगार :-🍊 आपको शायद जानकर हैरानी हो लेकिन काले किशमिश कैंसर को रोकने में भी सहायक है। इन सूखे अंगूरों में फेनोलिक यौगिक पाया जाता है, जो कोलन कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद करती हैं। पाचन में सहायक :-🍊 काली किशमिश पाचन तंत्र के लिए भी बेहद लाभदायक है। यह आपके बाउल मूवमेंट को बेहतर बनाती हैं। खासतौर से, काले किशमिश में फाइबर प्रचुर मात्रा में होने के कारण यह कब्ज होने की संभावना को भी काफी हद तक कम कर देती है। ©N S Yadav GoldMine अगर मधुमेह रोगी इसका सेवन करते हैं तो ग्लूकोज के स्तर में सुधार किया जा सकता है विस्तार से जाने !! 🍓🍓 {Bolo Ji Radhey Radhey} काली किशमिश :-
Mularam Bana
वायु प्रदूषण प्रदूषण की एक परिभाषा यह भी हो सकती है कि ''पर्यावरण प्रदूषण उस स्थिति को कहते हैं जब मानव द्वारा पर्यावरण में अवांछित तत्वों ए
भाग्य श्री बैरागी
मेरी पोटली कहानी का आख़िरी अंश है कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें। सुप्रभात,,🙏🏻🙏🏻 कहानी के बाकि भाग #मेरी_पोटली_कहानी पर पढ़ें। यह कहानी का आख़िरी अंश है, आख़िरी अंश है इसलिए थोड़ा बड़ा है कृपया समय निकालकर