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TEJPAL

*जिंदगी के पांच कटु सत्य* 
1. मां के सिवा कोई वफादार नहीं हो सकता।
2. गरीब का कोई दोस्त नहीं हो सकता।
3. आज भी लोग अच्छी सोच को नहीं अच्छी सूरत को तरजीह देते हैं।
4. इज्जत सिर्फ पैसे की होती है इंसान की नहीं।
5. जिस इंसान को अपना खास समझो वही सबसे ज्यादा दुख देता है।
5. मुफ्त में सलाह हर जगह उपलब्ध है।

©TEJPAL # आप कौन हैं?

# आप कौन हैं? #विचार

8 Love

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Kabir Thakur

ऐसा कोई गुनाह भी मैंने नही किया 
अब तक हैं आप मुझसे ख़फ़ा आप कौन हैं

मैं उसके साथ साथ रहा 
और खुश रहा 
फिर उसने मुझसे पूछ लिया आप कौन हैं

कबीर घर मे हैं ज़रा उसको बुलाइये
वो तो मकान छोड़ गया आप कौन हैं.....

#कबीर.....

©Kabir Thakur आप कौन हैं.....

आप कौन हैं..... #Love #कबीर

10 Love

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Kanhaiya Saini

आप कौन हैं?...

#Motivation

आप कौन हैं?... #Motivation #विचार

91 Views

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encourage.to_live

आप कौन हैं इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता, फ़र्क़ इससे पड़ता है कि आप इंसान कैसे हैं।

आप कौन हैं इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता, फ़र्क़ इससे पड़ता है कि आप इंसान कैसे हैं। #Thoughts

150 Views

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KISHAN KORRAM

दस्तक दे कर दिल पर
आग लगा कर चल दिये
अंजान हैं मेरे दर्द से वो शख़्स
कहते हैं आप कौन हैं?

~©Reserved by #Kishan Korram
07 Dec. 2019 #दस्तक दे कर दिल पर
आग लगा कर चल दिये
अंजान हैं मेरे दर्द से वो शख़्स
कहते हैं आप कौन हैं?

~©Reserved by #Kishan Korram
07 Dec. 2019

#दस्तक दे कर दिल पर आग लगा कर चल दिये अंजान हैं मेरे दर्द से वो शख़्स कहते हैं आप कौन हैं? ~©Reserved by #kishan Korram 07 Dec. 2019 #शायरी

12 Love

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Shravan Goud

आप कौन हैं

अपने आपसे प्रश्न कीजिए आप कौन हैं, क्या करना है, यह रिश्ते नाते क्या है, एक न एक दिन आपको संसार छोडकर जाना है और कहां जाना है। जिस दिन इन सबका उत्तर मिल जाएगा वो दिन आपका अपना होगा बाकी सब मिथ्या भ्रम है। अपने आपसे प्रश्न कीजिए #आप कौन हैं#, क्या करना है, यह रिश्ते नाते क्या है, एक न एक दिन आपको संसार छोडकर जाना है और कहां जाना है। जिस दिन इन

अपने आपसे प्रश्न कीजिए #आप कौन हैं#, क्या करना है, यह रिश्ते नाते क्या है, एक न एक दिन आपको संसार छोडकर जाना है और कहां जाना है। जिस दिन इन

0 Love

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i am Voiceofdehati

आप अपने चरित्र की चिंता करें, उसे सही बनाए रखिए आपको अपने प्रतिष्ठा की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं। 
क्योंकि आपका चरित्र यह बताता कि आप कौन हैं, और आपकी प्रतिष्ठा वह है जो लोग सोचते हैं कि आप हैं। आप अपने चरित्र की चिंता करें, उसे स्वच्छ बनाए रखिए आपको अपने प्रतिष्ठा की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं। 
क्योंकि आपका चरित्र यह बताता कि आप

आप अपने चरित्र की चिंता करें, उसे स्वच्छ बनाए रखिए आपको अपने प्रतिष्ठा की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं। क्योंकि आपका चरित्र यह बताता कि आप #lifequotes #yqdidi #myquote #मेरीक़लमसे #चरित्रमुल्यांकन #voiceofdehati #देहाती_बाबा

1 Love

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vibrant.writer

The night quietly sings a song which I never hear before but when I start to hear it I love that. Nights are not always the fearful and black dark craziness. it's the chance to know yourself because in the night you are alone with your own self. That's why I say nights are not for sleep it is the time when you can understand your own being who you are? And  what you do here on this planet called the Earth ?  #quietlysings 
रात चुपचाप गाने गाती है जो मैंने पहले कभी नहीं सुने लेकिन जब मैंने इसे सुनना शुरू किया तो मुझे बहुत अच्छा लगा।  नाइट्स हमेशा

#quietlysings रात चुपचाप गाने गाती है जो मैंने पहले कभी नहीं सुने लेकिन जब मैंने इसे सुनना शुरू किया तो मुझे बहुत अच्छा लगा। नाइट्स हमेशा #yqbaba #YourQuoteAndMine #yqhindi #latenightquotes #vibrant_writer #pritliladabar #EKLAVYA

0 Love

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M.k.kanaujiya

🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰
आप कौन हैं,क्या हैं, कैसे हैं,
कितने अच्छे और कितने बुरे हैं।
आपको,आपसे ज्यादा 
कोई नहीं जानता है ।
आपकी कमजोरी क्या है
आप कहां से टूट सकते हो
किन परिस्थितियों का सामना
करने में आप कमज़ोर हैं
ये सब बातें, ज़िंदगी के ओ सिक्रेट्स हैं
जो इंसान को हमेशा कमजोर कर देती हैं
इसलिए...
जब हम किसी नए व्यक्ति से
जुड़ते हैं,
उस व्यक्ति से तब तक ऐ सिक्रेट्स
शेयर ना करें
जब तक आप उसके बारे में अच्छे से न जान लें,
अगर आप इन बातों को फॉलो करते हैं
तो आपको कभी कोई हरा नहीं सकता।
क्यूंकि ये सिक्रेट्स इंसान की सबसे बड़ी
 कमजोरी होती हैं।।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
(अपने जीवन के राज़ छुपाओ हमेशा खुश रहो)
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐

©M.K.kanaujiya #🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰
आप कौन हैं,क्या हैं, कैसे हैं,
कितने अच्छे और कितने बुरे हैं।
आपको,आपसे ज्यादा 
कोई नहीं जानता है ।
आपकी कमजोरी क्या है
आप कहा

#🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰 आप कौन हैं,क्या हैं, कैसे हैं, कितने अच्छे और कितने बुरे हैं। आपको,आपसे ज्यादा कोई नहीं जानता है । आपकी कमजोरी क्या है आप कहा

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Vikas Sharma Shivaaya'

ऊं बृं बृहस्पतये नम:

“बूझत स्याम कौन तू गोरी-कहां रहति काकी है बेटी देखी नहीं कहूं ब्रज खोरी॥
काहे को हम ब्रजतन आवतिं खेलति रहहिं आपनी पौरी-सुनत रहति स्त्रवननि नंद ढोटा करत फिरत माखन दधि चोरी॥
तुम्हरो कहा चोरि हम लैहैं खेलन चलौ संग मिलि जोरी-सूरदास प्रभु रसिक सिरोमनि बातनि भुरइ राधिका भोरी॥ “
जब श्री कृष्ण पहली बार राधा जी  से मिले, तो उन्होंने राधा जी से पूछा, हे गोरी-आप कौन हैं, आप कहा रहती हैं, किसकी बेटी है, मैंने आपको इससे पहले ब्रज की गलियों में कभी नहीं देखा। तुम इस ब्रज में क्यों आई, अपने ही घर के आंगन में खेलती? यह सुनकर, राधा ने कहा, मैं सुनी थी कि नंदजी का लड़का माखन चोरी करता है। तब कृष्ण ने बात बदलते हुए कहा, लेकिन हम आपसे क्या चुराएंगे। ठीक है, हम दोनों साथ खेलते हैं। सूरदास कहते हैं कि इस तरह कृष्ण ने राधा को उन्हीं बातों में गुमराह किया।

🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' ऊं बृं बृहस्पतये नम:

“बूझत स्याम कौन तू गोरी-कहां रहति काकी है बेटी देखी नहीं कहूं ब्रज खोरी॥
काहे को हम ब्रजतन आवतिं खेलति रहहिं आपनी पौरी

ऊं बृं बृहस्पतये नम: “बूझत स्याम कौन तू गोरी-कहां रहति काकी है बेटी देखी नहीं कहूं ब्रज खोरी॥ काहे को हम ब्रजतन आवतिं खेलति रहहिं आपनी पौरी #समाज

11 Love

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Arsh

#RIPPriyankaReddy Feel It Now
=========
वह टी.वी. के बहुत तेज-तर्रार एंकर माने जाते थे।अपना पूरा ख्याल रखने वाले और इतने बड़े कि उन्हें सरकार ने राज्य सभा में भी मनोनीत कर दिया था। विपक्ष कि ऐसी -तैसी कर देते जब वे बोलना शुरू कर देते।
उनके कार्यक्रमों में निर्भया की माँ को
भी अक्सर बुलाया जाता।
कोई हफ्ता ऐसा गुजरता जब वे
उस निर्भया की माँ को न बुलाते

                  In Caption आज सुबह उठकर मॉर्निंग वाक के लिए बाहर निकले तो उनकी निगाह पोस्टरों पर गई।
"जगत शर्मा जी की बेटी और पत्नी का बलात्कार नहीं हुआ है, हम इसके लि

आज सुबह उठकर मॉर्निंग वाक के लिए बाहर निकले तो उनकी निगाह पोस्टरों पर गई। "जगत शर्मा जी की बेटी और पत्नी का बलात्कार नहीं हुआ है, हम इसके लि #RIPPriyankaReddy

70 Love

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Shashi Aswal

निकाह...
(Read in caption)

 
निकाह...

अरे नफीसा अगर शन्नो का वहाँ निकाह मुकम्मल हो गया ना तो वहाँ राज करेगी राज।

दरवाजे की आवाज़ से वो अतीत के ख्यालों से निकली। एक सा

निकाह... अरे नफीसा अगर शन्नो का वहाँ निकाह मुकम्मल हो गया ना तो वहाँ राज करेगी राज। दरवाजे की आवाज़ से वो अतीत के ख्यालों से निकली। एक सा #yqbaba #yqdidi #जिस्मफरोशी #volatilesoulquotes

1 Love

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KP EDUCATION HD

KP NEWS for the same for me to 565

©कंवरपाल प्रजापति टेलर
  ग्वाले की उम्र कम थी। संत के इन कर्मों को समझने के लिए वह आश्रम में पहुंचा और संत से पूछा कि आप रोज ये सब क्या करते हैं?

संत ने बताया कि मै

ग्वाले की उम्र कम थी। संत के इन कर्मों को समझने के लिए वह आश्रम में पहुंचा और संत से पूछा कि आप रोज ये सब क्या करते हैं? संत ने बताया कि मै #न्यूज़

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Jyoti choudhary

कान्हा बजाए मुरली द्वारका में। 
राधा झूमे नाचे वृंदावन में।।  Lord Radha Krishna cute love   
 story Gyz Follow#panku_writer

सहसा = एकाएक , अचानक , अकस्मात , एकदम , शीघ्रता से 
सहसा = ENGLISH= SUDDENLY

Lord Radha Krishna cute love story Gyz Followpanku_writer सहसा = एकाएक , अचानक , अकस्मात , एकदम , शीघ्रता से सहसा = ENGLISH= SUDDENLY #lifequotes #YourQuoteAndMine #राधे_कृष्णा #poem_panku

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N S Yadav GoldMine

कुरु वन्स की उतपत्ति:- पुराणो के अनुसार ब्रह्मा जी से अत्रि, अत्रि से चन्द्रमा, चन्द्रमा से बुध, और बुध से इलानन्दन पुरूरवा का जन्म हुआ। पुरूरवा से आयु, आयु से राजा नहुष, और नहुष से ययाति उत्पन्न हुए। ययाति से पुरू हुए। पूरू के वंश में भरत और भरत के कुल में राजा कुरु हुए। 

कुरु के वंश में शान्तनु का जन्म हुआ। शान्तनु से गंगानन्दन भीष्म उत्पन्न हुए। उनके दो छोटे भाई और थे – चित्रांगद और विचित्रवीर्य। ये शान्तनु से सत्यवती के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। शान्तनु के स्वर्गलोक चले जाने पर भीष्म ने अविवाहित रह कर अपने भाई विचित्रवीर्य के राज्य का पालन किया।
 
भीष्म महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक हैं। ये महाराजा शांतनु के पुत्र थे। अपने पिता को दिये गये वचन के कारण इन्होंने आजीवन ब्रह्मचर्य का व्रत लिया था। इन्हें इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था। 

 एक बार हस्तिनापुर नरेश दुष्यंत आखेट खेलने वन में गये। जिस वन में वे शिकार के लिये गये थे उसी वन में कण्व ऋषि का आश्रम था। कण्व ऋषि के दर्शन करने के लिये महाराज दुष्यंत उनके आश्रम पहुँच गये। पुकार लगाने पर एक अति लावण्यमयी कन्या ने आश्रम से निकल कर कहा, हे राजन् महर्षि तो तीर्थ यात्रा पर गये हैं, किन्तु आपका इस आश्रम में स्वागत है। 
 
 उस कन्या को देख कर महाराज दुष्यंत ने पूछा, बालिके आप कौन हैं? बालिका ने कहा, मेरा नाम शकुन्तला है और मैं कण्व ऋषि की पुत्री हूँ। उस कन्या की बात सुन कर महाराज दुष्यंत आश्चर्यचकित होकर बोले, महर्षि तो आजन्म ब्रह्मचारी हैं फिर आप उनकी पुत्री कैसे हईं? 
 
 उनके इस प्रश्न के उत्तर में शकुन्तला ने कहा, वास्तव में मेरे माता-पिता मेनका और विश्वामित्र हैं। मेरी माता ने मेरे जन्म होते ही मुझे वन में छोड़ दिया था जहाँ पर शकुन्त नामक पक्षी ने मेरी रक्षा की। इसी लिये मेरा नाम शकुन्तला पड़ा। 
 
 उसके बाद कण्व ऋषि की दृष्टि मुझ पर पड़ी और वे मुझे अपने आश्रम में ले आये। उन्होंने ही मेरा भरन-पोषण किया। जन्म देने वाला, पोषण करने वाला तथा अन्न देने वाला – ये तीनों ही पिता कहे जाते हैं। इस प्रकार कण्व ऋषि मेरे पिता हुये। 
 
 शकुन्तला के वचनों को सुनकर महाराज दुष्यंत ने कहा, शकुन्तले तुम क्षत्रिय कन्या हो। यदि तुम्हें किसी प्रकार की आपत्ति न हो तो मैं तुमसे विवाह करना चाहता हूँ। शकुन्तला भी महाराज दुष्यंत पर मोहित हो चुकी थी, अतः उसने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। दोनों नें गन्धर्व विवाह कर लिया। कुछ काल महाराज दुष्यंत ने शकुन्तला के साथ विहार करते हुये वन में ही व्यतीत किया। 
 
 फिर एक दिन वे शकुन्तला से बोले, प्रियतमे मुझे अब अपना राजकार्य देखने के लिये हस्तिनापुर प्रस्थान करना होगा। महर्षि कण्व के तीर्थ यात्रा से लौट आने पर मैं तुम्हें यहाँ से विदा करा कर अपने राजभवन में ले जाउँगा।

 इतना कहकर महाराज ने शकुन्तला को अपने प्रेम के प्रतीक के रूप में अपनी स्वर्ण मुद्रिका दी और हस्तिनापुर चले गये। 

 एक दिन उसके आश्रम में दुर्वासा ऋषि पधारे। महाराज दुष्यंत के विरह में लीन होने के कारण शकुन्तला को उनके आगमन का ज्ञान भी नहीं हुआ और उसने दुर्वासा ऋषि का यथोचित स्वागत सत्कार नहीं किया। दुर्वासा ऋषि ने इसे अपना अपमान समझा और क्रोधित हो कर बोले, बालिके मैं तुझे शाप देता हूँ कि जिस किसी के ध्यान में लीन होकर तूने मेरा निरादर किया है, वह तुझे भूल जायेगा। 
 
 दुर्वासा ऋषि के शाप को सुन कर शकुन्तला का ध्यान टूटा और वह उनके चरणों में गिर कर क्षमा प्रार्थना करने लगी। शकुन्तला के क्षमा प्रार्थना से द्रवित हो कर दुर्वासा ऋषि ने कहा, अच्छा यदि तेरे पास उसका कोई प्रेम चिन्ह होगा तो उस चिन्ह को देख उसे तेरी स्मृति हो आयेगी। 
 
 महाराज दुष्यंत से विवाह से शकुन्तला गर्भवती हो गई थी। कुछ काल पश्चात् कण्व ऋषि तीर्थ यात्रा से लौटे तब शकुन्तला ने उन्हें महाराज दुष्यंत के साथ अपने गन्धर्व विवाह के विषय में बताया। इस पर महर्षि कण्व ने कहा, पुत्री विवाहित कन्या का पिता के घर में रहना उचित नहीं है। 
 
 अब तेरे पति का घर ही तेरा घर है। इतना कह कर महर्षि ने शकुन्तला को अपने शिष्यों के साथ हस्तिनापुर भिजवा दिया। मार्ग में एक सरोवर में आचमन करते समय महाराज दुष्यंत की दी हुई शकुन्तला की अँगूठी, जो कि प्रेम चिन्ह थी, सरोवर में ही गिर गई। उस अँगूठी को एक मछली निगल गई। 
 
 महाराज दुष्यंत के पास पहुँच कर कण्व ऋषि के शिष्यों ने शकुन्तला को उनके सामने खड़ी कर के कहा, महाराज शकुन्तला आपकी पत्नी है, आप इसे स्वीकार करें। महाराज तो दुर्वासा ऋषि के शाप के कारण शकुन्तला को विस्मृत कर चुके थे। अतः उन्होंने शकुन्तला को स्वीकार नहीं किया और उस पर कुलटा होने का लाँछन लगाने लगे। शकुन्तला का अपमान होते ही आकाश में जोरों की बिजली कड़क उठी और सब के सामने उसकी माता मेनका उसे उठा ले गई। 
 
 जिस मछली ने शकुन्तला की अँगूठी को निगल लिया था, एक दिन वह एक मछुआरे के जाल में आ फँसी। जब मछुआरे ने उसे काटा तो उसके पेट अँगूठी निकली। मछुआरे ने उस अँगूठी को महाराज दुष्यंत के पास भेंट के रूप में भेज दिया। अँगूठी को देखते ही महाराज को शकुन्तला का स्मरण हो आया और वे अपने कृत्य पर पश्चाताप करने लगे। महाराज ने शकुन्तला को बहुत ढुँढवाया किन्तु उसका पता नहीं चला।
 
 कुछ दिनों के बाद देवराज इन्द्र के निमन्त्रण पाकर देवासुर संग्राम में उनकी सहायता करने के लिये महाराज दुष्यंत इन्द्र की नगरी अमरावती गये। संग्राम में विजय प्राप्त करने के पश्चात् जब वे आकाश मार्ग से हस्तिनापुर लौट रहे थे तो मार्ग में उन्हें कश्यप ऋषि का आश्रम दृष्टिगत हुआ। उनके दर्शनों के लिये वे वहाँ रुक गये। आश्रम में एक सुन्दर बालक एक भयंकर सिंह के साथ खेल रहा था। मेनका ने शकुन्तला को कश्यप ऋषि के पास लाकर छोड़ा था तथा वह बालक शकुन्तला का ही पुत्र था। उस बालक को देख कर महाराज के हृदय में प्रेम की भावना उमड़ पड़ी। 
 
 वे उसे गोद में उठाने के लिये आगे बढ़े तो शकुन्तला की सखी चिल्ला उठी, हे भद्र पुरुष आप इस बालक को न छुयें अन्यथा उसकी भुजा में बँधा काला डोरा साँप बन कर आपको डस लेगा। यह सुन कर भी दुष्यंत स्वयं को न रोक सके और बालक को अपने गोद में उठा लिया। अब सखी ने आश्चर्य से देखा कि बालक के भुजा में बँधा काला गंडा पृथ्वी पर गिर गया है। सखी को ज्ञात था कि बालक को जब कभी भी उसका पिता अपने गोद में लेगा वह काला डोरा पृथ्वी पर गिर जायेगा। 
 
 सखी ने प्रसन्न हो कर समस्त वृतान्त शकुन्तला को सुनाया। शकुन्तला महाराज दुष्यंत के पास आई। महाराज ने शकुन्तला को पहचान लिया। उन्होंने अपने कृत्य के लिये शकुन्तला से क्षमा प्रार्थना किया और कश्यप ऋषि की आज्ञा लेकर उसे अपने पुत्र सहित अपने साथ हस्तिनापुर ले आये। महाराज दुष्यंत और शकुन्तला के उस पुत्र का नाम भरत था। 
 बाद में वे भरत महान प्रतापी सम्राट बने और उन्हीं के नाम पर हमारे देश का नाम भारतवर्ष हुआ।

©N S Yadav GoldMine कुरु वन्स की उतपत्ति:- पुराणो के अनुसार ब्रह्मा जी से अत्रि, अत्रि से चन्द्रमा, चन्द्रमा से बुध, और बुध से इलानन्दन पुरूरवा का जन्म हुआ। पुर

कुरु वन्स की उतपत्ति:- पुराणो के अनुसार ब्रह्मा जी से अत्रि, अत्रि से चन्द्रमा, चन्द्रमा से बुध, और बुध से इलानन्दन पुरूरवा का जन्म हुआ। पुर #Travel #पौराणिककथा

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Vikas Sharma Shivaaya'

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

      🌹 "श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
        हे नाथ नारायण वासुदेवा।"🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भगवान कृष्ण का जन्म कारावास में हुआ, देवता होने के कारण उनमें प्रबल शक्ति थी,कंस को ये आकाशवाणी के माध्यम से ज्ञात हो चुका था कि देवकी की आठवीं सन्तान उसकी मृत्यु का कारण बनेगी...,
इस कारण अनगिनत नवजात बच्चों की हत्या कंस ने कराई, किन्तु जिसका विनाश निश्चित है उसे नहीं रोका जा सकता-भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को श्रीकृष्ण का जन्म  रात्रि 12 बजे हुआ और उसी रात उनके पिता वासुदेव ने उन्हें यशोदा के पास पहुंचाया...
श्रीकृष्ण का लालन पालन माता यशोदा ने किया जबकि उनकी जन्मदात्री देवकी थीं, भक्तों के रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने कृष्ण का अवतार लिया...,

  🌹"एक मात्र स्वामी तुम सखा हमारे
        हे नाथ नारायण वासुदेवा।"🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हिंदू धर्म में लोग मुख्यतः 3 पुरुषों/देवों की भक्ति करते है, जो हैं:-
रजगुण प्रधान भगवान ब्रह्मा, 
सतगुण प्रधान भगवान विष्णु, 
तमगुण प्रधान भगवान शिव...
भगवान श्री कृष्ण को भगवान श्री विष्णु जी का ही आठवां अवतार कहा जाता है...,

🌹"गोविंद जय जय, गोपाल जय जय
 राधा रमण हरी, गोविंद जय जय।"🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हमें सदा से ही बताया जा रहा है कि गीता का ज्ञान देने वाला भगवान श्रीकृष्ण है परंतु वास्तव में गीता का ज्ञान भगवान श्री कृष्ण ने नहीं बल्कि उनके पिता ब्रह्म ने दिया है, इसे ही ज्योतिनिरंजन या क्षर पुरुष भी कहते हैं, अभी तक जिन्होंने गीता का अर्थ निकाला है उन्होंने भगवान श्री कृष्ण को ही गीता का ज्ञान दाता कहा है परंतु गीता जी में ही गीता ज्ञान दाता ने अपना परिचय दिया और कहा है कि मैं काल ब्रह्म हूं...इसका प्रमाण गीता अध्याय 11 के श्लोक 32 और 47 में है जब कृष्ण ने अपना विराट रूप दिखाया तब अर्जुन ने डर से कांपते हुए पूछा भगवान आप कौन हैं- तब कृष्ण जी ने गीता अध्याय 11 के श्लोक 32 में कहा कि “अर्जुन! मैं बढ़ा हुआ काल हूँ-अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ...”

गीता अध्याय 11 के श्लोक 46 में कहा है कि “हे हजार भुजाओं वाले आप अपने चतुर्भुज रूप में दर्शन दीजिए” इस पर गीता अध्याय 11 के श्लोक 47 में कृष्ण रूप में कालब्रह्म ने कहा कि:“अर्जुन मैंने प्रसन्न होकर तेरी दिव्य दृष्टि खोलकर यह विराट रूप तुझे दिखाया है जिसे तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने भी नहीं देखा...,”

अन्य बात यह स्पष्ट होती है कि कृष्ण जी केवल चार भुजाओं के स्वामी हैं, चार भुजाओं के स्वामी ब्रह्मा जी एवं श्री शिवजी भी हैं-वहीं आदि शक्ति आठ भुजाओं की स्वामिनी हैं और उनके पति यानी तीनों देवों के पिता ज्योति निरजंन की एक हजार भुजाएं हैं ,जब ये देव अपने अवतार में होते हैं तो किसी भी परिस्थिति में अपनी भुजाओं से अधिक नहीं दिखा सकते...,

🌹"नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की
हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की।"🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भगवान श्री कृष्ण को वैसे तो जगदगुरु, सर्वव्यापी न जाने कितने नामों, रूपों से जाना जाता है. लेकिन, नीति के हिसाब से देखें तो वाकई श्री कृष्ण से बड़ा कोई मैनेजमेंट गुरु नहीं है. यही नहीं, श्रीमद्भागवत गीता तो खुद अपने आप में मैनेजमेंट का सबसे बड़ा ग्रंथ है...,
"हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे।
हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे।।"

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की 
🌹"अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं"🌹
आखिर में एक ही बात समझ आई की कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन.
मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि ॥ 
यानी केवल कर्म करना हमारे वश में है उसका नतीजा क्या होगा यह हमारे अधिकार में नहीं. कहने का मतलब कि जीवन में हमें केवल कर्म करते रहना है. जीवन के हर मोड़ पर आने वाली बाधाओं को पार कर आगे बढ़ते जाना है. हमारी जीत होगी या हार, यह सोचे बिना आगे बढ़ते रहना है. कृष्ण का यह उपदेश वर्तमान समय में बहुत ही उपयोगी है...!

*Affirmation on Krishna Janmashtami:* 🦚
(Touch your Heart with your right hand, gently tap it a few times)
_Repeat 7 Times:_

I am one with Krishna and Krishna is within me, Krishna expresses divine love, compassion, and peace through my being. Omnipotent Krishna is now adjusting, harmonizing, and prospering everything in my mind, heart, activities and life that needs to be adjusted, harmonized and prospered, and in the minds, hearts, activities, and lives, of everyone that is dear to me. 
Thank you so much my beloved Krishna 🙏

The Holy Name Lord Krishna signifies- “I am present here, my mercy is here, my love is here; please receive it, please accept it, please feel it”. Nothing is impossible for Krishna and thus, nothing is impossible for the one who takes shelter and surrendering to Kanha. Krishna the epitome of "divine compassion" is in our hearts and He is a genuine friend to all living beings. Prioritize your spiritual life – you are not going to feel emptiness when you experience real spiritual happiness.

अपनी दुआओं में हमें याद रखें 

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

      🌹 "श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
        हे नाथ नारायण वा

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 🌹 "श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वा #समाज

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AB

May be something important,..— % &  हम सभी का बचपन से ही अपना - अपना एक mind set है और mind pattern है चीजों को सोचने का उन्हें understand करने का और इसके बाद action लेने का औ

हम सभी का बचपन से ही अपना - अपना एक mind set है और mind pattern है चीजों को सोचने का उन्हें understand करने का और इसके बाद action लेने का औ

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©'अल्प    कौन नहीं जानता होगा स्वामी विवेकानंद जी को,.. जिनके अति प्रभावशाली विचारों ने लोगों को प्रभावित ही नहीं अपितु एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण के

कौन नहीं जानता होगा स्वामी विवेकानंद जी को,.. जिनके अति प्रभावशाली विचारों ने लोगों को प्रभावित ही नहीं अपितु एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण के #paidstory

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Verti....

Kuch chize waqt aur haalat tay karti hai...
Paisa kya h , zarurat e aam tay krti hai..
Lagta h waqt sachchi mohabbat paine mai..
Uska mol b khuda tai karta hai..
Itna aasan b nhi kisi p mohabbat luta dena..
Ye kissa b aapki umar tai krti hai.. *पापी मौज में, पुण्यात्मा कष्ट में. ये कैसा न्याय! ईश्वर हैं भी या नहीं?* 

*आपके मन में कभी भी ऐसे प्रश्न आते हैं क्या- मैं तो इतनी पूजा-पा

*पापी मौज में, पुण्यात्मा कष्ट में. ये कैसा न्याय! ईश्वर हैं भी या नहीं?* *आपके मन में कभी भी ऐसे प्रश्न आते हैं क्या- मैं तो इतनी पूजा-पा

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 9 - सेवा का प्रभाव 'या खुदा, अब आगे को रास्ता भी नहीं है।' सवार घोड़े से कूद पड़ा।

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 9 - सेवा का प्रभाव 'या खुदा, अब आगे को रास्ता भी नहीं है।' सवार घोड़े से कूद पड़ा।

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Ayush Sharma

एक सो रहा था 
एक पढ़ रहा था
एक पढ़ने वाले को खिला रहा था।
पूरी दुनिया दूसरी ओर देख रही थी
और देखने वाला दुनिया को दिखा रहा थ। आप कौन से "एक" हैं

आप कौन से "एक" हैं #शायरी

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Prem Nirala

कभी किसी इंसान का खिलौना मत बनिए,
क्यूँ कि खेलने से खिलौना खराब होता हैं, इंसान नहीं!

prem_nirala_ आप खुद समझदार हैं, कि खिलौना कौन और इंसान कौन??

आप खुद समझदार हैं, कि खिलौना कौन और इंसान कौन??

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स्मृति.... Monika

क्या कहूँ, चिर शून्य हूँ मैं, मौन हूँ मैं,                                                    मौन हूँ मैं |                                                           कौन आया है मेरे एकांत और सूने जीवन में,             लेकर संग उमंगे -तरंगे भर गया चंचलता                  मेरे आकुल व शांत मन में,                                     हा !समय का चक्र देखो, कर गया  मुझको विरहणी        शेष केवल सिसकियाँ हैं अब तो बस मेरे रुदन में ||        क्या कहूँ,  चिर शून्य हूँ मैं, मौन हूँ मैं,                      मौन हूँ मैं ||                                                           नहीं कोई अब तमन्ना, न ही कोई कल्पना,               स्वयं से हुई मैं अपरचित,, कौन हूँ मैं??                  कौन हूँ मैं?                                                          क्या कहूँ चिर शून्य हूँ मैं, कौन हूँ मैं?                      कौन हूँ मैं? हाँ मौन हूँ मैं........ #कौन हूँ मैं?? #मौन हूँ मैं

#कौन हूँ मैं?? #मौन हूँ मैं

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Advocate Suyash Tripathi

मैं कौन हूं ? 
मैं आख़िर कौन हूं ?

#Nojoto 
#नोजोटो

मैं कौन हूं ? मैं आख़िर कौन हूं ? #नोजोटो #कविता

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Mukesh Kumar

ये कौन सा जानवर है देखता हूं आप सभी पहचान पाते हैं?

ये कौन सा जानवर है देखता हूं आप सभी पहचान पाते हैं? #News

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मेरी "रचना"

कौन हुं मैं?#####

कौन हुं मैं?#####

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Akshita Maurya

कौन हूं मैं?
एक उलझी पहेली या एक सुलझी रेशम की डोर
कौन हूं मैं?
एक बहती नदी या एक शांत समंदर
कौन हूं मैं?
एक खिलती सुबह या एक ढलती शाम
कौन हूं मैं?
सूरज की धूप या चांद की चांदनी
कौन हूं मैं?
मुरली की धुन या वीणा की तान
कौन हूं मैं?
राधा सी प्यारी या मीरा सी दीवानी 
कौन हूं मैं?.....

©Akshita Maurya #कौन हूं मैं?

#कौन हूं मैं? #Poetry

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कुमार रंजीत (मनीषी)

चेहरे पे चेहरे और नई नई पहचान रखता
अभी तक पता नहीं चला मैं कौन हूं

©कुमार रंजीत (मनीषी)
  मैं कौन हूं

मैं कौन हूं #शायरी

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