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बदनांम.करगई

Lover अर इतना याद ना करिये के तेरी आँख्या का तारा बन ज्या बस इतना प्यार करिये के तेरे जिन का सहारा बन ज्या #हरयाणवी#स्टेटस#देसी#बन्दा#गामा#आला
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Neeraj Saroha

🤪किलकी पाटी थी उसकै 🌆गाम म,
जब मने💞 उसका हाथ 🤲थाम्या था,
इब 👳अपणी के बात🗣️ करू,
मेरी माँ न सुथरा🤗 ए इतना 🌟जाम्या था,
🙏💝🤭🤭🤘☝️❤️
✍️नीरज सरोहा ❤️हरियाणवी स्टेटस 💝

#seaside

❤️हरियाणवी स्टेटस 💝 #seaside #शायरी

37 Love

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V9द Suman Baberwal

गमों को पीछे रख
 खुद के लिए जिंदगी जीना शुरु कर दिया एक वक्त तक किसी का इंतजार करना ठीक है
 लेकिन जब रिश्ते आपकी अहमियत को भुला दे 
तो उन्हें अलविदा कह देना अच्छा होता है और कुछ दिन मैंने मुस्कुराना शुरू कर दिया

©Vinod Saini
  #vinodsaini2083#व्हाट्सएप स्टेटस फेसबुक स्टेटस शायरी का मजा ले

#vinodsaini2083#व्हाट्सएप स्टेटस फेसबुक स्टेटस शायरी का मजा ले

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Uttam Bajpai

फेसबुक में  जानवरों ने अपने स्टेटस अपडेट किया।

फेसबुक में जानवरों ने अपने स्टेटस अपडेट किया। #कॉमेडी

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Anand Kumar Ashodhiya

हरियाणा संस्कृति का ह्यस

फेसबुक और इंस्टाग्राम पे, एक नया पुवाड़ा होग्या
रील बणावण के चक्कर में, यो देश उघाड़ा होग्या

भले घरां की बहू अर बेटी, आज रील बणावण लागी
अंग प्रदर्शन करैं, अर्धनग्न हो, वाह वाह पावण लागी
वक्ष दिखाके, नितम्ब हिलाकै, उरोज हिलावण लागी
कदे बन्द कमरे में कदे छात पे, खड़दम तारण लागी
लाज शर्म सब बेच कै खागी, यो घर घर राड़ा होग्या

आँख नचाके, मुँह बितराके, कामुक इशारे करण लगी
लाइक पावण के चक्कर मे, पींघ इश्क की भरण लगी
अंजाणे और गैर मर्द की, बाँहया के महँ तिरण लगी
सैर सपाटे गळ बंहिया हो, होटल मोटल फिरण लगी
इश्क का भाण्डा फूट गया फिर, घर मे खाड़ा होग्या

घर की भाभी, बहू गाम की, बणी सेटिंग और पटोले
भाण और बेटी फीम अर लाडू, इन कवियाँ ने कित रोले
गन्दी भाषा, गन्दा गाणा, द्विअर्थी मतलब टोह ले
स्याणा माणस शर्म के मारे, सिर धरती में गो ले
गायक नायक गीतकार सब, धन का लाड़ा होग्या

सभ्यता और संस्कृति का, हरियाणे में हयास हुया
डी जे आळे गाणे सुण सुण, नई पीढ़ी का नाश हुया
हास्य नाटक लाइव स्टैंडअप, सबका पर्दाफाश हुया
देख देख कै ढंग दुनिया का, एक नया आभास हुया
कहै आनन्द शाहपुर संस्कृति का, काम बिगाड़ा होग्या।
रचयिता : आनन्द कुमार आशोधिया@कॉपीराइट

©Anand Kumar Ashodhiya
  हरियाणा संस्कृति का ह्यास #हरयाणवी #हरयाणवी_रागनी #रागनी #कविता #फेसबुक #इंस्टाग्राम

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बदनांम.करगई

बना लिया मजाक मेरे प्यार का इब कड़ मेरी याद आवगी जिस्त्रा तू किसे और न छोती के लावगी उस तरिया बदनांम की ज़िंदगी कम होंदी जावगी #हरयाणा#देसी#स्टेटस#सैड#शायर#बदनांम
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Anand Kumar Ashodhiya

खेतड़

मैं खेतड़ तूँ मेम साहब, याहड़े जुगत लगे ना तेरी।
तेरे सिम्पल बाणे नै, छोरे ज्यान काढ़ ली मेरी।।

मैं सरकारी में पढ़ रहया, तेरे कॉलेज का रंग चढ़ रहया।
मेरा रंग भी काला पड़ रहया, तूँ भूरी भक्क सुनेहरी।।

बस तेरे तै प्यार करूँगी, ना कुँए जोहड़ पडूँगी
बिन आई मौत मरुँगी जै बात सुणे ना मेरी।।

म्हारे घर मे छप्पर ढारा, तेरे खड्या महल चौबारा
मैं सोनीपत ते आ रहया, तूँ दिल्ली के रँग ले रही।।

आनन्द तेरी बात सुणुगी , तेरे आँगन बीच रहूँगी।
तेरी गेल्या कष्ट सहूँगी, तूँ सुणले बिनती मेरी।।

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया

©Anand Kumar Ashodhiya हरयाणवी

#हरयाणवी

9 Love

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Dinesh Sharma Dinesh

हरियाणवी कविता 

हरयाणे का रंग 
 - दिनेश शर्मा दिनेश

हरियाणवी कविता हरयाणे का रंग - दिनेश शर्मा दिनेश

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Monu dalal

हरयाणवी शायरी #हरयाणवी# 

#mohabbatein

हरयाणवी शायरी #हरयाणवी# #mohabbatein

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Shayar2Status

 #Attitude Status | #Best Attitude Status in Hindi | #ऐटीट्यूड स्टेटस हिन्दी

#Attitude Status | #Best Attitude Status in Hindi | #ऐटीट्यूड स्टेटस हिन्दी

3 Love

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Anand Kumar Ashodhiya

किस्सा रसकपूर
तर्ज : यह पर्दा हटा दो, ज़रा मुखड़ा दिखा दो

ओ नसीबन बाई, तू महफ़िल में गाणे आई
तनै अक्कल कोन्या आई, कैसा गाणा चाहिए ।
महफ़िल में गाणे वाळा भी कोए स्याणा चाहिए।।
ओ नसीबन बाई.....

गुरु मानसिंह नेत्रहीन थे, ज्ञान का पेडा लागे
उसकी मेवा तोड़ तोड़ कै, बड़े बड़े साँगी खागे
ना छाप काटके गाइए, रंग नया छाँट के ल्याईए
कोए ऐसा राग सुनाइये के रंग छाणा चाहिए।
महफ़िल में गाणे वाळा भी कोए स्याणा चाहिए।।
ओ नसीबन बाई.....

गीत भजन और राग रागणी, नाटक या नौटंकी
जितनी कर दयूं, उतनी ए थोड़ी, प्रशंसा लख्मीचंद की
ढंग की लय भी ठाई जा सै, बेसुरी बुरी बताई जा सै
इज्जत की खाई जा सै, ना के पाप कमाणा चाहिए।
महफ़िल में गाणे वाळा भी कोए स्याणा चाहिए।।
ओ नसीबन बाई.....

मायने के महँ श्री दयाचन्द नए नए छंद बणावे 
नई रागनी, नई तर्ज, इसी लय सुर में वो गावै 
चाहवै सै सारा जमाना, प्रसिद्ध कर दिया जग में मायना
इसा मारे तीर रक्काना, के मन भाणा चाहिए।
महफ़िल में गाणे वाळा भी कोए स्याणा चाहिए।।
ओ नसीबन बाई.....

करके याद गुरु अपणे ने, नई रागणी त्यार करै
मांगेराम पाणची आळा, लय सुर की इसी मार करै
पार करै गंगा जी माई, वार करी ना कथा बणाई, 
इसी शब्दाँ की करी घड़ाई, मन हर्षाणा चाहिए।
महफ़िल में गाणे वाळा भी कोए स्याणा चाहिए।।
ओ नसीबन बाई.....

जाट मेहरसिंह फौज में होके, देश के ऊपर मरग्या
देशभक्ति और वीर रस ने, नस नस के महँ भरग्या
करग्या ऊँचा नाम बरोणा, दुश्मन ते कदे डरो ना
बिन आई मौत मरो ना, हँगा लाणा चाहिए।
महफ़िल में गाणे वाळा भी कोए स्याणा चाहिए।।
ओ नसीबन बाई.....

आज बाजे भक्त और धनपत सिंह ना चन्दरबादी साथ में
श्री राजकिशन गए शीश निवा, ब्राहमण जगननाथ ने
बात ने गलत नहीँ बोलेगा, आनन्द नरजे में तोलेगा
इन्हकी चरण रज ले लेगा, शीश निवाणा चाहिए।
महफ़िल में गाणे वाळा भी कोए स्याणा चाहिए
ओ नसीबन बाई.....

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया  © 2020-21 #हरयाणवी
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Anand Kumar Ashodhiya

भात  - हरयाणवी रागनी

हे रै चाची ताई अगड पड़ोसन शुभ गीत गवावण लागी 
सासु ननद दौरानी जिठाणी सब भाती  लिवावण  लागी 

मेरे भतीजे चाँद सितारे, सूरज सा मेरा भाई 
तोरण ऊपर खड़ी  बराबर मेरी माँ की जाई 
आगे आगे बैंड बाजता, नाचे लोग लुगाई 
टैम पे आग्या माँ का जाया, मेरी होगी मान बड़ाई 
धो के बारणा चौक पूर  दिया फेर पटड़ा बिछावण लागी 

गज की छाती करके भाई, पटड़े ऊपर खड्या हुया 
लोटे नेग गेरने नै वो मेरी नणदी तै भिड़्या हुया 
मेरे सर पै  चुन्दड़, गल में माला, सोने का कंठा  घड्या हूया 
तोरण ऊपर धर दिया चुन्दड, हीरे मोती जडया हुया 
नणदी प्यारी लड़ लड़ कै  नै, नेग धरावण लागी 

माथे चावल लाती जा, मेरा थर थर हिरदा हिलता 
देख देख कै  भाई भतीजे मेरा मन आनन्द में खिलता 
बिन मांगे जब सब मिल ज्यावे, ना मांगे कुछ भी मिलता 
धी बेटी तै दान करा हुआ दूगना चुगणा फलता 
बड़ी बूढी सब कट्ठी हो के दान का धर्म बतावण लागी 

देइ मान बराबर दौराणी जिठाणी, मेरी ऊँची गर्दन करदी 
हज़ार, पाँच सौ, सौ दो सौ के नोटों ते थाली भर दी 
सबके गल में हार घाल दिए सर पे चूंदड़ धर दी 
आनन्द का यो देख नज़ारा मेरी झर झर अँखियाँ झरती 
खाण्ड  कसार और घी बूरा ते फेर भाती जिमावण लागी 

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया  © 2020-21 #हरयाणवी
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Anand Kumar Ashodhiya

किस्सा भगत पूरणमल - रागनी 6
वृत्तांत : सुंदरा दे की अर्ज गुरु गोरखनाथ से

गुरु गोरख मैं तेरी शरण में, कहया मानल्यो मेरा ।
मेरी ईच्छा पूरी होज्या तै आबाद रहो थारा डेरा ।।

मैं सतमासी, निरणाबासी, पूरणमासी आज सै
ब्राह्मण न्यौतु, व्रत करूँ, धर्म पुन्न का काज सै
सारा डेरा, आवै तेरा, भोजन मेरे घर आज सै
सारे बाबा, ल्यावै छाबा, भिक्षा खातिर नाज सै
मैं ब्रह्मकुमारी, अर्ज लगारही, चढ़ता आवै सवेरा ।।
मेरी ईच्छा पूरी होज्या तै आबाद रहो थारा डेरा | |

जितने साधु, सारे न्यौतूं, त्यार धरे हैं सत पकवान
कल की बरती, भक्ति करती, मेरा रखल्यो आदर मान
गाणा बजाणा, न्हाणा खाणा, और साथ में हो जलपान
सूती ताणा, भगवाँ बाणा, सबतै बाँटूँ, एक एक थान
व्रत मैं खोलूँ, खुशी में डोलूं, देखकै उसका चेहरा ।।
मेरी ईच्छा पूरी होज्या तै आबाद रहो थारा डेरा ||

करल्यो तावळ, मीठे चावळ, ठण्डी होती थाळी
गरम मसाले, सारे डाले, लाल मिर्च और काळी
नमकीन पापड़, बढिया सापड़, दही आगरे आळी
घी-बूरा और मोतीचूरा, लाडुवाँ की अदा निराळी
जल्दी चालो, भोजन खाल्यो, चिन्ता में जी मेरा ।।
मेरी ईच्छा पूरी होज्या तै आबाद रहो थारा डेरा ||

नौकर चाकर, दास और दासी सारे सेवा में तैयार
पैर पकड़ती, अर्ज मै करती, सेवा में खड़ी ताबेदार
बारम्बार, करूँ गुहार, मेरी सुणल्यो अर्ज पुकार
मैं राधा वो कान्हा सादा, दर्शन दे दो कृष्ण मुरार
आनन्द शाहपूर वाले नै किसा रुप का जादू फेरा ।।
मेरी ईच्छा पूरी होज्या तै आबाद रहो थारा डेरा ।।

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया  © 2020-21 #हरयाणवी
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राहुल जाटू

 हरयाणवी

हरयाणवी #nojotophoto

0 Love

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Manish Choudhary

कोए मन्दिर की सीढिया प घिसड़दा 
रहया 

किसी न वो बिना मांगे मिलगी 😟
(वाह र ऊपरआले 👍
#मनीष #हरयाणवी
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Inthira Shini

The matters which are trying to dsistract your way , your attitude should be fire in it because it is  the most powerful weapon to protect you. Your attitude, not your aptitude, will determine your altitude. ...

Your attitude, not your aptitude, will determine your altitude. ...

0 Love

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Manish Choudhary

इस 8 घण्टे की रात मै 

ऐकला होकै पल -पल मरणा के होवै है यो मेरे तैं "आपनै" सिखाया 😊
#मनीष #हरयाणवी
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Manish Choudhary

किस्मत नै क्यूँ दोष द्यो हो 

ज्यब थारी खुद की पाटी पड़ी है हालाता नै देख कै 😒
#मनीष #हरयाणवी
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Anand Kumar Ashodhiya

लव सव

तेरे लव सव का मन्ने बेरा कोन्या, इस लव ते दूर रहूँगी।
तेरी नस नस में छल भरया पड़ा, इस छल ते दूर रहूँगी।।

कदे बाबू कदे जानू शोना, तू दिन देखै ना रात जले।
जब भी बाजे फोन की घण्टी, आज्या सै मेरी स्यात जले।।
तने के करणी से बात जले, तेरी कॉल तै दूर रहूँगी

खेत गली घर गितवाड़े में, मेरे पाछे पाछे आए जा।
पठ्यां के मह हाथ फेर, आँख्यां की कोर नचाए जा।।
तूं मन में लहोर मचाए जा इस, आनन्द तै दूर रहूँगी।

तू  ढ़बियाँ गेल्या करै मसखरी, ले ले के नै नाम मेरा।
थारे घरां उल्हाणा भेजूंगी मैं, जब बुझूंगी गाम तेरा।।
बँधवा कै इन्तजाम तेरा फेर, चैन की सांस लेऊँगी।

मेरे भाईयाँ नै जाण पाटज्या, तूं अपणे हाड़ तुड़ा लेगा।
जै फँसग्या तूँ आनन्द कै तन्ने उसते कुण छुड़ा लेगा।।
तेरे पड़ते हे हाथ जुड़ा लेगा, जै उसते जा कह दूँगी।।

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया  © 2020-21 #हरयाणवी
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Anand Kumar Ashodhiya

बेईमानी और लालच

सोने की चिड़िया कहलावे पर, हिन्द कैसे भरे उडारी |
बेईमानी और लालच की लोगो,  देश के लगी बिमारी ||

तूँ  सूं खा के आया था कि प्रजा की सेवा करूंगा
अपने हितों से बढ़कर मैं, जनता के हित करूँगा 
माँ भारती के चरणों में नित अपना शीश धरूंगा
देश की खातिर जीऊंगा और देश पे ही मरूंगा

ले के शपथ, भूल गया इब तूँ, हो गया भृष्टाचारी |
बेईमानी और लालच की लोगो,  देश के लगी बिमारी ||

तूँ रक्षक बन के भक्षक हो गया, क्यों वर्दी पे दाग लगावे सै
जो भी आज्या तेरी शरण में, तूँ उस ते ए  रिश्वत खावे  सै
हराम  का पैसा लूट लूट के, तूँ घर में अन्न धन ल्यावे सै
पाप की कमाई खिला खिला क्यूँ, घर क्यां के पाप चढ़ावे सै

हराम का खा सूत बने हरामी, तेरे चाले कर्म अगाड़ी  |
बेईमानी और लालच की लोगो,  देश के लगी बिमारी ||

लगी नौकरी सरकारी तेरी, तूँ बाबू बन गया दफ्तर में
दिन भर टाइम पास करे जा, सब घूमे जा तेरे चक्कर में
एक भी फाइल पास करे ना, कौन खड़ा हो तेरी टक्कर में
दो पैसे में तूँ ज़मीर बेच दे, कदे चाय पानी कदे शक़्कर में

तेरी गाडी भरी रिश्वत की रित जा, जब घर में बड़े बिमारी |
बेईमानी और लालच की लोगो,  देश के लगी बिमारी ||

सफ़ेद और सूती के बाणे ते, ढाप लिया तने तन और मन
झूठ कपट और छल करके तने ठग लिया देश का एक एक जन
जन कल्याण और विकास करूँगा, सीख लिया तने झूठा फन
जनता का पैसा लूट लूट के, कोठा में भर लिया धन ही धन

पैसों का अम्बार लगा लिया पर तेरी ज़िंदगी होगी खारी |
बेईमानी और लालच की लोगो,  देश के लगी बिमारी ||

किस के दोष लगावे आनन्द, भृष्ट जगत यो सारा है
नेता, बाबू और पुलिसिया इसी समाज से आ रहा है
नैतिक पतन चरम पे हो गया,  बस अपना ए आपा चाह रहा है 
संस्कृति भी डूब गई इब  नंगापन ही छा  रहा है
मैं, मैं, मैं, मैं, मेरा, मेरा, स्वार्थ की चली दुधारी   |
बेईमानी और लालच की लोगो,  देश के लगी बिमारी ||

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया

©Anand Kumar Ashodhiya #लालच

#हरयाणवी
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Anand Kumar Ashodhiya

धोखा चीन का

मेरी माँ ने शेर जणया सै, ना उसका दूध लजाऊँगा।
रणभूमि में वीर लड्या करैं, ना पाछै कदम हटाऊंगा।।

भारत माँ का मैं वीर सिपाही, दयूं बॉर्डर ऊपर पहरा।
चौकी ऊपर खड़या तिरंगा, फर फर फर फर फहरा।
चौकस रहियो, चौकस रहियो, मेरा कमाण्डर कह रहा।
धोखेबाज लुटेरे चीनी, घात करैं घणा गहरा
सलूट मारके, अटेंशन होग्या, न पलक ताही झपकाउंगा।।

इतनी कहके सी ओ साहब, दौरा करने चल्या गया।
करके वायदा चीन भूलग्या, याद कराने चल्या गया।
बिन हथियारां बात करी पर, धोखे के मंह छल्या गया।
तू तू मै मै धक्कामुक्की, झगड़े में निहत्था दल्या गया।
बीस तीस चीनी कट्ठे आग्ये, एकला ए सबक सिखाऊंगा।।

भारत माँ के बीस लाड़ले, चीनीयां गेल्या भिड़गे।
बिन हथियारां टूट पड़े, फिर दुश्मन स्यामही अडगे।
चीनी ले रहे लाठी डंडे, हम ताल ठोंक के बड़गे।
भर भर कौली नाड़ तोड़ दी, चीनी ठंडे पड़गे।
कुछ मारे, कुछ नदी में गेरे, एक एक ने मजा चखाऊंगा।।

दहशत फैल गई चीनीयां में, छोरियाँ की ज्यूँ रोवें।
शव पे शव और टूटी गर्दन, रो रो मुंह ल्हकोवें।
हम बीस शेर हुए खेत देश पे, वे चालीस का शव ढोवें।
इब देख के शक्ल हम वीरों की, वे धरती में सिर गोवें।
करके देश सुरक्षित आनन्द, चिर निद्रा सो जाऊँगा।।

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया

©Anand Kumar Ashodhiya #धोखाचीनका

#हरयाणवी
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Mahnoor

तू हसता खेलता रहिए मेरी जान...
हम तो एक कोना में पड़े भी ज़िंदगी काट ल्यांगे...
अर सोच ना करिए घनी...
हम कलम कागज़ गेल अपने दुख बाट ल्यांगे...

©Rachna Kaushik
  #हरयाणवी
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Manish Choudhary

हरकते ही नही...मेरी हर बात रूहानी थी

इश्क़ इज्जत आळा था....ना कोई जिस्म की मनमानी थी..😞

#मनीष #हरयाणवी
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Anand Kumar Ashodhiya

असली दर्द

तूँ छोड़ के गई मन्ने, कोए गम ना था।
तूँ बोलती भी कोन्या, यो भी कम ना था।
पर असली दर्द मेरे इस,बात का हुआ।
जब देखके भी मन्ने तू, इग्नोर मारगी।।

मैं रोवता रहया, जंग झोवता रहया।
चैन खोवता रहया, तनै टोहवता रहया।
पर असली दर्द मेरे इस, बात का हुआ।
जब फोन पे भी आपां ने, ब्लॉक मारगी।।

मन मार भी लिया, तन हार भी लिया।
तेरे प्यार का यो भूत सिर तै, तार भी लिया।
पर असली दर्द मेरे इस, बात का हुआ।
जब यारां की तूँ म्हारे स्यामही, बोर मारगी।।

मन रूठ भी गया, दिल टूट भी गया।
तेरे प्यार आळा भांडा इब, फ़ूट भी गया।
पर असली दर्द मेरे इस, बात का हुआ।
जब गैरां के रूपया की तूँ, मरोड़ मारगी।।

गैरां की बाँहयां में तूँ, झूल भी गई।
आनन्द के प्यार ने तूँ, भूल भी गई।
पर असली दर्द मेरे इस, बात का हुआ।
जब गले में लपेट सांप, मोर मारगी।।

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया  © 2020-21 #हरयाणवी
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Anand Kumar Ashodhiya

कदे आज्या याद तेरी

तूँ छोड़ गई, मुख मोड़ गई, संग ले गई याद सुनहरी ।
मैं डरता रहा, पल पल मरता रहा, कदे आज्या याद तेरी।।

तेरी यादों की बाँध गाँठड़ी, मन्ने कोणे के म्ह धर दी।
साँस रोकणा चाहूँ था पर साँसा में तू बसगी।
मेरी आत्मा फन्द में फँसगी,  करके याद तेरी।।

मुस्ता मुस्ता दिल मुस गया, फेर खुसण लाग्या चैन।
झर झर सोता सूख गया फेर, सूख गए मेरे नैन।
थके नैन तेरा रस्ता तकते, हुई धुंधली याद तेरी।।

तूँ शून्य हो गई, मैं सुन्न हो गया, ना मेरा रहा वजूद।
समूल नष्ट हुआ, बड़ा कष्ट हुआ, भरा ब्याज और सूद।
दो ऊत पकड़ के ले चाले, फेर आगी याद तेरी।।

जी भी दे दिया, ज्यान भी दे दी, इब के रहगी तूँ खटक बता।
परम् ज्योत में आके मिलग्या, फेर आनन्द के अटक बता।
जीव आत्मा रही भटक बता, क्यूँ आवे याद तेरी।।

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया  © 2020-21 #हरयाणवी
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Dr Ashish Vats

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SB Malic Short

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Anand Kumar Ashodhiya

किस्सा रसकपूर : रागनी 3

हे अधराजण कर शान बाहण मेरी, करदे मन की चाही।
रतनसिंह नै ल्यो सेवा में, मेरा चचेरा भाई।।

तेरे आगै जोडे हाथ खड़ी सै, फतेकॅवर पटराणी।
रंगमहलों में तू लागै मनै अक्लमन्द घणी स्याणी।।
तू जाणै या मैं जानूँ सूँ , नहीं तीसरे नै जाणी।
जो लगज्या भेद तीसरे नै हो पीहर की ईज्जत हाणि ।।
भीड़ पड़ी में जावै पिछाणी, रिश्तेदार लुगाई।

जो राजा ते करूँ सिफारिश, मेरा पीहर छोटा होज्या।
बाकि राणियाँ नै जाण पटै तै, चाळा ए मोटा होज्या ।।
अपणा सिक्का अपणे धोरै, धरया धरया खोटा होज्या।
जो इसने नौकर रख लेगी ते के तेरे टोटा होज्या।।
गगांजी में ज्यौं बोज्या तूं, करले अगत कमाई।

बालअवस्था रतनसिंह की, गलती होती नर तै।
मेरे चाचा ने काढ़ दिया वो छोह में आकै घर तै ।।
लिया सहारा आज बहाण का चाचाजी के डर तै।
बदनामी तै बचणा चाहूँ, जैसे लो हा जर ते ।।
पैंडा छुटता दिखै मरकै, किसी आण चढी करड़ाई।

घणी देर की विनती कर रही, सुण आनन्द शाहपरिया।
इस छोरे नै ल्यो राख नौकरी चाहे जिस तरिया।।
इतने दासी दास महल में, इसका भी करदो जरिया।
चीड़ी चोंच भर ले ज्यागी ते के घट ज्यावै दरिया।।
परमेशर की पकड़ डगरिया, चालो राही राही।

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया  © 2020-21 #हरयाणवी_रागनी
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