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Sneh Prem Chand
काश कोई योग गुरु ऐसा भी होता जो हमें ऐसा अनुलोम विलोम करना सिखा देता, जिसमें अंदर सांस लेते हुए संग प्रेम,सौहार्द,अपनत्व और स्नेह ले जाएं, और बाहर सांस छोड़ते हुए अपने भीतर के ईर्ष्या,द्वेष, अहंकार,क्रोध,लोभ,काम सब छोड़ देवें।। दिल की कलम से ©Sneh Prem Chand अनुलोम विलोम #Hope
Ek villain
पूरी दुनिया जहां एक तरफ महंगाई और विविध प्रकार के प्रदूषण में त्रस्त है वहीं कुछ लोग अपने लाभ के लिए वस्तुओं का उत्पादन करते हैं जिसके प्रत्येक व्यक्ति को अन आवश्यकता से अधिक धन खर्च करना पड़ रहा है इसके साथ ही ऐसे उत्पादन ओं का उपयोग करने में अत्यंत ही गंदगी भी फैलती है एक तरफ जहां पेड़ों के काटे जाने से प्राकृतिक संसाधन कम हो रहे हैं तो वहीं वर्तमान में पेन का उत्पादन यूज एंड थ्रो के रूप में हो रहा है लगभग 200 वर्ष पहले एक बार ही पैन में बार-बार सीआई भरकर उसके अनेक बार उपयोग किया जाता था अर्थात एक कलम खरीदने के बाद उसका उपयोग वर्ष तक किया जाता था इस प्रकार पैसे भी कम खर्च करने पड़ते थे और वर्तमान की तरह औषध प्लास्टिक के पेन की उत्पादन की आवश्यकता भी नहीं थी लेकिन वर्तमान में यूज एंड थ्रो पहन के कारण इसका उपयोग करने सभी लोगों को को एक बार उपयोग करने के बाद फ्रेंड को फेंकना ही पड़ता है ©Ek villain #Bhaidooj #हम कर रहे हैं संसाधनों का दुरुपयोग
Naresh Kumar
अन्न का हर एक दाना है वरदान जैसे एक कहावत है कि अन्न- अन्न पर लिखा है खाने वाले का नाम अन्न शरीर के लिए आवश्यक वस्तु है । जैसे शरीर के लिए पानी आवश्यक है उसी तरह अन्न भी आवश्यक है । अन्न का सदुपयोग करो दुरूपयोग ना करो । किसान सर्दी और गर्मी में अनाज उगाता है । अन्न को अन्नपूर्णा देवता भी कहते हैं । ©Naresh Kumar अन्न का हमेशा सदुपयोग करें दुरुपयोग मत करो । #FoodSafety
Parasram Arora
दुनिया का निर्माण करके ईश्वर थक गया है और अब वो अपनी शेष नाग वाली मखमली शैया पर जाकर सो गया है ये उसीका परिंणाम है कि जगत मे सर्वत्र हाहाकार शोर शराबा और खून खराबा हो रहा है जबकि हर आदमी खुद को ही ईश्वर मान कर ईश्वर के अधिकारों का खुले आम दुरपयोग कर रहा है ©Parasram Arora दुरपयोग #FindingOneself
HP
सूर्य में इतनी गर्मी मौजूद है कि उसके द्वारा यह पृथ्वी कुछ ही क्षणों के अन्दर जल-जल कर भस्म हो जाय, परन्तु क्या कभी उसने ऐसा किया है? क्या वह कभी अपनी महानता और मर्यादा को भंग करता है? संसार मैं अनेकानेक एक से एक ऊंची शक्ति सम्पन्न सत्ताएं मौजूद हैं पर वे कभी अमर्यादित नहीं होती। फिर तुम आपे से बाहर क्यों हुये जा रहे हो? जो शक्तियाँ और योग्यता आज तुम्हें प्राप्त हैं वे ईश्वर ने लोक सेवा और असहायों की मदद व उन्नति के लिए दी हैं न कि इस लिये कि उनसे असहाय लोगों को सताओ, उनके अधिकारों का हरण करो और अनीति बरतो। देखो, तुम्हारा अन्याय तभी तक चल सकता है जब तक सहन करने वाले मर्यादा के अन्दर हैं, हो सकता है कि तुम्हारे बहुत सताये जाने पर वे उबल पड़ें और वैसे ही क्रूर कर्म करने पर उतर आवें जैसे कि तुम स्वयं हो, तब क्या होगा? जरा विचार तो करो, तब तुम्हारा आज का बर्ताव तुम्हारे लिये कितना विषम घातक और दुखदाई परिणाम उपस्थित कर देगा। इसलिए ठहरो! शक्तिशालियो! जुल्म करने से पहले एक घड़ी ठहरो! और विचार करो कि तुम्हारे जीवन का सर्वोत्तम उद्देश्य और उपयोग क्या है? ईश्वर ने शक्ति की रचना उन्नति और सेवा के लिये की है, शक्तिशालियो! जुल्म और अपहरण में उनका दुरुपयोग न करो। शक्ति का दुरुपयोग न करो! 💐💐💐सुप्रभात💐💐💐
Umang Ek Nayi Pahal
अगर बढ़ता रहा नारी का इसी तरह दुरुपयोग , वह दिन भी फिर दूर नहीं जब हों जायेगा इस सृष्टि का विलोप । -✍️निकिता रघुवंशी #NojotoQuote विलोप ✍️