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Mayank Sharma
इतवार की फुर्सत बन के आई थी तब सोमवार की कसरत करा जाती है अब! मोटिवेशनल ओरेटर + ईरीटेटिंग जनरेटर ❣️😂 #yqbaba #yqdidi #yopowrimo #yqdada #malang #sunday #monday
Gumnaam
जे जी करदा जान लेण नू कदमां ते आ जावांगे...पावे आवाज होली मार लईं। पीठ पीछों वार न करीं सामणे आ के...हिक्क ते गोली मार दईं॥ ©Gumnaam #Poetry पीठ पीछों वार न करीं...
Shahab
आप कितने भी अच्छे हो चाहे आप कितना भी अच्छा काम कर लो पर एक बात हमेशा याद रखना आपको जो गलत समझता है वो मरते दम तक आपको गलत ही समझेगा क्योंकि नजर का ऑपरेशन किया जा सकता है पर नजरिए का नहीं... ©Shahab #ऑपरेशन
Ek villain
यह राहत की एक बड़ी खबर है कि यूक्रेन में घमासान सेना वाले शहर समूह में फंसे करीब 700 भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने में सफलता मिली यह सफलता इसलिए उल्लेखनीय है क्योंकि कभी रूस तो कभी यूक्रेन विराम के बिना बनी समिति का उल्लंघन कर रहे थे इससे सेमी में फंसे भारतीय सेना की मुसीबत बढ़ रही है संकट से बचने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ना केवल यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपति से बात करनी पड़ी बल्कि संयुक्त राष्ट्रीय और भारतीय प्रतिनिधि को इन दोनों देश के रवैया पर आपत्ति जतानी पड़ी क्योंकि शुरुआती दिनों में कोई देश भी देवराम के लिए तैयार नहीं था और यदि कोई भी तैयार भी होते तो उसके प्रति गंभीरता नहीं दिखा रहे थे ऐसे हालत में 17000 से अधिक भारतीयों को सुरक्षित निकाल कर लाना पड़ा एक बड़ा काम है इस काम की किसी भी सर्वोच्च इस पर हत्या कर दी गई इससे समझा जा सकता है कि ना केवल चार केंद्रीय मंत्री को यूक्रेन की पड़ोसी देश में भेजा गया बल्कि भारतीय वायु सेना की सेवा ली गई है भारत ने एक बार फिर साबित किया कि वे युद्ध अथवा अन्य किसी आपदा में फंसे कोई कसर नहीं रखता ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन में भी उसने ऐसा ही किया और तभी निकालने के मामले में हाथ खड़े कर दिए थे भारत के तहत किया था ©Ek villain #ऑपरेशन गंगा #Moon
Afzal Rana
☺️☺️☺️ अब किया लिखूं तेरी तारीफ में तू वो था जो हमे खुद से ज्यादा पसंद था। हम तेरे न हो सके तो किया हुआ तू भी तो हमारा न हो सका।। ©Arsh saifi #दादरी ग्रेटर नोएडा
Vivek Kumar Singh
एक बार मैं रेलगाड़ी से वडोदरा से पटना जा रहा था। जब रेलगाड़ी आगरा पहुँची तो पेठों का एक ठेला दिखा। मैंने सुन रखा था कि आगरे का पेठा मशहूर होता है। इसलिए मैंने स्टेशन पर उतरकर दो पैकेट पेठे ले लिए और वापस आकर अपनी जगह पर बैठ गया। पेठों के बक्से मैंने अपने थैले में रख लिए। उस थैले में पहले से कुछ किताबें रखी हुईं थीं। थोड़ी देर में रेलगाड़ी चलने लगी और मैं खिड़की से बाहर झाँकने लगा। एक घंटा हुआ होगा कि अचानक झोले में सनसनाहट होने लगी और झाग निकलने लगा। सब डरकर खड़े हो गए। उसी समय आर.पी.एफ. का एक गश्ती दल भी वहाँ पहुँचा। उनमें से एक ने मुझसे पूछा कि इसमें क्या है? मैंने बताया कि कुछ किताबें और दो पैकेट पेठे हैं। फिर उनमें से एक सिपाही ने झोले को खोलकर देखा तो किताबें गीली थीं और उनके पन्ने नारंगी रंग के हो गए थे। पेठों के एक पैकेट से रस निकल रहा था। मैं झेंप गया। बहुत शर्म आ रही थी। सब हँस रहे थे। बात यह थी कि किताब वाले झोले में मैंने ऑरेंज फ्लेवर वाले ईनो कि तीन पुड़ियाँ रखी हुईं थीं। उनके खोल कागज़ के बने हुए थे। तो हुआ ये कि पेठे के बक्से से रस निकला और उससे खोल पिघलने लगे। जब खोल पिघल गए तब रस पाउडर में जा मिला और सनसनाहट के साथ झाग बनने लगा। फिर मैं बिना कुछ कहे उठा और झोले को खिड़की के पास सूखने के लिए टांग दिया। पेठों के पैकेट #yqbaba #yqhindi #yqgudiya #yqmuzaffarpur #vks #yqdidi #yqvks