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    PopularLatestVideo

Ripudaman Jha Pinaki

मुझे सब लोग अच्छे ही मिले हैं।
कमी बस एक मुझमें ही पले हैं।
नहीं क्यों बन सका सबकी तरह मैं-
यही दिन रात दिल को भी गिले हैं।

अकेला  मैं  हज़ारों  काफ़िले  हैं।
कि बढ़ती दूरियों के सिलसिले हैं।
छुड़ा  कर  हाथ  बैठे  हैं  किनारे-
चले जो साथ बन कर काफ़िले हैं।

नयन  में  जो  मेरे  सपने  पले  हैं।
अभागे  सब  दुखाग्नि  में जले  हैं।
तलाशूँ मैं कहाँ मंज़िल को अपने-
हुए  ओझल  मेरे  हर  मरहले  हैं।

रिपुदमन झा 'पिनाकी'
धनबाद झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक

©Ripudaman Jha Pinaki #सफ़रनामा

©maan_mera

सफरनामा

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किसी को घर से निकलते ही... मिल गई मंजिले

तो कोई आजतलक भी....सफर में है। सफरनामा

Manish Unique Jaiswal

हर खुशी के पीछे 
कोई गम छुपा है ।।

किसी का ज्यादा है
तो
किसी का कम छुपा  है ।। #सफरनामा

Satish Suman(रवि)

#सफरनामा ।।

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समंदर के सफ़र में इस तरह आवाज़ दो हमको
हवाएँ तेज़ हों और कश्तियों में शाम हो जाये...

  बसीर बद्र #सफरनामा ।।

Junior Raunak Dubey

तुझे बाबू शोना बोलकर मैं तो मनाने से रहा
तू कितना भी कह मैं देर रात ऑनलाइन आने से रहा

कर सके तो मेरी चाहत का कर यक़ीन
अब तुम्हे चीरते हुए दिल मैं दिखाने से रहा 

                            जूनियर रौनक #सफरनामा

Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma

पहली बारअकेले सफ़र करने का एक किस्सा है
जो बुद्धिमता से जीता वो उसका एक हिस्सा है
जो दुनिया से बेखबर एक लड़की वो अंजान थीं
नई नई शादी हुई पियर में कुछ दिनों की मेहमान थीं
कुछ सीखने का मौका मिला वो सीखना चाहती थी
इसलिए कुछ दिन के लिए उसे दूर गांव जाना था
 मां ने कहा रुक बेटी मै भी तेरे साथ चलती हूं
ना मां शादी हों गई हैं मैरी अकेले ही चली जाती हूं
मां ने कहा रुक बेटा छोटे भाई को साथ ले जा
जल्दी थीं उसे तो भाई के संग बस में चढ़ जाती है
देखा उस बस में सब पुरूष पर एक भी नहीं है नारी
वो यह देख कर डर और बहुत सहम जाती है
पुरुषों की नजर को देख मानो उसे घुर रहीं हों
  मानो चिड़िया  किसी पिजरे में कैद हो जाती हो
गन्दी नज़र कों वो भाप गई भाई उनके पास बैठा
और सफ़र थोड़ाबाकि था बस रुकने का था इंतजार
बोली भाई से हमें यहीं उतरना है यहां थोड़ा काम है
भाई बोला दीदी अभी तो आगे जाना है यहां नहीं
बहन बोली तू आगे उतर जाना में रुकु नहीं
इन सब बातो से भाई था बिल्कुल अंजान
बहन जानती थी वो उतर गई भाई उतर जायेगा
ड्राईवर गाड़ी नहीं रोक रहा उसे कहीं और जाना था
चलती गाड़ी से वो उतर गई जब छोटा स्टैंड आया
ये देख भाई भी नीचे उतर आया तब जान में जान आई
उस सफ़र में बुद्धिमता ही काम आयी जो दी ये सीख
हिम्मत और विश्वास बुद्धिमता का क़िस्सा है
ये भी सफ़र का सीख देता डरावना क़िस्सा है

©Chandrawati Murlidhar Sharma #सफरनामा
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