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डॉ जे सी सोनी
🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 🕉🙏💎💎💎💎🙏🕉 *श्री हनुमान जी को प्रसन्न करने के कुछ अचूक सफलता प्राप्त करने के उपाय।* *डाॅ.जे.सी.सोनी* *💎एस्ट्रो &पामिसट💎* *90391
Anindya Dey
.. यूं ही गढ़ लूं मिट्टी से ख़याल को तेरी, मैं तुझसे फिर तू भी होगी मुझ जैसी ही.. .. 🌱नमस्कार, शुभ महालया (माँ दुर्गा आगमनी)💞 अनेक शुभकामनाऐ आपको..
सुरेश सैनिक
# आचमन के लिए औ वजू के लिए गंगा - जमुना का जल हर सकूं के लिए कह रहा माब लिंचिंग में गौ भक्त को, जान लो और दो मातृ भू के लिए ,,,,,??
कुछ लम्हें ज़िन्दगी के
राम थोड़ी देर तो रोक लो इस भले यमदूत को देखो चरणामृत अभी सतिन्दर के आचमन में है ©️✍️ सतिन्दर राम थोड़ी देर तो रोक लो इस भले यमदूत को देखो चरणामृत अभी सतिन्दर के आचमन में है ©️✍️ सतिन्दर #kuchलम्हेंज़िन्दगीke #satinder #सतिन्दर #नज़्म
BROKENBOY
orange string love light तराशे गये किसी वचन की तरह। मोहब्बत करी हमने फ़न की तरह।। मिट जाते थे गिले शिकवे मिलते ही- वो थी गंगा के आचमन की तरह।। थकन को क्या खूब सुकून देती थी- सोफ़े पर रखे हुए कुशन की तरह। ©BROKENBOY #lovelight तराशे गये किसी वचन की तरह। मोहब्बत करी हमने फ़न की तरह।। मिट जाते थे गिले शिकवे मिलते ही- वो थी गंगा के आचमन की तरह।। थकन को क्
BROKENBOY
तराशे गये किसी वचन की तरह। मोहब्बत करी हमने फ़न की तरह।। मिट जाते थे गिले शिकवे मिलते ही- वो थी गंगा के आचमन की तरह।। थकन को क्या खूब सुकून देती थी- सोफ़े पर रखे हुए कुशन की तरह। ©BROKENBOY #Tulips तराशे गये किसी वचन की तरह। मोहब्बत करी हमने फ़न की तरह।। मिट जाते थे गिले शिकवे मिलते ही- वो थी गंगा के आचमन की तरह।। थकन को क्या
Ashwani Dixit
मान सरोवर घूमते, जनेऊ धारी लोग। बियर से होता आचमन, मटन चिकन से भोग। मटन चिकन से भोग, भटूरे छोले खावें। दोपहर के बाद ही, अनशन करने जावें।। लगता है अब कुम्भ में, बनेंगे बाबा नागा। आंख मारकर सदन में, फिर हंसेंगे RAGA।। 'चरणदास संग्रह' भाग १ मान सरोवर घूमते, जनेऊ धारी लोग। बियर से होता आचमन, मटन चिकन से भोग। मटन चिकन से भोग, भटूरे छोले खावें। दोपहर के बाद ह
Sangeeta Kalbhor
नकोच काही चिंता अन् नकोच काही गुंता नको नकोच रे देवा माणसाची अशी कुंठा दिलेस ह्रदय कोमल भावही कोमल असू दे नयनातील रम्य दृष्टी तुझ्या नजरेने दिसू दे देऊ दे हाक अंतःर्आत्म्याला ओ मात्र तू दे आलेच काही अशुद्ध मनात दूर वाहून तू ने दे चपराक अशी झापड उघडावी आळसाची बहरावी अशी मती नवीनवेली पाने पळसाची आचमन करुन भावनांचे भाव मनी झिरपू दे जे जे चांगले ,उदात्त खिरापत तयांची वरपू दे आज आत्ता आणि आत्ताच जगणे ध्यानी घेऊ दे ओंजळ भरभरून सुखाची दुःखालाही कवटाळू दे नकोच रे काही काही चिंता नकोच कसला गुंता भिडायला येऊ दे माणसाला माणुसकी न सोडता..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #fisherman नकोच काही चिंता अन् नकोच काही गुंता नको नकोच रे देवा माणसाची अशी कुंठा दिलेस ह्रदय कोमल भावही कोमल असू दे नयनातील रम्य दृष्टी त
vishnu prabhakar singh
मन का सूरज चमकता रहे दिन की अपेक्षा ना रहे रात्रि की उपेक्षा ना हो संतुलन बना रहे मन में प्रकाश रहे मन का सूरज चमकता रहे। मन का सूरज चमकता रहे संध्या हो, सूरज अस्त हो सवेरा हो, सूरज उदय हो प्रकृति मूर्त रहे तुम्हारा भी आकार हो मन का सूरज चमकता रहे। मन का सूरज चमकता रहे वसंत का आगमन हो पतझड़ का आचमन हो आयाम सम्पन्न रहे इंद्रियों पर विजय हो मन का सूरज चमकता रहे। मन का सूरज चमकता रहे दिन की अपेक्षा ना रहे रात्रि की उपेक्षा ना हो संतुलन बना रहे मन में प्रकाश रहे मन का सूरज चमकता रहे। मन का सूरज चम