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Vikas Kumar

वर्षा ऋतु #कविता

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Anil Maaikal

वर्षा ऋतु 🤣🤣 Comedy 🤣 #कॉमेडी

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shyam

बर्षा ऋतु आयी है #कविता

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छम छम करके गिरती बूंदे धरा पर,
  यह कैसी लाली छाई है,
चारों तरफ पानी की चादर,
   फिर वर्षा ऋतु आई है.


वर्षा की बूंदे गिरती मच रहा यह कितना शोर,
   जंगल में मंगल करते हैं मगन होकर नाचे सारे मोर
इंद्रधनुष से लगा सुहावन कितना है बादल,
   मानो शोभा बढ़ा रही हो अप्सरा के आंखों का काजल.


नाले नदियां सब बढ़ गई,
  पानी की चादर छाई है,
चारों तरफ है शोर मच रहा,
    फिर वर्षा ऋतु आई है.

✍️- श्यामबाबू बर्षा ऋतु आयी है

Instagram id @kavi_neetesh

जोरों की जब चली हवाएँ ,
लेकर अपनी वेग रे । 
मचला तब बादल का मन .....

✍️अनुशीर्षक में पढ़े ☔

©kavi neetesh #वर्षा #बरसात #बारिश #मोसम #poem #Poet #Love #Couple

SURAJ आफताबी

तिरिया- नारी तरूणाई- यौवन, जवानी पावस- वर्षा ऋतु love #Prem #surajaaftabi #Zindagi #yqdidi #mohabbat life #lovequotes

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बलखाती सी प्रेम डगरिया
बनकर सहारा चलती वो तिरिया
नव प्रस्फुटित मंजरी सी उसकी तरूणाई  
शायद इस पावस जमके बरसी है तरूण बदरिया !

बड़ी गहरी लागी तलब.. देख दो नैन तलैया
युक्ति कोई सुझाये.. कैसे ये सोम पिया जाये
इस पुरवा से अनभिज्ञ ठहरा.. ये बाबू शहरिया !! तिरिया- नारी
तरूणाई- यौवन, जवानी
पावस- वर्षा ऋतु
#love #prem #surajaaftabi #zindagi #yqdidi #mohabbat #life #lovequotes

Sanjay Sahu

वर्षा ऋतु का आगमन पर वर्षा न होने से किसान अपनी फसलों के लिए चिंतित है। #OneSeason

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आस लगाए बैठा हूँ तुमसे,
बरसाेगे कब, बताएँ रे बदरा।
 सावन बीता सूखा-सूखा पर,
भादाे आस जगाए रे बदरा।
 
जाे था पास मेरे वाे खेतों पर,
बैठा हूँ सब लगाए रे बदरा।
 अंतिम आस तुम्ही हो पर,
दिल भी अब घबराए रे बदरा।
 
कहलाता हूँ अन्नदाता पर,
फसल अब रूलाए रे बदरा।
 भूख सभी की मिटाता हूँ पर,
फसलों की प्यास काैन बुझाए रे बदरा।
 
आस लगाए बैठा हूँ तुमसे,
बरसाेगे कब, बताएँ रे बदरा।
 सावन बीता सूखा-सूखा पर,
भादाे आस जगाए रे बदरा।
 
अब न बरसे जाे तुम पौधों पर,
तड़प-तड़प मर जाए रे बदरा।
 जब न रहे फसल मेरी ताे,
अन्नदाता कैसे कहलाएँ रे बदरा।
 
आस लगाए बैठा हूँ तुमसे,
बरसाेगे कब बताएँ रे बदरा।
 सावन बीता सूखा-सूखा पर,
भादाे आस जगाए रे बदरा।

©Sanjay Sahu वर्षा ऋतु का आगमन पर वर्षा न होने से किसान अपनी फसलों के लिए चिंतित है।

#OneSeason
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