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लगन लगी सतगुरू चरनन की, सूझे और न कोई। दिल का हाल दिल ही सब जाने, बूझेंगें बस वोहि।।टेर।। जन्म जन्म से भटकी जग में,काल माया रही जोई। सच्चा संगी कभी न पाया,कौन बचाता मोहि।।1।। धुर से स्वामी करी प्रेरणा,सतगुरू मिलिया आई । अब मुझको विश्वास हुवा है, सत्तदेश चली जाई।।2।। नश्वर जग का खेल दिखा कर,उनने दिया जगाई। मोह ममता की निद्रा टूटी,घट में छवि प्रगटाई।।3।। राधास्वामी शब्द पियारा,घट में अब प्रगटाई। उसकी ध्वनि को पकड़ चलूँगी, स्वामी मिलूँगी जाई। 4।। राधास्वामी जी प्रीति बानी 5-87 लगन लगी सो जाने ।
डॉ.अजय कुमार मिश्र
!! बिन देखे !! बिन देखे ऐसी लगन लगी दर्शन होगा तो क्या होगा? सुनता हूँ रूप गर्विता है धरती पर पाँव नही पड़ते। सुनता हूँ उनके अधर सुघर फूलों को हँसी सिखाते हैं। सुनता हूँ उनके वाणी के सुर पाने को सरगम के भी जी ललचाते हैं। दृग नीली सागर पीली सी गहराई उनके अखियों में। उनके बड़री-बड़री अखियों में अंजन होगा तो क्या होगा? उनके बड़री अखियों के सम्मुख दर्पण होगा तो क्या होगा? मन मे एक दिन कामना जागी दर्शन न करुँ तो अच्छा है। उनके यादों में नित रो रो कर आहें भरूँ तो अच्छा है। बिन देखे ऐसी लगन लगी।
Anurag Kumar
मैंने अपने दम पर नाम कमाया है किसी की मैने मदद नही मैंने क्रिकेट मेरा एक जुनून था लेकिन आज तक देस के लिए मैंने एक मैच से हासिल किया है मैने क्रिकेट खेलना शुरू से ही सोना था लेकिन आज मेरा भविष्य है क्रिकेट मेरा। करियर हो गया है ©Anurag Kumar #klrahul केरल राहुल के के ज़िंदगी के किस्से लाइफ मेहनत और लगन लगी रही थी
गणेश चौधरी "बेफिक्र"
pinkcity voice
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
धूप कहीं नही छाया है माह दिसम्बर आया है, स्वेत रंग है अम्बर पे शीत का मौसम लाया है, लगन लगी है अंगारो की धुनी जैसे माया है धूप कहीं नही छाया है माह दिसम्बर आया है, महेन्द्र सिंह चौहान ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR धूप कहीं नही छाया है माह दिसम्बर आया है, स्वेत रंग है अम्बर पे शीत का मौसम लाया है, लगन लगी है अंगारो की धुनी जैसे माया है धूप कहीं नही छाय
Vikas Sharma Shivaaya'
रूद्र गायत्री मंत्र... ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात।। ॐ, मुझे अपना सारा ध्यान सर्वव्यापी भगवान शिव पर केंद्रित करने दो,मुझे ज्ञान का भंडार दो और मेरे हृदय में रूद्र रूपी प्रकाश भर दो..., रूठे खाबों को मना लेंगे कटी पतंगों को थामेंगे हां हां है जज़्बा हो हो है जज़्बा सुलझा लेंगे उलझे रिश्तों का मांजा हम्म का मांझा, हम्म का मांजा.. सोयी तकदीरे जगा देंगे कल को अम्बर झुका देंगे हा हा है जज़्बा हो हो है जज़्बा सुलझा लेंगे उलझे रिश्तों का मांजा हम्म मांजा.. हो हो बर्फीली, आँखों में पिघला सा देखेंगे हम कल का चेहरा हो हो पथरीले, सीने में उबला सा देखेंगे हम लावा गहरा अगन लगी, लगन लगी टूटे ना, टूटे ना जज़्बा ये टूटे ना मगन लगी, लगन लगी कल होगा क्या कह दो किस को है परवाह परवाह.. परवाह रूठे खाबों को मना लेंगे कटी पतंगों को थामेंगे हां हां है जज़्बा हो हो है जज़्बा सुलझा लेंगे उलझे रिश्तों का मांजा हम्म का मांजा, हम्म का मांजा 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' रूद्र गायत्री मंत्र... ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात।। ॐ, मुझे अपना सारा ध्यान सर्वव्यापी भगवान शिव पर केंद्रि
Devesh Dixit
शान्ति (दोहे) शोर सराबा कर रहे, हुई शांति है भंग। मन भी अब बेचैन है, करते भी वे तंग।। शांति चित्त में हो नहीं, करते तभी विलाप। दर-दर भटके वो फिरे, तन का बढ़ता ताप।। लगन लगी है काम की, मिलता है पैगाम। हो पूरा जब वो कभी, मिले शान्ति फिर नाम।। धड़कन में जब राम हों, सुख का फिर विस्तार। शांति हृदय को भी मिले, जीवन का ये सार।। भवन कलह जब भी मिटा, मिला शान्ति का दान। रचना की तब हो उपज, जैसे हो वरदान।। ................................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #शान्ति #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry शान्ति (दोहे) शोर सराबा कर रहे, हुई शांति है भंग। मन भी अब बेचैन है, करते भी वे तंग।। शांत