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Sk
शायद कोई ख्वाहिश रोती रहती है, मेरे अन्दर बारिश होती रहती है शायद कोई ख्वाहिश रोती रहती है, मेरे अन्दर बारिश होती रहती है
Sk
शायद कोई ख्वाहिश रोती रहती है, मेरे अन्दर बारिश होती रहती है
Sunil Kumar Saini
मुंह ढककर घूमने वाली छोरियों, अब तुम भी तरस जाओगी, सुन्दर छोरो को देखने के लिए, हम तो बस बचपन से ही स्मार्ट हैं, और हम अपनी तारीफ खुद नहीं करते हैं, बल्कि जमाना हमारी तारीफ करता है। लड़कियां अपना एट्टीट्यूड बहुत रखती हैं। और अपने एट्टीट्यूड में वे हमेशा घमंड रहती हैं।
shayar_dillwala
उसे सोने के लिए कहता हूं, वो जागती रहती है। खुद का खयाल रखती नहीं, वो दूसरों का मन संभालती रहती है। ©shayar_dillwala उसे सोने के लिए कहता हूं, वो जागती रहती है। खुद का खयाल रखती नहीं, वो दूसरों का मन संभालती रहती है। #Darknight
vinnu
आती उलझनों से घबरा मत,विन्नू; शायद; तुझमें कुछ तो खास है। उलझन भरी ज़िन्दगी तो जलेबी की है, मगर देख, उसमें भी तो मिठास है।। ©Vinnu उझली रहती है मगर हमेशा मिठास रखती है। #Shayari #Hindi #Life #selfconfidence #Nojoto #nojohindi #jalebi #sweet
Rk Patel 0999
ख्वाब हमारे टूटे तो हालत कुछ ऐसी थी, आँखे पल पल रोती थीं , किस्मत हँसती रहती थी। ख्वाब हमारे टूटे तो हालात कुछ ऐसी थी, आँखे पल पल रोती थीं ,किस्मत हँसती रहती थी।
Saty Brat
दिल टूटने के बाद क्या होता है? शायद कोई ख़्वाहिश रोती रहती है, मेरे अन्दर बारिश होती रहती है - अहमद फ़राज़ शायद कोई ख़्वाहिश रोती रहती है, मेरे अन्दर बारिश होती रहती है - अहमद फ़राज़ #brokenheart #nojoto #Wod Karma Shayar khushvinder dahiya My_W
EshaNa Sharma
ये खामोशी मेरी जुंबा से अब लगी रहती है। हाँ ये खामोशी मेरी जुंबा से अब लगी रहती है इतना टूटे है हम इस छोटी सी उम्र में कि अब आँखो से आँसू नही आते, होठों पर महज हँसी रहती है। ईशा रहती है।
Pushpinder Singh
फिर वही बरसात का मौसम फिर वही सड़कों का कीचड़ मुहँ फाड़े गहरे गडढे, गटर और उन गड्ढ़ों पर रगड़ते जीवन नालियों से निकलता गन्दा पानी मन्दिर घरों तक गटर का पानी कहीं गिरते लोग इन गड्ढ़ों में कई होते ज़ख़्मी इन गड्ढ़ों में सोता नगर निगम इन गटर में सोता सारा प्रशासन इन गड्ढ़ों में पर नेताओं की सड़क है चकाचक उड़ते आते आसमान से खटाखट हैरानी है कहाँ जा रहा है देश अन्धे बहरों का है क्या ये देश बनी नहीं सड़कें सत्तर सालों में बदल जाती हैं सड़कें गन्दे नालों में हर साल का यही है रोना रोता सड़कों का हर कोना पर शायद अब ये आदत हो गयी है इस हाल से गुजरने की रिवायत हो गयी है फिर भी हम आगे बढ़ रहे हैं दुनिया को चुनौती दे रहे हैं यही है शायद हाल हमारा ऐसे ही चलेगा क्या देश हमारा..... ©pushpinder_1 रोती सड़कें