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Dharmendra Gopatwar

📄 _श्रवण तुझा मी 💞 तु श्रावणी माझी . .✍️
 
  _ श्रवण तुझा मी 
तु श्रावणी  माझी ,
 सात फेरी ने साथ , तुझी मला मिळाली . .

ही गाठ रेशमाची जुळता ,
         सोनेरी या क्षणी ,
नवरोबा मी तुझा 
                    बायको तु माझी झाली . .
 
          भेट तुझी पहीली आठवते . ,
श्रावणातला जणू तो पहिल्या 
     पाऊसाची चाहूल देणारी 
 नवख्या प्रेमाची गोड भास देणारी होती . .

 नुकतंच . ,
चालण्याच्या प्रेमात पडलेला 
 रेंगणारा मी तान्हा बाळ जणू . .
प्रेमाचे तरंग मनात 
 प्रिये अनुभवले मी त्या क्षणी . .

         जीवनात तु माझ्या
इंद्रधनुष्या परि रंग भरशील ना ?
अर्धांगिनी बनून सोबती 
             तु असशीलच . . !

या मनाची हाक . ,
                 पाऊलासोबत पाऊल टाकत 
प्रियसी बनून सोबत चालशिल ना ?

नाव तुझे जुळले नावासोबत माझ्या . , 2x
" श्रवण तुझा मी . , तु श्रावणी माझी . ."

जीवनसंगिनी झाली 
            खरी तू माझी ,
 जीवनाच्या प्रत्येक वाटेवर . ,
 सांग बरं . . ! तु माझी . .  सखी ' होशील ना . . ? 2x

©Dharmendra Gopatwar #श्रवण #तुझा #मी #श्रावणी #तु #माझी #कविता

कलाम ए मानसी

ना दो खुशियां मुझे गमजदा रहने दो,
अपने ही आपसे मुझे खफा रहने दो.

मत बताओ, उन्हें मेरी मजबूरियां,
उनकी नज़र में मुझे बेवफ़ा रहने दो.

कैफो मस्ती से मेरा वास्ता है क्या,
मैं तन्हा ठीक हूं, मुझे तन्हा रहने दो.

ज्यादा अच्छा रहना, बुरा होता है,
मैं तो बुरा हूं मुझे अब बुरा रहने दो.

आकर क़रीब ना लगाओ मरहम,
दिल के जख्मों को तो हरा रहने दो.

©ma n si #मानसी

Leonardo Saurabh Raj

मानसी

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बिछड़  कर  उसका  दिल  लग  भी  गया  तो  क्या  लगेगा 
बिछड़  कर  उसका  दिल  लग  भी  गया  तो  क्या  लगेगा 

वो  थक  जायेगा  और  मेरे  गले  से  आ  लगेगा 

मैं  मुशकिल  में  तुम्हारे  काम  आऊं  या  ना  आऊं
मुझे  आवाज  दे  लेना  तुम्हें  अच्छा  लगेगा... मानसी

कलाम ए मानसी

टूटे हुए शाखों पर कहां फूल खिलते है,
बिछड़े, हुए लोग, फिर कहां, मिलते है.

किसी से कोई उम्मीद न रहे तो अच्छा,
वक्त के पहिए अपनी मर्जी से चलते है.

कोई किसी का साथ देता नहीं जहां मे,
अंधेरे में, अपने साए, भी तो, ढलते है.

किसे दोष दे, अपनी बरबादी के लिए,
सारे अपनी ही लगाई आग मे जलते है.

प्यार, वफ़ा, खुलूस कुछ नहीं जहां मे,
वक्त के साथ, सारे किरदार बदलते है.

©Mansi #मानसी #Nojoto

Shubham Paswan

जौहरी मानसी #कला

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Umangen:- 
"Every Poem Explain a story How it Create"
-a poem book by shubham Kumar जौहरी मानसी

Shubham Paswan

जौहरी मानसी

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तमाम नदियाँ बहा कर
 अगर तुमने एक बूँद भी बचाना सीख लिया,
तो समझ लेना 
ऐ जिंदगी !  कि तूने जीना सीख लिया । जौहरी मानसी
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