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Suruchi
कभी कभी मन करता है लड़ झगड़ कर सारे रिश्ते ख़तम कर दूं पर पता नहीं तुमसे और तुम्हारी यादों से गुजरने के बाद लगता है अभी नही... वो चिचिढापन, वो सब कुछ बोलना चाहते हुए भी न बोल पाना।
Alok Vishwakarma "आर्ष"
रसमलाई : सुनो!! तुम न बहुत चेप्पी हो!! गुलाबजामुन : 😂😂 य..य.. ये क्या होता है!? रसमलाई : मतलब.. तुम बहुत चिपचिप करते हो गुलाबजामुन : तुम भी तो चिपचिप करती हो रसमलाई : मैं तुम्हारी तरह चेप्पी नहीं हूँ.. मैं तो चपचप करती हूँ 😐😆😐 गुलाबजामुन : देखो, क्या है न.. आज मेरे सिर में थोड़ा दर्द है.. तो.. ये सब बाद में करें.. रसमलाई : हाँ.. हाँ.. तुम्हें कविता लिखने से फ़ुर्सत हो तब न.. जाओ मैं तुमसे बात ही नहीं करती.. 😌😑😌 गुलाबजामुन : अरे यार.. तुम ऐसे उदास हो जाओगी तो कैसे चलेगा.. मेरी मिठास तो तुम ही हो प्रिये.. अच्छा सुनो.. तुम चपचप करती हो, बस.. रसमलाई : नहीं.. अब मैं पचपच करती हूँ गुलाबजामुन : 😵😪😵 सिरदर्द बढ़ गया 😂😂😂 | "चिपचिपाहट" | अंक - 2 | रसमलाई और गुलाबजामुन के प्रेमप्रसंग | #गुलाब #रसमलाई #lovequotes #yqconversations #हँसनाभूलगए #yqhumour #funny #l
Vaishali Kahale
Amit Kumar
*पतियो के लिए विशेष Yoga Tips :😛😛 पत्नी कुछ भी कहे तो गर्दन को दो बार ऊपर से नीचे करें , ये सर्वश्रेष्ट योग है, यह योग न सिर्फ आपको बीपी, अनिद्रा, बेचैनी, चिढ़चिढ़ापन इत्यादि रोगों से बचाता है बल्कि यह योग आपके खुशहाल जीवन की कुँजी है.... नोट : गर्दन को कभी भी दाँये से बाँये न घुमावें, ये जान लेवा हो सकता है.....😜😂 योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ *पतियो के लिए विशेष Yoga Tips :*😛😛 पत्नी कुछ भी कहे तो गर्दन को दो बार ऊपर से नीचे करें , *ये सर्वश्रेष्ट योग है,* यह योग न सिर्फ आपको बीप
Nisheeth pandey
गले लग कर जब तुम तन्हा छोड़ गए ...... आखों में दर्द आईना से झांकने लगे तब मैंने महसूस की जीते जी जैसे मर गए गले लग कर जब तुम तन्हा छोड़ गए ..... अपनी ही बातें गले में अटकने लगे खोमोशी से भी बोलने का दिल अब न करें गले लग कर जब तुम तन्हा छोड़ गए ..... कमरे का एकांकीपन सहजता से कटने लगे किसी के साथ चहकने का इंतजार गुम हो गए गले लग कर जब तुम तन्हा छोड़ गए ..... तब जज़्बात आंखों में मृगमरीचिका बनकर दिखने लगे बेवजह चिड़चिड़ापन स्वत: होने लगे गले लग कर जब तुम तन्हा छोड़ गए ..... ख्वाब सपने अपने देखने का नजरिया बदल गये नींद भी अब बेकहल सा हो गए गले लग कर जब तुम तन्हा छोड़ गए ..... लोगों से मिलकर भी , मिलने का अहसास गुम होने लगे जीवन से सारी खुशियां खत्म हो गए गले लग कर जब तुम तन्हा छोड़ गए ..... प्यार क्या होता है इसका मतलब बेमतलब लगने लगें भीड़ में भी तन्हाई दिखने लगे गले लग कर जब तुम तन्हा छोड़ गए ..... परछाई संग लड़ने लगे खुद से, खुद को नफरत होने लग गए गले लग कर जब तुम तन्हा छोड़ गए ..... कैसे तुमको समझाऊं सारी कला कारियाँ खो गयी तुमने महसूस भी नहीं किया जीते जी हमें तुम मार गए ।। #निशीथ ©Nisheeth pandey गले लग कर जब तुम तन्हा छोड़ गए ...... "आखों में दर्द आईना से झांकने लगे तब मैंने महसूस की जीते जी जैसे मर गए गले लग कर जब तुम तन्हा छोड़ गए
Ravendra
आम में कीटो का प्रकोप ©Ravendra आम की बौर में गुजिया व भुन्गा कीट का प्रकोप,दवा छिड़काव में लगे बागवान बाबागंज।आम के पेड़ों में बौर निकल आया है। बागवान बौर में इन दिनों गु
Shreya Tripathi
जब एक बच्चें का जन्म होने वाला होता है तब एक स्त्री तमाम उलझनों, परेशानियों, उतार-चढ़ाव के साथ एक बच्चे को जन्म देती है । जिसमें रिवाजो के हिसाब से घर के लोगों को उसके द्वारा कुछ दिया जाता है। असल मामले में लेने की हकदार तो स्वयं वो स्त्री होती है ,जो मुश्किलों से बच्चे को जन्म देती है। पूरे 9 महीनें के समय मे असहनीय दर्द,उल्टियां,गुस्सा,चिड़चिड़ापन,मूड स्विंग,दवाइयां और जाने क्या क्या समस्याएं वो सहती है। फिर एक बच्चे का जन्म होता है। बच्चे के जन्म समय कहते है 20 हड्डियां एक साथ टूटने इतना दर्द होता है। मानव शरीर 45 डेल (यूनिट) तक दर्द सह सकता है जबकि बच्चे को जन्म देते वक्त मां को 57 डेल (यूनिट) तक का दर्द होता है. यह दर्द इतना अधिक है जैसे किसी व्यक्ति की 20 हड़्डियां एक साथ टूट रही हों”. मगर फिर भी उस बहु को ना कोई गिफ्ट मिलता है ना ही सम्मान हर घर की लगभग यही कहानी है... रही बात बेटी और बेटे की तो दोनों के जन्म में शायद एक से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है दर्द एक सा ही होता है फिर भी भेद-भाव किया जाता है ... समाज को चाहिए कि जिसने बच्चे को जन्म दिया दुनिया मे लाई उस माँ को उपहार स्वरूप कुछ भेट करे, क्योंकि वो आपके वंश को आगे बढ़ा रही है आपको सुखद अनुभव कराती है। एक पति को चाहिए कि अपनी पत्नी को स्वमं कोई उपहार दे क्योंकि उसनें उसके परिवार को पूरा किआ है उसका इतना हक तो बनता है परम्पराएँ तो सिर्फ एक रूढ़िवादी सोच है जो पीढ़ियों दर पीढ़ियों से सिर्फ एक दूसरे द्वारा निभाई (ढोई) जा रही वो भी बिना मन के या बिना सहमति के। शायद यह बिचार गलत लगे मेरा मग़र यह बिचार केवल मेरे अकेले का नही है मुझ जैसी न जाने कितनी लड़कियों के दिमाग मे यही बात आती है मगर वो कहती नही बाकी सहमति-असहमति वो लोगो के ऊपर निर्भर करता है समाज ना ऐसे खुश है ना वैसे🙏 Shreya Tripathi ©Shreya Tripathi #sagun #रश्मों_रिवाज जब एक बच्चें का जन्म होने वाला होता है तब एक स्त्री तमाम उलझनों, परेशानियों, उतार-चढ़ाव के साथ एक बच्चे को जन्म देती
ashutosh anjan
युवाओं का जीवन (लेख) 👇 कैप्शन में पढ़े। युवाओं का जीवन(लेख) युवा शक्ति किसी देश के लिए कितनी महत्वपूर्ण है कि आधुनिक युग मे किसी देश की शक्ति और संसाधनों का अनुमान इस आधार पर लगाया
Swarima Tewari
"अपने कल को जो सही आकार दे वही सही मायने में एक "कलाकार" है!" नहीं मैं यहाँ इरफ़ान ख़ान को श्रद्धांजलि देने नहीं आईं हूँ...वो तो अभी भी ज़िन्दा है महफ़ूज़ है यहाँ इस दिल में, विश्वास कैसे कर लूँ कि वो चला गय