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Ek villain
जब हम जीवन यात्रा को संतुलित आहार देकर तभी हमारे जीवन में ना संप्रदायिकता होगी ना ही मैं तो नगर छावनी ना अमीर गरीब का भेद हो गाना ऊंच नीच का हो गाना गला कट प्रतिशत होगी ना अंधविश्वास होगा और ना ही अर्थ सुनने परंपराओं में क्यों ना हम जीवन को इस क्रम को जारी रखते हुए ऐसे जीवन की कल्पना को साकार करें अध्यात्मिक के क्षेत्र में अकेले जीने की बात आत्मविश्वास का एक सार्थक पर्यटन है क्योंकि वह सौदा आध्यात्मिक चिंतन रहता है व्यक्ति अकेले जन्नत है और अकेले मरता है जहां कोई अपना पराया नहीं है सुख-दुख भी स्वयं द्वारा कृत कर्म का फल है हम असंतुलित जीवन दर्शन को सामान रखकर जीवन को अधिक सार्थक बना सकते हैं ऐसा ही सोच को विकसित करते हुए हम एक नए जीवन की यात्रा कर उठे चले नई पदचिन्ह बनाते हुए जीवन के सार्थक मुकाम तक पहुंचे मैं जो कहता सत्य वही है तू जो कहता सत नहीं है आग्रह की इस वृद्धि को हम छोड़े भगवान महावीर का एकांत दर्शन हमारे जीवन का भी दर्शन हो हम सब आगरा और हम को हल्का कर कर रहे यात्रा करेंगे तभी जीवन अधिक सुखद और सार्थक होगा हमारी जीवन यात्रा को सार्थक बनाने के लिए जरूरी है प्रतिस्पर्धा की होड़ में ना दौड़े स्वयं को फूलों को ईमानदार से स्वीकार करें उतावले पन में गुणवत्ता को ना घटाएं समस्याओं से घबराएं नहीं समाधान खोजने में शक्ति लगाएं हर व्यक्ति नया सोच नहीं ©Ek villain #संतुलित जीवन यात्रा #promiseday
Ek villain
कीचड़ युक्त पानी जब स्थिर हो जाता है तो उस में धूल मिट्टी नीचे बैठ जाती और स्वच्छ पानी ऊपर देने लगता है अग्नि मन को स्थिर करने पर भी यही है सकारात्मक उपयोग विचार प्रभावी होकर पूर्णता को प्राप्त होते हैं वैसे जीवन को एक सार्थक गति मिलती है वैसे तो अधिकांश कार्य हमारा शरीर करता है लेकिन उसे चलाता हमारा मस्ती पर मस्ती को चलाने वाला मन है मन की उच्च गति के अभाव में ना तो मस्ती की कार्य करेगा ना ही शरीर के शरीर को सही गति प्रदान करने के लिए मन पर नियंत्रण और उसे साकार प्रदान कर आना अनिवार्य है शरीर और मन की गति में अंतर ही समस्याओं का मूल है रेलगाड़ी के डिब्बे तक पहुंच पाते हैं इनके साथ चलते चलते हैं में आवश्यक है इसी प्रकार शरीर और मन में भी संतुलन एवं अनिवार्य भाग जा रहा है किंतु उसका साथ नहीं दे पा रहा है तो समस्या आएगी तो इंजन भाग जा रहा है मगर उसकी गति इतनी तेज चल रहे हैं उतरने की अवस्था आने वाली है उनके बीच की टूटने वाली है ऐसी स्थिति में इंजन की गति को नियंत्रित करना एक बार के इंजनों के बीच पड़ने से बचना है क्या तेजी से दौड़ते इंजन वाली गाड़ी में बैठे यात्री सुरक्षित होंगे शायद नहीं इसलिए इंजन इतना इंजन रूबी मन दोनों की गति पर नियंत्रण जरूरी है ©Ek villain #स्थिर और संतुलित मन #hugday
Vibha Katare
मैं नीम की निबौली नहीं हूँ न चाशनी में लिपटी जलेबी हूँ, मैं कठोर शिल नहीं हूँ न कपास पुष्प सी कोमल हूँ, मैं सिंधु की लहर नहीं हूँ न कूप का शीतल जल हूँ, क्यों तलाशते हो मुझको सिर्फ अक्षों के किनारों पर, तुम पाओगे मुझको क्रोध और प्रेम के बीच उठती तरंगों पर, स्वार्थ और समर्पण के बीच उभरते रंगों पर, चंचलता और परिपक्वता के बीच निखरते जीवन पर, मृदुभाषिता और स्पष्टवादिता के बीच कहीं संतुलित होते, हमेशा मूलबिन्दु के इर्दगिर्द ही घूमते हुए ! #नारी #संतुलित #मूलबिन्दु #हिंदी_कविता #yqdidi
Ek villain
विश्व आर्थिक मंच की हाल में लैंगिक अंतराल रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 ने लैंगिक असमानता को और भी बढ़ा दिया है यह रिपोर्ट बताती है कि अब महिला और पुरुष के बीच समानता आने में करीब 136 वर्ष लग जाएंगे वहीं आर्थिक असमानता खत्म होने में ढाई सौ से अधिक मतलब सही है आर्थिक समानता का एक बहुत बड़ा कारण महिला और पुरुष के बीच वेतन का एक बड़ा अंतर है विभिन्न अध्ययन बताते हैं कि दुनिया भर में महिलाओं को पुरुष की तुलना में 23% तक कम वेतन मिलता है अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन आई एल ओ की विश्व वेतन रिपोर्ट 2016-17 के अनुसार भारत में पुरुष और महिलाओं की वेतन में 30% से ज्यादा अंतर है ऑक्सफैम इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2011-12 में औसतन समान कार्य के लिए पुरुष की जैसी योग्यता होने के बावजूद उनकी तुलना में महिलाओं को 34% कम भुगतान किया गया यह भी सामने आया है कि जाति वर्ग धर्म और स्त्री पुरुष भेदभाव जैसे संरक्षक कार्यों का भी महिलाओं के प्रति आस्था पर प्रभाव पड़ता है इतना ही नहीं सब कम वेतन पाने वालों में महिलाओं की संख्या 60% है जबकि उच्च वर्ग में उनकी तादाद महज 15% है महिलाओं को नहीं माना जाता और ना ही उनके पास कोई भूमि का स्वामित्व होता इस कारण किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिल पाता इससे उनकी आर्थिक स्थिति ही नहीं उत्पाद पर भी बुरा असर पड़ता है यदि किसी देश की आधी आबादी गैर परिश्रम कर्म उत्पादक और गौर आर्थिक गतिविधियों तक सीमित हो तो ऐसी स्थिति में कोई भी देश ना तो विकसित हो सकता है और ना ही अपनी पूरी क्षमता को प्राप्त कर सकता है ऐसे में एक ऐसा देश जहां शिक्षा व राजनीति में महिलाओं को पुरुष के बराबर अवसर दिए जाने की बात है ©Ek villain # कामकाजी आबादी का हो संतुलित #BookLife