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Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी कच्चे धागों से भी हमने प्रीत की धारा निकाली है खूबसूरती रिश्तो की बढे मजबूत परम्पराये परिवार समाज मे डाली है नारी वही है मगर उसके विभिन्न पहलुओं को परखने की अद्दभुत कला हमने डाली है भले पुरुष को प्रधान बनाया मगर नारी के कर्तव्य की हर जिम्मेदारी उस के कंघे पर डाली है त्योहारों से उत्सव बहन भाई के रह रह कर अहसास रिश्तो को निभाने की कराते है रोली चंदन और राखी के धागे से बाँध हर साल मजबूती रिश्तो की बढ़ाते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #rakshabandhan कच्चे धागों से भी हमने,प्रीत की धारा निकाली है #nojotohindi
Veer
ज़िंदा रहने की अब ये तरकीब निकाली है, ज़िंदा होने की खबर सब से छुपा ली है।
BROKENBOY
ज़िंदा रहने की अब यह तरकीब निकाली है , ज़िंदा होने की खबर सब से छुपा ली है ©brokenboy👨 ज़िंदा रहने की अब यह तरकीब निकाली है , ज़िंदा होने की खबर सब से छुपा ली है #WatchingSunset
Ran Veer
Roshan Sah
अपने सोच से मेरी सोच मिलाई है , मेरे सोच के लिए वक़्त निकाली है । आपका शुक्रिया है , इस लेखक की आवाज बन आई है ।। Sunita Barnwal
Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)
क्या हैं आज की ब्रेकिंग न्यूज़? शहर की चकाचौँध, सड़को की लाइट...भाई सब खैरियत तो है आपके गली में! या ताक-झांक कर आपने कोई ब्रेकिंग न्यूज़ निकाल
Sarita Shreyasi
थोड़ा समय निकाल कर, समय की कतली से, कुछ सुत निकाले हैं। और निकाली है,पुरानी दराज से, दिली ख्वाहिशों की कुछ कतरनें, जो अबतक यूँ ही बचा रखी थी। ले कर बैठी हूँ इन्हें, इनसे फिर कुछ बनाने को, महफूज रखने को, नये जन्मे जज्बातों को। थोड़ा समय निकाल कर, समय की कतली से, कुछ सुत निकाले हैं। और निकाली है,पुरानी दराज से, दिली ख्वाहिशों की कुछ कतरनें, जो अबतक यूँ ही बचा रखी थी
शुभी
कुम्बा-ए-मशरिक़ से फिर रंजिश निकाली है, वाकई दिल्ली बड़ी दिल वाली है. (check caption) तितली के परों को कुचल, फिर उसकी इज़्ज़त उतारी है, वाकई दिल्ली बड़ी दिल वाली है. अनसुना कर उसकी गुहार, फिर मानवता को लात मारी है, वाकई दिल
Shivansh
देशभक्ति के नाम पर बस हमने भारत माँ का नारा लगाना जाना है, हमने जवानो की कफ़न पर बस कड़ी निंदा करनी जानी है! हमारी देशभक्ति सचमुच कितनी दाग़ी है! किसी की देशभक्ति क़लम तक सीमित है, तो किसी की सिर्फ़ आधार तक! किसी को बस भगवा फ़ैराना है तो किसी को इस्लाम आगे बढ़ाना है! किसी को पाकिस्तान को ख़त्म करने की बातें बनानी है, तो किसी को बस देश के लिए मार जाना है! किसी का धर्म देशभक्ति है, तो किसी की देशभक्ति यहाँ धर्म कहलाती है! भारत माँ के आँचल को नीलाम करने की, इन राजनैतिक आतंकियों की हर साल की कहानी है! एक ओर कोई राखी शान से बँधवता है, तो दूसरी ओर भारत माँ को दूषित, नीलाम और बदनाम करना अच्छे से जानता है! (FULL IN CAPTION)... हमारी देशभक्ति!!! देशभक्ति के नाम पर बस हमने भारत माँ का नारा लगाना जाना है, हमने जवानो की कफ़न पर बस कड़ी निंदा करनी जानी है! हमारी देशभक