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#maxicandragon
पप्पू हूँ मैं पढ सकता हूँ आलू घुसा के इधर से सोना निकाल सकता हूँ पप्पू हूँ मैं पढ सकता हूँ युवा हूँ अधेड 50का बैंकॉक क्या नहीं जा सकता हूँ पप्पू हूँ मैं पढ सकता हूँ 30-32-36 पिचषत्तिछ क्या इतना भी नहीं पढ सकता हूँ पढा हूँ मैं विदेशों जाके तू तडाक, मेरा तेरा उसका इसका कह सकता हूँ अबोध हूँ नादान नहीं साजिश षडयंत्र भी कर सकता हूँ पप्पू हूँ मैं पढ सकता हूँ झूठा हूँ मैं फर्जी हूँ ना गांधी न मै हिंदू हूँ मरने तो दो इक दिन यारों मै जल नहीं बस गड सकता हूँ मै पप्पू हूँ मैं पप्पू हूँ मै पप्पू हूँ मैं पप्पू हूँ #Pappu #पप्पू #Sadharanmanushya ©#maxicandragon पप्पू हूँ मैं पढ सकता हूँ आलू घुसा के इधर से सोना निकाल सकता हूँ पप्पू हूँ मैं पढ सकता हूँ युवा हूँ अधेड 50का बैंकॉक क्या नहीं जा सकता ह
Chandan Kumar
थोड़ा बड़ा पोस्ट है, पर एक बार जरूर पढ़ियेगा ।।।। कहानी अगर पसंद आये तो लाईक करना ना भूले।।।।। #रिश्ते पिताजी जोऱ से चिल्लाते हैं । प्रिंस
Dr. Bhagwan Sahay Meena
शायद आज समुद्र को पानी की प्यास थी। इस बवंडर के आगे, आग भी खामोश थी। कोई गवाह वो का दिन फैसले की रात थी। यह अंतिम कोशिश या तलाक की बात थी। डॉ. भगवान सहाय मीना बाड़ा पदमपुरा जयपुर राजस्थान। ©Dr. Bhagwan Sahay Meena #तलाक तलाक तलाक़
Aनुभा
अब आ गया वक्त ,बहुत दिन सताया जालिम पुरुषों ने,आज से हम देते हैं तलाक को--------तलाक तलाक तलाक।। तलाक को तीन तलाक....#@nu.
Sabreen & Saddam 007
मत भडकाओ इतने शोले औरतों में जला कर खाक कर देगा। अगर अब दिया तूने तीन तलाक तो खुद तुझे जैल भिजा अपनी जि़दगी से साफ कर देगी #तलाक
chahat
तलाक सही या गलत तलाक हो गई है ,एक आम बात। मैं आपको पसंद नही थाम लेती हू किसी और का हाथ।। मैं क्यों सुनूं तुम्हारी डांट। साथ लाई थी समान और जेवरात तुम नहीं, सही किसी और का साथ।। बोले पिता.. बेटी साथ न लाना अहम। मान सम्मान चाहते है हम।। रखना दोनो परिवार की लाज तुमसे ही है हम, है ये समाज, बोले पति..प्रिय बस तुम आ जाना साथ अपने खुशियां ले आना भूल कोई हो तो गले से लग जाना पर हमसे कभी दूर न जाना झुक जाऊंगा में जो मिलेगी तेरी चाहत न करूंगा कभी तुझे आहत..... तो आए ही क्यों ये शब्द तलाक जब होंगे अपने ही रिश्ते पाक ©chahat तलाक
पूर्वार्थ
आजकल जो जोड़े ज़्यादातर ग़ुस्से में आकर तलाक़ ले रहे है जिसका असर बच्चों पर पड़ता है उस पर यह कविता है। कृपया पढ़े कैसी है ©पूर्वार्थ #तलाक
IsHEe
तलाक देती हुई जुबानों को कया पता साहेब..! . . . दहेज किस तरह से बनते हैं..!!💔 इशू 💔 तलाक...
डॉ.अजय कुमार मिश्र
हाले तलाक को कैसे बयां करुँ,थी शौहर के सहारे अब किस कदर रहूँ? आबरू को कैसे अब बेआबरू करुँ;किसी और कि दुल्हन बन कैसे मैं रहूँ! हालाते जग हँसाई किस कदर बयां करुँ,बच्चों के साथ जीवन कैसे गुजर करुँ! वक्त की मारी कैसे हाजिर जवाब दूँ,जालिम ज़माने से कैसे हाले दिल कहूँ! अब्बा के अरमानों को वजाहत कैसे करूँ,खाला के गुनाहों पर पर्दा कैसे ढकूँ! तालीम या दुवा या फ़तवा अब पढूँ,या खुदा तू ही बता किस कदर रहूँ! आबरू भी तेरा बुर्का भी तेरा,अब जन्नत की ख्वाहिशें किस कदर करुँ! हे मौला !तू जन्नत दे या दे फ़कीरी तुझसे ही अब मैं तो सजदा करुँ! तलाक!!