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Anchal Godiyal (shine writer)
पद चिह्न ऐसे होने चाहिए जिनकी छाप ज़मीन पे नहीं लोगों के दिलों मे पड़ जाये और हर कोई उसी रास्ते पर चलना चाहे जिस पर आप चले थे कभी #पदचिन्ह
J P Lodhi.
पदचिह्न मानवता के पदचिन्हों पर कौन चल रहा, मानव ही मानवता का दुश्मन बन रहा है। एक ओर मानवता मानवता दिखा रही है, प्राणों पर खेल के ज़िंदगियां बचा रही है। दूसरी तरफ मानवता का मखौल उड़ा रहे, रक्षकों पे ही जाहिलियत की हद कर रहे। महामारी को तो वह मज़ाक समझ रहे है, खुद तो खुद समाज के भी शत्रु बन रहे है। धर्म के नाम पे ज़िंदगियों से खेल खेल रहे, समाज को भी महामारी का ग्रास बना रहे। समय अभी हम सबको मिलकर रहने का, नियमों का पालन कर संभलकर रहने का। हम मानवता के पदचिन्हों पे अग्रसर चले, हम मिलजुलकर विकट महामारी से लड़े। JP lodhi #पदचिन्ह
Parasram Arora
प्रेम क़े पदचिन्ह ढूंढ़ने हो तो जरूरी है क़ि चांदनी रातों की प्रतीक्षा की जाए ताकि वे स्पष्टता दिखा सकें और उन्हें पहचान कर आगे बढ़ने का मार्ग भी प्रशस्त हो सके अपने ह्रदय कीगिरफत से छिटक कर प्रेम क़े उस अद्भुत सौंदर्य को जो उस चांदनी मे पक कर सृजित हुआ है उस सौंदर्य को नग्न आँखों सेदेख कर तुम अब आभार भी व्यक्त कर सकते हो ©Parasram Arora #प्रेम क़े पदचिन्ह
शिवानन्द
जो सफर अब भी गुमनाम हुआ फिरता है। मंजिलें अब भी ऊंचे पहाड़ों सा दिखता है। मुसाफ़िर ठोकरों में भी, जी भर के जिया करता है। पद चिन्हों से पथ की राहों को हर पल सिया करता है। ~~ शिवानन्द #सफर #मंजिल #मुसाफ़िर #पदचिन्ह #जिंदगी #thoughts #quote #yqdidi
Vibha Katare
छोड़ो न पदचिन्ह तुम, मुझको उनपर चलने को, उड़ने दो आज़ाद मुझे, अपनी मंज़िल खुद चुनने दो .. #पदचिन्ह #मंज़िल #आज़ाद #borntobealegend #parenting #yqdidi Thanks for the wallpaper Manisha Dubey
Deepansh Mittal
Break up quotes बहुत सोच के रखीयेगा जी, गाम अपने ये मिट्टी, बा-खूब पदचिन्ह पहचानती है #NojotoQuote बहुत सोच के रखीयेगा जी गाम अपने ये मिट्टी बा-खूब पदचिन्ह पहचानती है
Prashant Shakun "कातिब"
समुद्र किनारे गीली रेत पर मैं चल रहा हूँ तुम्हारे पदचिन्हों पर ©Prashant Shakun "कातिब" देखो, कितना खूबसूरत चित्र बनाते हैं ना ये शब्द… . . . सुनो, मैं इस
Yogini Kajol Pathak
Impossible If you are not giving motivation to yourself then no one can motivate you! मैंने अपने जीवन के कई महीने दुसरों के Motivational विडिओज देखकर गवाँ दिए😒बाद में मैंने यही पाया 🤔 I,m becoming fool by motivational sepeakrs🙆, they just earnig money by the vedios यकीन मानिए इतनी तकलीफ हुई मानों किसी ने गहरा आघात किया है! मेरे अन्दर साहस तो आता था मगर किसी काम का नहीं। फिर मैंने तय किया की, मैं किसी के द्वारा खुद को Motivate नही करूगीं,मेरी जिन्दगी है मुझे सवारनी है,। मेरी मानिए किसी का सलाह लेना अच्छी बात है, वह महत्वपुर्ण हो सकता है ,लेकिन बदलाव सिर्फ आप कर सकते है! रुक कर साहस लेने से कुछ नही होगा बल्की आगे बढ़ने से रास्ते कटेगें! आप अगर अन्दर से मजबूत नहीं है तो साहस आप में ठूँसा नहीं जा सकता, हर इनसान अपने में बहुत बड़ा योद्धा है,बस चलना शुरू करिए! आपकी मंजिल बाहें फैलाए आपका इन्तजार कर रही है,! आप भटकते हैं तो उसे भी तकलीफ होती है,समय न गवाईए ! *Everyone have a will power* #motivation_for_life #Nojoto #nojotonews #कहतें हैं ना,,,, है वही सूरमा इस जग में जो अपनी राह बनाता है,कोई चलता है पदचिन्हों पर,कोई पदचिन्ह
R.S. Meena
पदचिन्ह बिना पैरों के बनते ना दिखें, कभी पदचिन्ह राहों में। पाँव जमीं पर हो, तो आसमाँ भी सिमट आये बाहों में।। सदियों से सहती आई है धरती, दर्द जमाने भर का, समझे ना कोई पीड़ा इसकी, अमृत माँगे अपने हक का। घाव बना दिए धरा पर, निशान दिखे है शिला-शिला पर, भरने का कोई काज करे ना, हक माँगे चिल्ला-चिल्ला कर। कष्टों का सहना क्या होता है, धरती से चले जाने, छलनी होने पर भी, उपकार किए बिना ना माने। रहे जीवों में अपनापन, मानव पाएँ ज्ञान प्रकृति से, रक्षा करे सभी जीवों की, मन हर्षित हो अनुकृति से। पाँवों को जब रखे धरा पर, ध्यान रखे अपने तन का, चोट लगे ना कहीं धरा पर, मान घटे ना किसी जन का। ज्ञानी बड़ा जगत में मानव, पर खुद ही ये जान ना पाएँ, निर्दोष और अज्ञानी कहे जाने वालों पर कहर ढाता जाएँ। पदचिन्ह बने राहों में ऐसे, उपवन में खिले फूलों जैसे, महक छोड़े वों तन-तन में, चुभे ना कभी काँटो के जैसे। पदचिन्ह बिना पैरों के बनते ना दिखें, कभी पदचिन्ह राहों में। पाँव जमीं पर हो, तो आसमाँ भी सिमट आये बाहों में।। सदियों से सहती आई है धरती, दर
Anupama Jha
पदचिन्ह महावर की थाल में डालकर पैरों को अपने पदचिन्हों को छोड़ा उसने सिर्फ दिल ही नहीं कई रिश्ता जोड़ा उसने कुछ सहमी कुछ घबराई सी थी कुछ अपनी कल्पनाओं से शर्मायी ,लजायी सी थी सुबह सवेरे उठकर अपने लाल महावर के निशान देख रही थी अपनी जिम्मेदारी के एहसास को संजो रही थी। कुछ बिखरे सामानों को उठाया उसने बड़े हक़ से ,अपनी मर्ज़ी से उन्हें सजाया उसने तभी पीछे आई कहीं एक ताने की आवाज़ सुनो जी !इस घर का ,ये नहीं रिवाज़ घर अभी ये मेरा है नहीं इसपर हक़ तेरा है सुन इसे वो रो पड़ी मन ही मन सोच पड़ी कौन सा पदचिन्ह अपना है जहाँ पड़े महावर या जहाँ पड़े थे धमा चौकड़ी के निशान? कुछ प्रश्न चिन्ह लेकर पदचिन्ह वो छोड़ आयी जहाँ न मिला उसे मान कौन सा घर उसका है और कहाँ है उसका स्थान! #पदचिन्ह#yqdidi#yqbaba महावर की थाल में डालकर पैरों को अपने पदचिन्हों को छोड़ा उसने सिर्फ दिल ही नहीं कितने रिश्तों को जोड़ा उसने