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Marutishankar Udasi
अद्भुत प्रेम का यह रोग उदासी मेरे शिव भी कभी हुए थे सन्यासी चाहत की परीभाषा एक तरफा रहा है जहां भी दर्द हुआ है वहां बे हिसाब गिरधारी ©Marutishankar Udasi मेरे गिरधारी
Devil
आप किसी के साथ प्रेम में हैं या पति पत्नी हैं सबसे पहले एक दूसरे की निजता का सम्मान कीजिए । इन दिनों मोबाइल और सोशल मीडिया एकाउंट निजता के साधन हैं। असल में कोई यदि मेसेंजर में किसी अन्य स्त्री या पुरूष से थोड़ी सी चुहल कर रहा है तो इसका मतलब यह कतई नही है कि वह आपको धोखा दे रहा है । वह बस रूटीन लाइफ की बोरियत से थोड़ा निजात पाने की कोशिश कर रहा है । इन दिनों इसकी वजह से बहुत सारे रिश्तों में दरारें उतपन्न हो रही है । होंगी ही 🤷 प्रेमी बनिए, पति पत्नी बनिये शरलॉक होम्स नही । जासूसी मत कीजिये एक दूसरे की । एक दूसरे के मोबाइल को तो छुएं ही मत । इसे नियम बना लें । एक दूसरे के सोशल मीडिया के एक्टिविटी से तो जज करें ही नही। इसे दूसरा नियम बना लें । इन दोनों नियमों का कठोरता से पालन करें । आपका रिश्ता सुखद रहेगा । 🙏🙂राधे राधे 🙂🙏 ©Devil पति पत्नी प्रेमी प्रेमिका बने शरलॉक होम्स नही 🙂🙏
Mohit Sharma
आज आये हैं गिरधारी, संग में लाये हैं राधा प्यारी, मुरली अधरों पे सोहे, संग मुस्कनिया प्यारी प्यारी, सिर मोर मुकुट बिराजै, तन पीताम्बर तोहरे साजे, आज आये हैं गिरधारी, संग में लाये हैं राधा प्यारी। #गिरधारी 🙏🏻 To be continued...
कवि अशोक कुमार शर्मा
तेरे अधरों की मुस्कान लगे है प्यारी तेरी झील सी दोउ अंखिया अति कजरारी तो मे प्राण बसें हैं गोकुल के जाती वारी यशोदा महतारी तेरी लीला न्यारी गिरधारी तेरी सूरत प्यारी प्यारी मनमोहक छवि अति न्यारी तो पे मोर मुकुट अति सोहे तेरी लटें अति कारी घूँघरारी तेरी मोहक छवि अति न्यारी मांथे चन्दन तिलक विरोचन तन पर पिताम्बर धारी गले माल पड़ी वैजन्ती मुकुट मणि की चमक अति भारी तेरो रूप अनोखा बनवारी तोहे छप्पन भोग न भावे माखन मिशरी अति प्यारी तुम रीझ गए तंदुल पे तीनो लोक की श्रष्टि दे डारी माखन मिशरी लगे प्यारी तुम भाव भक्ती के भूखे नटवर तुम प्रेम पूजारी तुम साग वदुर घर खाये हो भक्तो के हितकारी तेरी मुरली की धुन प्यारी जग रीझा तो पे मोहन दुनिया तो पे मन हारी हे माधव कृष्ण मुरारी करुँ नमन मैं कोटि तिहारी हे माधव कृष्ण मुरारी ©कवि अशोक कुमार शर्मा मनमोहन गिरधरी #janmaashtami
Un_kahi_bate
ठाकुर जी तेरे होते भी खुद को अकेला सा पाया हैं कान्हा ले चल मुझे मेरा दिल आज भर आया हैं, अब और नहीं करनी मुझे गुलामी तेरी तूने भी मुझे हर मोड़ पे आजमाया हैं, तुझे प्यारे हैं मेरे अंशु इतने इसलिए की हर कदम पे तूने मेरिं आंखो को रुलाया हैं, चल फिर ले चल अपने पास मुझे आज मेरा दिल भर आया हैं..... गिरधारी Tu to wakif hai such se phir kyu..