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vishal patil

Tum se ek shikayat hai   मुझे लगा था,तुम्हे मेरी फिकर सबसे ज्यादा है...लेकिन...उस दिन पता चला की समाज तुम्हारे लिए मुझसे पहले आता है.! #NojotoQuote डर इस समाज का....
#समाज #प्यार

डर इस समाज का.... #समाज #प्यार

14 Love

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Hariom Mishra

कुछ मानव हैं लेकिन वो दानव हैं 
 स्त्रीयों के पैरों में अभी भी 
बेडियां  हैं।
ये दानव मासूम- सी कन्याओं का करते बलात्कार हैं 
ये मानव के रूप में भेड़ियां है।
इनका खराब व्यवहार है 
वो दो -साल के मासूमों को भी नही छोड़ते हैं 
नया शिकार को खोजते हैं 
कोई नई खबर मिलने पर नेता लोग विपक्षी 
पर पार्टी पर आरोप लगाते हैं 
उस मासूम को इंसाफ नही दिलवाते हैं 
ऐसे नेताओं और भेड़ियो को जिंदा जला देनी चाहिए
अगर मुस्लिम हो तो जिंदा दफना देनी चाहिए
संविधान के कानून 
के कुछ पन्नों को जला देनी चाहिए आज का समाज

आज का समाज

60 Love

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abhisri095

#Lohri  बुरा ये नही कि,बुरा हो रहा है
बुरा तो ये है, सब सामने हो रहा है
बुरा कहे भी तो किसको कहे
जिसको देखो वो खुद में बुरा हो रहा है #आज का #समाज
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# समाज का दोगलापन

# समाज का दोगलापन #Motivational

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Sachin Nauhal

किसान माँ अन्नपूर्णा की संतान है किसान,
अन्न जीवन है श्रष्टि का तो 
भगवान है किसान।



          महान व्यक्ति वही नही होते जो-
        सम्मानित होते, कुछ सम्मान के
      अधिकारी सम्मान से
    दूर भी होते है।। समान किसान का।।

समान किसान का।।

7 Love

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Gagan Reuben

 सच समाज का

सच समाज का #nojotophoto

8 Love

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Suraj Shandilya

समाज का परिवार

कही दूर एक जगह पर , छोटा सा परिवार रहता था। जिसमे कुल 4 सदस्य थे माँ पिता, भाई, और बहन।
जिसकी आर्थिक हालात उस समय ठीक नही थी।

परंतु वे सब आपस मे बहुत ही खुशहाल थे ,एक दूसरे के साथ प्रेम भाव , सभी का आदर करना बखूबी आता और वे सभी बहुत ही मनमोहक ही थे।

और परिवार की एक जुटता और प्रेम के सहारे ही वे हर एक कार्य खूब मन लगाकर करते थे।

उनमे एक छोटी बच्ची भी थी जो स्वभाव से चंचल थी पर उससे ज्यादा अपने परिवार के मान सम्मान का भी ध्यान रखती थी कही उससे ऐसी भूल ना हो जाये कि परिवार वालो को कहि सर्मसार होना पड़े।

जिसके लिए खूब मन लगाकर पढ़ाई करती और साथ ही साथ अपने घर को संभालना भी सिख चुकी थी।

सभी परिवार के सदस्य उससे बहुत ही स्नेह करते , और वो एक आदर्श बेटी के रूप में जानी जाती। उसे जरा सा भी चोट लग जाये तो पूरा परिवार रो उठता और जरा सा भी स्वस्थ्य खराब हो तो सभी तरह तरह के नुस्खे बताने में जुट जाते।

आज वो बच्ची बड़ी हो गई तथा बहुत ही खूबसूरत है। उसकी खूबसुरती भी इतना कि चांद भी शर्मा जाए पर और आज भी मन लगा कर पढ़ाई करती है

परन्तु ना चाहते हुवे भी उसे एक लड़के से प्रेम हो गया। पर अब उसे डर था उसके परिवार वाले उस लड़के को अपनाएंगे की नही?

यही कशमकश उसके मन मे हमेशा बना रहता। आखिर बने भी क्यों ना?

परिवार वाले समाज को जो मानते थे।
समाज के बाहर ये नही करना समाज के बाहर वो नही करना,हमेशा से यही चलता रहता था।

जिस सोच की छाप उसके मन मे भी कही घर कर चुका था। पर आज अब वो लड़की उस लड़के को खोई तो वो टूट सकती थी।

दिन प्रतिदिन , परत दर परत उन दोनों का रिश्ता और गहरा होता चला गया अब वो बच्ची उस लड़के से बिछड़ने की नही सोच सकती।
बहुत ही हिम्मत करके उसने इस बारे में अपने परिवार वालो को बताया।

पर सारे सदस्य उसे बस सुनते रहे, और उसकी पढ़ाई छोडवाकर वापस घर ले आये। वो बहुत ही दुखी थी क्यों कि पढ़ाई का भी उसकी जिंदगी में महत्वपूर्ण स्थान था जिसे घर वाले छोड़वा चुके।

अब आज के समय उसके परिवार वालो की सोच इतनी बदल चुकी की अब बस उस बच्ची की शादी कर कहि दूर भेज दिया जाए ताकि उस लड़के को भूल सके और समाज मे हमारे परिवार की इज्जत बनी रही।

समाज------ बहुत ही गहरी सोच है, ये वो समाज है जो अच्छा भी है और कहि जगह बुरा भी।

उस बच्ची के परिवार वाले उसे पढ़ाई छोडवाकर घर ले आये शादी की बजाय करने लगे इनके पीछे ये समाज ही तो था सायद।

जो परिवार बचपन से ही खुशहाल था जो अपने बच्ची से बेहद ही प्यार करता था समाज के डर से कही उनका परिवार बदनाम ना हो सोच कर अपनी बच्ची के प्रेम को कुचल दिया।

जो परिवार अपनी बच्ची का इतना खयाल रखता था वो आज अपने ही हाथों से अपनी ही बच्ची का समाज से सौदा कर बैठा और भूल गया कि वो हमारी ही बच्ची है।।।

और ये सब देख कर महसूस करके उस बच्ची में जो बीत रही थी उसे अब उसके परिवार वाले समझना तक नही चाहते थे।

और आज उस बच्ची ने इस घुटन के कारण कुछ ऐसा किया जिससे अब उसका परिवार ज़िन्दगी भर उस सदमे से उभर नही सकता था।

फिर आज समाज एक प्यारी सी बच्ची का गला घोंट चुका था।
और परिवार वाले अभी भी समाज समाज मे ही थे।

काश वो परिवार समाज से ज्यादा अपनी बच्ची से प्रेम करता तो सायद वो खुश होती और सही सलामत होती। #NojotoQuote समाज का परिवार।

समाज का परिवार।

4 Love

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Digant K. Dusara

खुद को इतना Perfect बनाओ की जिसके लिए आप तड़पे हो वो संसारी नहीं रहे आपकी एक झलक देखने के लिए तरस जाए ! !
अहम् ब्रह्मस्मि महाकाली शक्ति आह्वानम् अथ ध्यानम् महाकाली शक्ति आह्वानम् अहम् ब्रह्मस्मि अथ ध्यानम् कलियुग अंत कल्कि आह्वानम् अथ ध्यानम्

महाकाली शक्ति आह्वानम् अहम् ब्रह्मस्मि अथ ध्यानम् कलियुग अंत कल्कि आह्वानम् अथ ध्यानम्

8 Love

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Kalpna Tyagi

किलकारी गुंजाने अपने आंगन
 जान हथेली पर तक खेल जाती है ,,
खुशनसीबी से मिल जाता है यह सुख बाद दर्द से गुजर कर भी 
समाज क्या अपने ही नहीं जीने देते उनको,
 जो इस मात सुख से भी वंचित रह जाती है,,

©Kalpna Tyagi #MothersDay2021 # समाज का आईना

#MothersDay2021 # समाज का आईना

29 Love

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Lalit Tiwari

नव समाज का सृजन

नव समाज का सृजन

416 Views

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ASHOK KUMAR POET

वर्तमान क्या है राजनीति 
ये भी हमें समझनी है।

कोन क्या कर  रहा है,
क्या नहीं कर रहा है।

ये भी कवियों का काम,
कवि ही तो समाज का
दर्पण है #feather 
समाज का दर्पण

#feather समाज का दर्पण

11 Love

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Dr shripal Fauji

सादर प्रणाम जी,
वर्तमान में हिंदू संप्रदाय की दशा, आज हम हिंदू संप्रदाय के 
आर्य ब्राह्मण ,क्षत्रिय ,वैश्य के रूप में अलग-अलग जाति वर्ग में बटगए हैं ।
जो हमारे पूर्वजों ने व्यवस्था बनाई थी की जो पढ़ने में होशियार है ,
बुद्धि का धनी है वह ब्राह्मण का कार्य करेगा और जो शरीर से बलवान है
 वह समाज की रक्षा का कार्य करेगा और जो धन कमाने और जोड़ने में 
चतुर है वह अपने धन के द्वारा समाज की सेवा करेगा ,कौन से 
समाज की करेगा आज के समय में यह बताना बहुत मुश्किल हो 
गया है क्योंकि आज जो अपने को ब्राह्मण कहते हैं उस वर्ग में 
भी पंडित क्षत्रिय वैश्य और कमजोर वह कम बुद्धि वाले 
हैं ,ब्राह्मण वर्ग में सभी ब्राह्मण नहीं है।
इसी प्रकार क्षत्रिय वर्ग में सभी क्षत्रिय नहीं है इनके में भी 
विद्वान धर्मात्मा, वैश्य और कमजोर वह कम बुद्धि वाले हैं।
इसी प्रकार वैश्य मे भी बुद्धिमान विद्वान क्षत्रिय और कमजोर 
बल औरकम बुद्धि वाले हैं कोई भी समाज या वर्ग पूर्ण  नहीं है, 
ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य इन सभी वर्गों में सभी प्रकार के मनुष्य हैं 
एक बात जरूर है किसी वर्ग में ब्राह्मणों की संख्या ज्यादा है 
किसी वर्ग में क्षत्रियों की संख्या ज्यादा है किसी वर्ग में वेश्य 
की संख्या ज्यादा है। ओम।

©डॉक्टर श्रीपाल फौजी आज का समाज

#Darknight

आज का समाज #Darknight

4 Love

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Rashmi sharma

समाज का सच

#noshame

समाज का सच noshame

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Sarika soni

मुझे जागती रातों की चांदनी लिखना तुम प्रिय! #nojoto #रात,,,का समां

nojoto #रात,,,का समां

57 Love

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Pradyumn awsthi

हमारे संपूर्ण समाज मैं रहने वाले इंसानों के मन के अंदर एक घातक रोग छिपकर बैठा हुआ है
जिसे आम भाषा में 'लोग क्या कहेंगे, लोग क्या सोचेंगे' कहते हैं
यह रोग हमारे समाज के लिए इतना ज्यादा खतरनाक है कि इसके कारण हजारों इंसानों का जीवन ,बनने से पहले ही बर्बाद हो गया 
मेरा आप सभी से निवेदन है कि आप अपने मन के अंदर से इस घातक रोग को निकालकर फेंक दे क्योंकि यह रोग बेमतलब में ही हमें हमेशा डराता रहता है

©pradyuman awasthi भय समाज का

#Anger

भय समाज का #Anger #जानकारी

62 Love

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Ravendra

 हिंदू समाज का  यज्ञोपवीत

हिंदू समाज का यज्ञोपवीत #न्यूज़

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super star

हिंदी दिवस यु तो देते हे हिन्दी को मात् भाषा का नाम
पर औरो से कम दरजा है इसके नाम
खुद को उच्चा दिखाने मे वो भुल जाते है इसका इतिहास

बस करते रहते है विदेशी भाषाओ का गुणगान हिन्दी  का करो समान

हिन्दी का करो समान

22 Love

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Mamta kumari

Dream देखा मैंने देखा एक सपना 
अच्छे कार्य करो तो सब है अपना
इसलिए कहता हूं समाज का अच्छा दर्पण 
बनो,
नही तो जो बोओगे वहीं पाओगे यही 
है सब का कहना  । समाज का दर्पण बनो ।

समाज का दर्पण बनो ।

37 Love

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Vishesh Tiwari

Funny hindi memes जिसने बस त्याग ही त्याग किए
जो बस दूसरों के लिए जिए
फिर क्यों उसको धिक्कार दो
उसे जीने का अधिकार दो #NojotoQuote स्त्री का समान करो..

स्त्री का समान करो..

7 Love

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ek musafir

सास वह काली रात है जो हमेशा डराती रहती है जंगल में बोलते उल्लुओ किया तरह 🤣🤣 सास का साया

सास का साया

7 Love

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SHAYAR VISHAL PIYAJI

ये जो दर्द है सीने में, 
तुमसे जुदा होने का
अब तो समा ही बन्ध गया है, 
तेरे लिये हर पल रोने का #रोने का #समा
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Gurtej Gill

सास का घंघट

सास का घंघट #प्रेरक

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Sandeep kumar Sakhawar

मानव समाज का हित 

#Zid

मानव समाज का हित #Zid

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विनय

औरत, समाज का सच 2

औरत, समाज का सच 2 #कविता

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विनय

औरत, समाज का सच 3

औरत, समाज का सच 3 #कविता

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omkar sour आदिवासी

हम सोचते हैं समाज का क्या बजूद हैं

समाज का क्या बजूद हैं #विचार

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pragya mishra

जब परिवर्तन की हो बेला,
निज का परिवर्तन करना होगा।
रूढ़िवादिता,अंधविश्वास तोड़कर,
दो पग आगे बढ़ना होगा।।


अगर तुम्हारे बोल बुरे हो,
झट उनका परिवर्तन कर लो।
गलत लगे व्यवहार किसी का,
खुद को परिवर्तित कर लो।


अगर पुरखों की बात हो अच्छी,
उनको साथ लेकर चल लो।
अगर बात हो रूढ़िवादी,
नवनिर्मित तुम खुद कर लो।


अगर न होता परिवर्तन,
न आती जग में क्रांति।
बालाएं जल के मरती,
बच्चियां होती दुल्हन साड़ी

हर  क्रांति के पीछे परिवर्तन 
ही उत्तरदायी।
सोच समझ कर लो परिवर्तन
पीढ़ी को सुखमय कर लो।।

                                              प्रज्ञा मिश्रा✍️✍️✍️✍️ परिवर्तन........समाज का एक नियम

परिवर्तन........समाज का एक नियम

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vishal painuly

🙏गूंगा युवा🙏

छोड़ दो इनकी जुल्फों के साए में रहना
 बंद करो इनकी भाषाओं को बोलना
🖊️🖊️ 
यह राजनीति के गिद्ध हैं उनकी राह पर मत चलना
 भोली सी सूरत दिखा कर उस पर लालच मत करना
 छोड़ दो इनकी जुल्फों के साए में रहना
🖊️🖊️
 युवा मैं तुम्हें जगा रहा हूं
 राजनीति से भगा रहा हूं 
छोड़ दो सब राजनीति दलों को
 समाज में उतरने के लिए बोल रहा हूं
🖊️🖊️
 राजनीति के गिद्धों की बेटियां चैन से सो रही है
 और हमारी बेटियां घर से बाहर निकलने के लिए रो रही है 
बंद करो यह ड्रामा पार्टियों के झंडे उठाने का 
वक्त आ चला है लाठी और डंडे उठाने का 
सीख जाओ युवा तुम राजनीतिक  गिद्धों के कंधे से बंदूक चलाना 
बंद करवाओ बेटियों की लाशों पर राजनीति करवाना
 छोड़ दो इनकी जुल्फों के साए में रहना
🖊️कविता रचियता🖊️
 एक्टिव विशाल  पैन्यूली
 ऋषिकेश देहरादून समाज का गूंगा युवा

#ShiningInDark

समाज का गूंगा युवा #ShiningInDark #कविता

8 Love

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