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Madhusudan Shrivastava
विद्यालय से ज्ञान है, मिले ज्ञान से मान। गुरुवर की पूजा करो गुरु से होत सुजान। (1) शिक्षा अब धंधा बना शिक्षा-सदन दुकान। धर्म-कर्म सब बिक गया, बिकता है अब ज्ञान। (2) अनुशासन अनुराग से, मानवता सत-शील। ज्ञान और विज्ञान से, है विकास गतिशील। (3) विद्यालय की सीख से लक्ष्य हुआ आसान। धैर्य, धीर, सत्कर्म से, होता है कल्यान। (4) विद्या है वो सम्पदा, मिले नहीं यह मोल विद्या-धन अनमोल है धन से इसे न तोल। (5) मधु विद्यालय एवम विद्या
vijay Avsm Poetry
विद्यालय ऐसा जिसमे खिल रही ज्ञान और संस्कारो की फुलवारी है। अनुभवी अध्यापको और नयी टेक्नोलोजि द्वारा मिल रही बच्चो को शिक्षा सारी है। ©vijay Avsm Poetry विद्यालय
Alok Kumar
क्या हे विद्यालय विद्या का मंदिर है विद्यालय विद्या का भवन है विद्यालय शिक्षा का सागर है विद्यालय आदर्शो की खुली किताब है विद्यालय जहां पहला अक्षर बोलना सीखते वह है विद्यालय जहां सपना देखना शुरु करते वह जगह है विद्यालय जहां जाति धर्म का भेदभाव ना हो वह है विद्यालय बिना हार माने जहां कोशिश करना सीखें वह हैं विद्यालय दोस्तों के साथ कक्षा छोड़ भागते वह जगह है विद्यालय जहां पहला प्यार मिले वह जगह है विद्यालय जहां बिना किसी बंधन के खुली सांस लेते वह जगह है विद्यालय शिक्षकों के हाथों पीटते वह जगह है विद्यालय जहां हार जीत का मतलब सीखते वह है विद्यालय जहां कामयाबी का रास्ता पकड़ते वह जगह है विद्यालय जहां जाकर अपना समय याद कर रोते वह जगह है विद्यालय ©Alok Kumar विद्यालय
Ek villain
हरियाणा में शिक्षकों के 32% पद लिखित होना चिंताजनक है जितने शिक्षक सेवा निवृत्ति हो रहे हैं उतनी नई नियुक्तियां नहीं हो रही है स्पष्ट है कि इससे शासकीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य पर दुष्प्रभाव पड़ेगा करो ना संक्रमण के कारण भारती 2020 से अब तक लगभग 2 वर्ष होने जा रहे हैं इस अवधि में बच्चों की पढ़ाई बाधित रही है अब कोविड-19 नियंत्रण में आ चुका है विद्यालय खुल चुके हैं शिक्षक नहीं है किसी भी क्षेत्र में शत-प्रतिशत परिणाम के 7% संख्या बल में आवश्यक होता है मात्र 33 शिक्षकों योगदान से शिक्षा में शत-प्रतिशत परिणाम की अपेक्षा नहीं की जा सकती प्रबंधन वाले विद्यालयों में ऐसे समस्या नहीं होती उनके यहां किसी शिक्षक का पद अधिक होता है तो कुछ ही समय में रक्त की पूर्ति कर लेते हैं यही कारण है कि कम आय वाले अभिभावक कि आज शासकीय विद्यालय में अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए ललिता रहती है लेकिन जो निर्बल वर्ग के बीच और उनके बच्चों के लिए शासन विद्यालय ही एकमात्र सहारा होते हैं शासन को उनके भविष्य की चिंता करनी चाहिए यह ठीक है कि शासन की तरफ से रोजगार कौशल निगम के माध्यम से अनुभव के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है और नए शास्त्र में शिक्षक शिक्षण कार्य आरंभ कर देंगे इससे कुछ ही तो हो जाएगी ©Ek villain #शिक्षक विद्यालय #Rose