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Sachchidanand Verma
हमनें गरजते को देखा और बरसते को देखा बस इसी प्रकार हम खमोश थें और सब हम पर बरस रहे थे ©Sachchidanand Verma #galiyaan ऐ एक सच्चि घटाना हैं
Gumnam Shayar Mahboob
अपने फैसले पर बिल्कुल अड़ा था मैं फिर यूं हुआ की पैर पीछे हटानी पड़ गई कुछ ऐसे लोग आए थे खरीदने मुझको खुद-ब-खुद मुझे अपनी कीमत घटानी पड़ गई #फैसले #बिल्कुल #अड़ा #खरीदने #कीमत #घटाना #गुमनाम_शायर_महबूब #gumnam_shayar_mahboob
Anupama Jha
पाई पाई जोड़ना,घटाना बताती है ज़िंदगी हिसाब कुछ यूँ भी सिखाती है -© Anupama Jha पाई पाई जोड़ना,घटाना बताती है ज़िंदगी हिसाब कुछ यूँ भी सिखाती है -© Anupama Jha #जोड़ #घटाव #ज़िन्दगी #yqdidi
Naveen Bothra
तुषार"आदित्य"
तुम्हारे आँसू तुम्हारी हँसी समझता हूँ तुम्हारी हर एक बेबसी को समझता हूँ दिनभर मशगूल रहते हो दुनियादारी में रातों में जो होती है मायूसी समझता हूँ जोड़ना-घटाना, गुणा-भाग तुम्हारे खेल है जुड़ने-घटने से है जो बेकसी समझता हूँ माना कि मै ज़रा सा मसरूफ़ हूँ इन दिनों तुम्हारे ज़हन क्या बात है फंसी समझता हूँ तुम्हारे आँसू तुम्हारी हँसी समझता हूँ तुम्हारी हर एक को बेबसी समझता हूँ दिनभर मशगूल रहते हो दुनियादारी में रातों में जो होती है मायूसी समझत
तुषार"आदित्य"
तुम्हारे आँसू तुम्हारी हँसी समझता हूँ तुम्हारी हर एक को बेबसी समझता हूँ दिनभर मशगूल रहते हो दुनियादारी में रातों में जो होती है मायूसी समझता हूँ जोड़ना-घटाना, गुणा-भाग तुम्हारे खेल है जुड़ने-घटने से है जो बेकसी समझता हूँ माना कि मै ज़रा सा मसरूफ़ हूँ इन दिनों तुम्हारे ज़हन क्या बात है फंसी समझता हूँ तुम्हारे आँसू तुम्हारी हँसी समझता हूँ तुम्हारी हर एक को बेबसी समझता हूँ दिनभर मशगूल रहते हो दुनियादारी में रातों में जो होती है मायूसी समझत
Shubham Anand Manmeet
सिखला दो न पापा ज़िन्दगी के गणित में मैं बहुत कच्चा हूँ, मुझे ज़िन्दगी का गणित सिखला दो न पापा। जोड़, घटाना, गुणा और भाग को, जीवन में लागू करना बतला दो न पापा।। मुझे ज़िन्दगी का .... किस रिश्ते में कितना मिलाना है, और किस रिश्ते में कितना घटाना है। व्यावहारिक जीवन में कितना अपनाना है, व्यवहार में लाना सिखला दो न पापा।। मुझे ज़िन्दगी का ... लोग सम्बन्धों के लिए तरसते हैं, आजकल सच्चे रिश्ते कौन रखते हैं। हर रिश्ते में मिलावट देख लिया पापा, अपने जैसा रिश्ता निभाना सिखला दो न पापा।। मुझे ज़िन्दगी का... गुणा-भाग और लाभ-हानि के चक्कर में, अपने रिश्ते सिमटते जा रहे हैं। खून के रिश्ते भी तो अब कहाँ निभ रहे हैं, उनको भी निःस्वार्थ प्रेम करना सिखला दो न पापा।। मुझे ज़िन्दगी का... यूँ तो फेसबुक और वाट्सएप की दुनिया में, किसी को किसी की जरूरत महसूस नहीं होती है। जीवन की खुशियाँ तो अपनों के संग बिताने में है, अपनों से भी घनिष्ठता करवा दो न पापा।। मुझे ज़िन्दगी का... ©Shubham Anand Manmeet सिखला दो न पापा ज़िन्दगी के गणित में मैं बहुत कच्चा हूँ, मुझे ज़िन्दगी का गणित सिखला दो न पापा। जोड़, घटाना, गुणा और भाग को, जीवन में लागू करना
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
दिल किसी का दुखाना नही है । दूर अपनो से जाना नही है ।१ सब दिवाना उसे ही कहे क्यों मुझ सा कोई दिवाना नहीं है ।२ बन गया आशियाँ उसके दिल में । दिल से बाहर तो आना नहीं है।३ आ गई आज वो बनके दुल्हन । अब महल यह वीराना नहीं है ।।४ लोग पूछे पता जो हमारा । अब न कहना ठिकाना नहीं है ।।५ इस तरह से न देखे मुझें वो हम सफर हैं ख़जाना नहीं है।६ बढ़ गई चाहतें आज इतनी । दायरा यह घटाना नहीं है ।।७ आज हद मैं प्रखर तोड दूँगा । पर उसे अब गँवाना नहीं है ।।८ ३१/०१/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दिल किसी का दुखाना नही है । दूर अपनो से जाना नही है ।१ सब दिवाना उसे ही कहे क्यों मुझ सा कोई दिवाना नहीं है ।२ बन गया आशियाँ उसके दिल में
Nandita Tanuja
Ashok Mangal
राजनीति की हक़ीक़त यही, यही राज का व्यवहार है । जनता मालिक नाम की, लाठी की सरकार है ।। जब से बाबू विधायक बने उनके घर के सब सीना तान खड़े जो बारहवीं में चार बार फेल रहें वो पांचवीं बार सरकारी डाक्टर बने जिसको ना आता था जोड़ घटान