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Raj 94myfm
Chitra Roy
Suhail Anwar
❤ ❤ ❤ #iamsuhailanwar #Fasting #Benefit " उपवास के लाभ " 1. विषाक्त पदार्थों को हटा दें। 2. चयापचय को बढ़ावा देता है।
Nir@j
तेरी चाहत में इस तरह लीन हो जाऊँ। तुम रहो सुक्रोज मैं आयोडीन हो जाऊँ।। तुम स्वयं सम्पूर्ण शर्करा युक्त हो सनम। संतुलन के वास्ते मैं इंसुलिन हो जाऊँ।। इंसुलिन: एक प्रकार का हार्मोन है जो कार्बोहाइड्रेट को रक्त शर्करा में परिवर्तित करता है, अर्थात बोला जाय तो शरीर में मधुमेह (डाइबिटीज) होने
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey}तनाव की समस्या में इन आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर कम कर सकते हैं जानिए सेहत के बारे में यह उपाय !! 😇😇 तनाव :- तनाव कम करने के लिए आजमाएं ये आयुर्वेदिक उपाय :- 🍁 तनाव या डिप्रेशन की समस्या में इन आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर आप तनाव कम कर सकते हैं। इससे आपका मन शांत रहेगा और आप खुश रहेंगे। 🍁 आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और खराब लाइफस्टाइल के कारण कई लोगों का मानसिक स्वास्थ्य खराब हो रहा है। लोगों में टेंशन और तनाव की समस्या बढ़ती जा रही है। तनाव में होने के कारण शरीर सही तरीके से काम नहीं करता है। तनाव का एक बड़ा कारण है कॉर्टिसोल हार्मोन। यह एक स्ट्रेस हार्मोन होता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर बुरा असर डालता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर, याददाश्त कमजोर होने, डिप्रेशन, चिंता आदि का रिस्क बढ़ जाता है। कुछ आयुर्वेदिक तरीके अपनाकर आप तनाव को काफी हद तक कम कर सकते हैं। मालिश करवाएं :- 🍁 मालिश करने से शरीर को आराम मिलता है और मन में शांति पैदा होती है। मालिश संतुष्टि और खुशी की भावनाओं को पैदा करती है। तेल से मालिश करने को आप अपना डेली सेल्फ केयर रूटीन बना सकते हैं। किसी भी तेल से मालिश करने से तनाव खत्म होता है। मालिश अच्छी नींद लेने के लिए भी सहायक है। रोजाना योग करें :- 🍁 आजकल कई लोग तनाव और अवसाद से छुटकारा पाने के लिए दवाओं का सहारा लेते हैं, लेकिन रोज दवाओं का सेवन सेहत के लिए बेहद खतरनाक होता है। बता दें कि अवसाद और तनाव से छुटकारा पाने के लिए योगा करना चाहिए। योग स्ट्रेस को कम करता है, साथ ही मन, शरीर और आत्मा पर फोकस करता है। कई योगासन और प्राणायाम करने से मन को काबू किया जा सकता है। सात्विक आहार लें :- 🍁 आमतौर पर शाकाहारी भोजन को सात्विक आहार कहा जाता है। इसमें मौसमी फल, मौसमी सब्जियां, साबुत अनाज, दालें और अंकुरित अनाज आदि शामिल हैं। सात्विक आहार हमारे शरीर और मन को हेल्दी और खुश करता है। अपने स्ट्रेस को कम करने के लिए सात्विक आहार करना चाहिए। पर्याप्त नींद लें :- 🍁 तनाव से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आप पूरी नींद लें। आपको हर दिन 7-8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। इससे आप तनावमुक्त रहेंगे, साथ ही इससे आपको पॉजिटिव एनर्जी मिलेगी। ये जड़ी-बूटियां रखती हैं तनावमुक्त :- 🍁 अश्वगंधा आपको तनाव से बचाने के लिए बेहद फायदेमंद है। इसका उपयोग एंग्जाइटी के इलाज के लिए सदियों से होता आ रहा है। इसके इस्तेमाल से एनर्जी और पेशेंस लेवल बढ़ता है, साथ ही नींद लाने में मदद मिलती है। 🍁 लैवेंडर ऑयल की मसाज शरीर को शांत करती है और तनाव दूर करती है। बताते चलें कि लैवेंडर के तेल से मानसिक आराम और शांति मिलती है। इसके साथ ही लैवेंडर अरोमाथेरेपी भी रिलेक्स करने में काफी सहायक है। 🍁 वच अपने औषधीय गुणों के वजह से कई रोगों के उपचार में काम आता है। बता दें कि वच के सेवन से स्मरण शक्ति तेज होती है और ये तनाव को कम करता है। इसी के साथ ये मेमारी को स्ट्रॉन्ग करता है। 🍁 ब्राह्मी के पौधे को ब्रेन बूस्टर कहा जाता है। इसके इस्तेमाल से तनाव और चिंता कम होती है। साथ ही मानसिक बीमारी से परेशान लोगों के लिए ब्राह्मी के पत्तों का चूर्ण बेहद लाभदायक होता है और ब्राह्मी तनाव से जुड़े हार्मोन को रेगुलेट करके तनाव के प्रभाव को कम करती है। ©N S Yadav GoldMine #smoking {Bolo Ji Radhey Radhey}तनाव की समस्या में इन आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर कम कर सकते हैं जानिए सेहत के बारे में यह उपाय !! 😇😇 तनाव
lalitha sai
किशोर दशा.... Read caption.... 👇 हाँ मुझे जीना है खुलकर.. हर बात को कहना है हर रिश्ते को जीना है.. इसलिए मुझे अब खुलकर जीना है! हाँ मुझे जीना है खुलकर अब मैं बड़ी हो गई हूँ
MORINGO HEALTHY LIFE
Raghvinder Saini
प्यार की जीत भाग-1 नया धारावाहिक प्रक्कथन ‘‘ प्यार की भाग-1 ’’ एक नया सीरीज एक शुरू कर रहा हूं. आशा है, पाठक इसे भी उतना ही पढ़ेंगे, पसंद कर
Vibha Katare
मातृत्व एक शब्द, जो खुद में सम्पूर्ण सृष्टि का अस्तित्व समेटे हुए है । मातृत्व एक शब्द, जो स्नेह , संयम और सहनशीलता को एक साथ परिभाषित करता है। मातृत्व किसी स्त्री के जीवन का सबसे सुखद अहसास। मातृत्व एक शब्द, जो खुद में सम्पूर्ण सृष्टि का अस्तित्व समेटे हुए है । मातृत्व एक शब्द, जो स्नेह , संयम और सहनशीलता को एक साथ परिभाषित करत
khamosh khat
पढ़िए किडनी खराब होने के ये हमारी किडनी शरीर के बीचो बीच कमर के पास होती है. यह अंग मुट्ठी के बराबर होता है. हमारे शरीर में दो किडनियां होती हैं. अगर एक किडनी पूरी तरह से खराब हो जाए तो भी शरीर ठीक चलता रहता है. हृदय के द्वारा पम्प किए गए रक्त का 20 प्रतिशत किडनी में जाता है, जहां यह रक्त साफ होकर वापस शरीर में चला जाता है. इस तरह से किडनी हमारे रक्त को साफ कर देती है और सारे टॉक्सिन्स पेशाब के जरिए शरीर से बाहर कर देती है. खराब जीवनशैली और कभी-कभी दवाईयों के कारण किडनी के ऊपर बूरा प्रभाव पड़ता है. किडनी के बीमारी के बारे में सबसे बूरी बात यह है कि इसका पता प्रथम अवस्था में नहीं चलता है जब ये अंतम अवस्था में चला जाता है तब इसका पता चलता है, इसलिए इसको साइलन्ट किलर कहते हैं. इसलिए किडनी के बीमारी के प्रथम अवस्था को समझने के लिए उसके लक्षणों के बारे में पता लगाना ज़रूरी होता है. किडनी के खराब होने के दूसरे लक्षण उसके 80% खराब होने के बाद नजर में आते हैं. किdनी खराब होन के हैं ये 14 लक्षण: 1. पेशाब करने की मात्रा और समय में बदलाव आना: किडनी के बीमारी के प्रथम अवस्था में पेशाब की मात्रा और होने के समय में बदलाव आने लगता है. यूरिनरी के कार्य में बदलाव. 2. पेशाब की मात्रा बढ़ जाना या एकदम कम हो जाना: पेशाब की मात्रा या तो बढ़ जाती है या कम हो जाती है. 3. पेशाब का रंग बदल जाना: पेशाब का रंग गाढ़ा हो जाना या रंग में बदलाव आना. 4. बार-बार पेशाब आने का अहसास होना: जब आपको बार-बार पेशाब होने का एहसास होने लगे मगर करने पर नहीं होना कि़डनी में खराबी की तरफ असर करता है. 5. बार-बार पेशाब आना या उसकी मात्रा बढ़ जाना: रात में पेशाब होने की मात्रा या तो बढ़ जाती है या कम हो जाती है. रात को बार-बार उठकर पेशाब करने जाना. किडनी के अस्वस्थ्य होने का सबसे प्रहला और प्रधान लक्षण होता है. 6.पेशाब करते वक्त दर्द महसूस होना: जब पेशाब करते वक्त दर्द और दबाव जैसा अनुभव होने लगे तो तब समझ जाना चाहिए कि मूत्र मार्ग (urinary tract ) ण हुआ है. 7. पेशाब करते वक्त जलन महसूस होना: कभी-कभी ऐसे अवस्था में बुखार या मूत्र मार्ग में जलन जैसा अनुभव होने लगता है. कभी-कभी पीठ का दर्द भी दूसरे लक्षणों में शामिल होता है. 8.पेशाब करते वक्त रक्त का आना : जब पेशाब में रक्त आने लगता है तब बिना एक मिनट सोचे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए क्योंकि यह किडनी के खराब होने का निश्चित संकेत होता है. 9. झाग (foam) जैसा पेशाब आना. मूत्र त्याग करने के बाद जब उसमें झाग जैसा पैदा होने लगता है तब यह किडनी के खराब होने के प्रथम लक्षणों के संकेत होते हैं. 10. किडनी में सूजन आना: किडनी का प्रधान कार्य होता है शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना, लेकिन जब यह कार्य बाधित होने लगता है तब शरीर में अतिरिक्त फ्लूइड जमने लगता है. 11. अतिरिक्त थकना और कमजोरी आना: किडनी से एथ्रोप्रोटीन (erythropoietin) नाम का प्रोटीन निकलता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं को ऑक्सिजन लाने में मदद करता है. जब इस कार्य में बाधा उत्पन्न हो जाती है तब इस हार्मोन का स्तर गिर जाता है. जिसके कारण अनीमीआ का रोग होता है, जो शरीर में कमजोरी और थकान का कारण बन जाता है. 12.चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी: किडनी के बीमारी के कारण मस्तिष्क में ऑक्सिजन की कमी हो जाती है जिसके कारण चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी आ जाती है. 13. हर समय ठंड महसूस होना: किडनी के बीमारी के कारण जो अनीमीआ का रोग होता है उससे गर्म परिवेश में भी ठंडक महसूस होती है. पढ़िए किडनी खराब होने के ये हमारी किडनी शरीर के बीचो बीच कमर के पास होती है. यह अंग मुट्ठी के बराबर होता है. हमारे शरीर में दो किडनियां होती