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Sunil Kumar Maurya Bekhud
इक परी सलोनी नन्ही सी आई थी मेरे आंगन में देकर खुशियों को बेशुमार रब ने डाला था दामन में नाज़ुक नाज़ुक से हाथ पैर मुस्कान लबों पर प्यारी सी मन मोह सभी का लेती थी इतनी प्यारी किलकारी थी मन हर्षित था आनंदित था लक्ष्मी आई थी मधुबन में हम उसको पाकर धन्य हुए प्रभु की रचना अलबेली थी चिड़ियों सा कलरव मधुर मधुर करती गोदी में खेली थी हे प्रभु उसको देना न कभी कोई भी मुसीबत जीवन में ©Sunil Kumar Maurya Bekhud # पुत्री के जन्मदिन पर कविता
Shilpa yadav
अथाह समुद्र सागर से क्रोध समेटे रहते हैं रिक्त पदों के सृजन खामोश लहर से जीते हैं।। है कैसी दुविधा ये जीवनपथ की पापाजी इक बात सिखाए रहते हैं शिक्षा सर्वोपरि है बच्चों सत्यमार्ग पर चलने की सतर्कता हर क्षण भर भर कर संघर्षशील बने रहों उसके बीज मुट्ठी भर अंतःकरण में पिताजी अंकुरित करते रहते हैं।। ©Shilpa yadav #पापा #जन्मदिन
Ajamil vyas
*पापा के लिए कविता पापा तुम नहीं हो आज मेरे पास पर तुम्हारा चश्मा आज भी है मेरे पास तुमने मुझे दुनियादारी के जो भी खेल सिखाये मै उन्हें खेलता हूँ पूरे सलीके से। पापा तुम किताबों में बसे हो खुशबू की तरह डायरी में दबे हो तितली की तरह खतों में सुगबुगा रहे हो पापा तुम हो यही हो मेरे आसपास... किसी के पापा कभी नहीं मरते पापा बीज होते हैं ©Ajamil vyas #कविता पापा के लिए #Drops
मोहित भौरिया
तू स्वयं गंगा धारी ,मैं तुम्हें क्या स्नान कराऊं। तू स्वयंअन्नपुर्णा स्वामी मैं तुम्हें क्या भोग चढ़ाऊं।। तू स्वयं भू से प्रगट, मैं तुम्हें क्या तिथि बताऊं। सारे जहां के मालिक,मैं तुम्हें शीश झुकाऊं।। जय स्वयंभू महादेव सेवली धाम। महादेव के जन्मदिन पर
Shilpa yadav
कितना सुन्दर यह क्षण है ,पापा का जन्मदिन है डरकर हम यहीं कहते हैं, पापा से सब डरते हैंं कांप,कांपकर स्वरों से अधूरी बातें करते हैं,हां पापा से अपने, हम सब ह्रदय की बातें कहते हैं छिपकर सही मगर पापा मेरे सबसे स्नेह करते हैं हम सब भी नहीं हैं कम बिना पाप के अधूरे लगते हैं जब कभी हो जाते हैं गुस्सा आंखें लाल करते हैं ,नाना का नाती आकर बोला नाना कमेडी अच्छा करते हैं एक छोटा सा है घर मेरा, जिसमें रहतें कभी कभी सदस्य बारह कितना प्यारा लगता है तब ,मेरा ह्रदय बस कुछ कहता है पापा के बिन सबका सारा सपना टूटा बिखरा लगता है।। मेरे पापा एक अध्यापक हैं जो आज भी मुझे पढा़ते हैं खुश हूं मैं भी क्योंकि पापा मेरे संग कइयों का अस्तित्व बनाते हैं ©शिल्पा यादव जन्मदिन पर पापा की पुत्री का पिता के प्रति असीम/प्रेम/भावना/अभिव्यक्ति/ पत्र