Find the Latest Status about पिथौरागढ़ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पिथौरागढ़.
Lucky kunjwal ( Musafir)
वो शहर छोड़े एक अरसा हो गया लेकिन लगता है अब जैसे मुझमें वो शहर बस गया हो। इस शहर का जिक्र जब भी होता है तो कुछ लोगों का जिक्र करना लाजमी है, मानो उनसे ही ये शहर जरुरी था मेरे लिए.......... इस शहर का नाम "शोर वैली" भी है, चारों तरफ से पहाड़ीयों से घिरा ये शहर सुन्दरता का प्रतीक है। रात को चण्डाक से शहर का दृश्य ऐसा मानो लगता था आसमान जमीं में आ गया हो। मैंने ये नजारा पहली ही रात को देखा था जो अब तक मेरी नज़रों में कैद है......... तीन सालों में मैंने क्या कुछ नहीं देखा... सुबह चण्डाक से सूरज देखा तो दिन देखा पाण्डे गांव का, शाम गुजारी भाटकोट में, रात को मैंने खण्डकोट देखा....... मैं दो सालों तक खण्डकोट में रहा, यहां मेरी छत से आधा शहर दिखाई देता था बहुत ही शानदार और खुबसूरत ...... इस शहर ने मेरी कलम को सहारा दिया और मुसाफ़िर को एक नया रास्ता..... ये तेरा शहर- पिथौरागढ़ ये तेरा शहर- पिथौरागढ़ #शहर #पिथौरागढ़ #यादें #life #love #cityofdreams #yqdidi
Bebaak Shayar Bhupal
क्यों पिथोरगढ़ वालो......❓🤔 हम पिथौरागढ़ से तो निकल सकते हैं मगर पिथौरागढ़ को❣️से नहीं निकाल सकते ©Bebaak Shayar Bhupal #अपना शहर #पिथौरागढ़ #Uk 05 #pithoragarh #Minikashmir ❣️❣️❣️❣️❣️ #Hum
Rv
उत्तराखंड पिथौरागङ थलकेदार महादेव मंदिर
Lalit Pandey
कुर्बानी और शहीदों को याद करना हो तो बुला लेना मेरा साथ दो और अंगारों से बात करना हो तो बुला लेना मैं तूफान हूँ रुकता नहीं पर अभी जाता हूँ कभी शहीदों के लिये मेहफिल सजे तो बुला लेना सिर्फ शहीदों पर लिखूँगा पिथौरागढ़ से ललित पाण्डेय
Yashpal singh gusain badal'
"उत्तराखंड" गंगा-यमुना जिसका आँचल है, बद्री-केदार जिसकी दो आँखेँ, हर की पौड़ी सा निश्चछल मन, गढवाल-कुमाऊँ जिसकी दो बाँहेँ। महान हिमालय जिसका मस्तक है, ममता का सागर है नैनी, रानीखेत जिसका चंचलपन, रामगंगा है जिसकी वेणी, गंगोत्री-यमुनोत्री जिसके कर्णपट, उन्नत नासिका जिसकी है नंदा, बिन्सर-नीलकंठ जैसे दो पलकेँ, देवप्रयाग माथे पर चंदा। त्र्रिषिकेश पूजा की थाली, मंसूरी-नैन ीताल मुख की लाली, अल्मोड़ा-पौड़ी जिसकी साँसेँ हैँ, हल्दवानी जिसकी है खुशहाली। नयनाभिराम स्थल कसौनी, द्रोणनगरी बिद्या का मंदिर, मुस्कान है फूलोँ की घाटी, स्वाभाव उत्तरकाशी सा सुन्दर, पिथोरागढ सा ह्रदय निर्मल, चमोली सी शालीनता जिसमेँ टिहरी सा अनोखापन, शिवालिक सी कठोरता है जिसमैँ । देशप्रेम मेँ रंगा हुआहै जिसका कण-कण कोना-कोना । वही स्वर्ग सी सुन्दर धरती जिसका हर टुकड़ा है सोना प्रक्रति सिँगार करती है जिसकी, भारत माँ का अँग अखण्ड। पर्वत श्रँखलाओँ से घिरा हुआ, अद्यितीय अनुपम उत्तराखण्ड ।। ले0 यशपाल सिँह "बादल" ©Yashpal singh gusain badal' #yogaday गंगा-यमुना जिसका आँचल है, बद्री-केदार जिसकी दो आँखेँ, हर की पौड़ी सा निश्चछल मन, गढवाल-कुमाऊँ जिसकी दो बाँहेँ। महान हिमालय जिसका म
N S Yadav GoldMine
N S Yadav GoldMine
पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है इस मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तार से जाने !! 🔔 {Bolo Ji Radhey Radhey} पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर :- मान्यता है की यहां रखा है भगवान गणेश का कटा हुआ सिर:- 🎷 उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में स्थित पाताल भुवनेश्वर गुफा भक्तों की आस्था का केंद्र है। यह गुफा विशालकाय पहाड़ी के करीब 90 फीट अंदर है। यह गुफा उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के प्रसिद्ध नगर अल्मोड़ा से शेराघाट होते हुए 160 किलोमीटर की दूरी तय कर पहाड़ी वादियों के बीच बसे सीमान्त कस्बे गंगोलीहाट में स्थित है। पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है। यहां विराजित है गणेशजी का कटा मस्तक :- 🎷 हिंदू धर्म में भगवान गणेशजी को प्रथम पूज्य माना गया है। गणेशजी के जन्म के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि एक बार भगवान शिव ने क्रोधवश गणेशजी का सिर धड़ से अलग कर दिया था, बाद में माता पार्वतीजी के कहने पर भगवान गणेश को हाथी का मस्तक लगाया गया था, लेकिन जो मस्तक शरीर से अलग किया गया, वह शिव ने इस गुफा में रख दिया। 🎷 पाताल भुवनेश्वर में गुफा में भगवान गणेश कटे शिलारूपी मूर्ति के ठीक ऊपर 108 पंखुड़ियों वाला शवाष्टक दल ब्रह्मकमल सुशोभित है। इससे ब्रह्मकमल से पानी भगवान गणेश के शिलारूपी मस्तक पर दिव्य बूंद टपकती है। मुख्य बूंद आदिगणेश के मुख में गिरती हुई दिखाई देती है। मान्यता है कि यह ब्रह्मकमल भगवान शिव ने ही यहां स्थापित किया था। पत्थर बताता है कब होगा कलयुग का अंत :- 🎷 इस गुफाओं में चारों युगों के प्रतीक रूप में चार पत्थर स्थापित हैं। इनमें से एक पत्थर जिसे कलियुग का प्रतीक माना जाता है, वह धीरे-धीरे ऊपर उठ रहा है। माना जाता है कि जिस दिन यह कलियुग का प्रतीक पत्थर दीवार से टकरा जायेगा उस दिन कलियुग का अंत हो जाएगा। पौराणिक महत्व :- 🎷 स्कन्दपुराण में वर्णन है कि स्वयं महादेव शिव पाताल भुवनेश्वर में विराजमान रहते हैं और अन्य देवी देवता उनकी स्तुति करने यहाँ आते हैं। यह भी वर्णन है कि त्रेता युग में अयोध्या के सूर्यवंशी राजा ऋतुपर्ण जब एक जंगली हिरण का पीछा करते हुए इस गुफ़ा में प्रविष्ट हुए तो उन्होंने इस गुफ़ा के भीतर महादेव शिव सहित 33 कोटि देवताओं के साक्षात दर्शन किये। द्वापर युग में पाण्डवों ने यहां चौपड़ खेला और कलयुग में जगदगुरु आदि शंकराचार्य का 822 ई के आसपास इस गुफ़ा से साक्षात्कार हुआ तो उन्होंने यहां तांबे का एक शिवलिंग स्थापित किया क्या है इस गुफा मंदिर के अंदर? 🎷 इस मंदिर में प्रवेश करने से पहले मेजर समीर कटवाल के मेमोरियल से होकर गुजरना पड़ता है। कुछ दूर चलने के बाद एक ग्रिल गेट मिलता है जहां से पाताल भुवनेश्वर मंदिर की शुरुआत होती है। यह गुफा 90 फीट नीचे है जो बहुत ही पतले रास्ते से होकर इस मंदिर के अंदर घुसा जाता है। थोड़ा आगे चलने पर इस गुफा के चट्टान एक ऐसी कलाकृति बनाते हैं जो दिखने में 100 पैरों वाला ऐरावत हाथी लगता है। फिर से चट्टानों की कलाकृति देखने को मिलती है जो नागों के राजा अधिशेष को दर्शाते हैं। कहा जाता है कि अधिशेष ने अपने सिर के ऊपर पूरी दुनिया को संभाल कर रखा है। 🎷 पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मंदिर में चार द्वार हैं जो रणद्वार, पापद्वार, धर्मद्वार और मोक्षद्वार के नाम से जाने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि रावण की मृत्यु के बाद पापद्वार बंद हो गया था। इसके साथ कुरुक्षेत्र की लड़ाई के बाद रणद्वार को भी बंद कर दिया गया था। यहां से आगे चलने पर चमकीले पत्थर भगवान शिव जी के जटाओं को दर्शाते हैं। ऐसी पौराणिक मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान गणेश के कटे हुए सिर को स्थापित किया गया था। इतना ही नहीं इस मंदिर में प्रकृति द्वारा निर्मित और भी कलाकृति मौजूद हैं। कैसे पहुंचे पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर? 🎷 अगर आप रेलवे के रास्ते हैं यहां आना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे करीब टनकपुर रेलवे स्टेशन पड़ेगा। आप चाहें तो काठगोदाम रेलवे स्टेशन से भी यहां सकते हैं। अगर आप एयरवेज के रास्ते से यहां आना चाहते हैं तो पंतनगर एयरपोर्ट यहां से 226 किलोमीटर दूर है। N S Yadav... ©N S Yadav GoldMine #boat पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है इस मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तार से जाने !! 🔔 {Bolo Ji Radhey Radhey} पाताल भ