इस क़दर बेचें हैं हमने आंखों के खाब
के अब रोशनी भी नही रुक सकी इनमें।।
IS KADAR BECHE HAIN HUMNE AANKHO KE KHAAB
KE AB ROSHANI BHI NAHI RUK #Shayar#farhanrazakhan#banaamshayar
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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
हम भी देख रहें हैं तुमको ,कितने कफ़न खरीदें है ।
तुमने तो पैसो की खातिर , अपने भी बच्चे बेचें है ।।
हम भी देख रहें हैं तुमको ....
टिकट नही म #कविता
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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
*कल के हादसे पर ताजा गीत ,हकीकत बयां करती हुई*
*हम भी देख रहें हैं तुमको ,कितने कफ़न खरीदें है ।*
*तुमने तो पैसो की खातिर , अपने भी बच्चे बे #कविता