Nojoto: Largest Storytelling Platform

New सहायते तृतीया Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about सहायते तृतीया from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सहायते तृतीया.

Rahul

|| द्वारकाधीश सदा सहायते || #Society

read more
mute video

I'm SUMIT 09

शिव सहायते ❤️ #Thoughts

read more
mute video

Ideas No1

कृष्ण सदा सहायते।। #Goodevening #Krishna #प्रेरक

read more
mute video

Saurav Mishra"ShAyAr"

अक्षय तृतीया #nojotovideo

read more
mute video

shab_dperm

#krishnadevotee कृष्ण सदा सहायते #Krishna #विचार

read more
दर्श तेरे मैं पाती हूँ,जब जब देखू मैं दर्पण,
कुछ मेरा अब ना मुझमे रहा सब कुछ है तुझको अर्पण।
तुझे देखू ,तुझसे प्रेम करूँ, बन जाऊ तेरी जोगन,
सुध- बुद्ध तो सब  भूल गयी बस याद है अब तो मोहन।
यदि हो  स्वीकार तुम्हे   बन  जाऊं तेरी दासी मै,
ओ कान्हा आसरा देदो मुझे अपने संग मथुरा-काशी मे।
जो कृष्ण शरण मे जाऊंगी मैं श्यामप्रेमी कहलाऊंगी
चित कृष्ण भक्ति मे लाऊंगी मैं धन्य -धन्य हो जाउंगी।
 ये मोह प्रेम के धागे अब जो कान्हा  के संग लागे है,
क्या सुध होगी इस जोगन को कब सोये कब जागे है।

©disha shekhawat #krishnadevotee  कृष्ण सदा सहायते

#Krishna

N N News N N News

।। श्री कष्टभंजन देव सदा सहायते।। #Society

read more
mute video

Mona Nikam-Jagtap

#अक्षय तृतीया #thought

read more
mute video

Mohan Sardarshahari

अक्षय तृतीया #Life

read more
आज आखा तीज है।  किसी जमाने में इस दिन सुबह-सुबह पानी और बीज लेकर खेत जाते थे और वहां सांकेतिक रूप से पानी को जमीन पर बिखेर कर उस गीली मिट्टी में हाथ की अंगुलियों से लकीरें बनाकर उन लकीरों में अनाज बो कर नए साल की खेती की सांकेतिक शुरुआत का संकेत देते थे और सुगन मनाते थे । यदि खेत में सोन चिरैया नजर आ जाए तो माना जाता था कि जमाना अच्छा होगा और बाजरे की अच्छी फसल होगी। खेत से वापस आते समय फोग की टहनियां साथ लेकर आते थे और इन्हें घर के सिंहद्वार पर सजाते थे और इन्हें सीट्टे कहते थे। घर में भी बाजरा भिगोकर कपड़े में बांधकर आले में रख दिया जाता था जिसे आखा कहते थे। तब यही लगता था इस दिन आखा तैयार करते हैं इसलिए इसे आखातीज कहते हैं। इससे आगे सोचने का कभी मन ही नहीं हुआ। सुगन मनाकर जब वापस घर आते थे तो घर में  मोठ बाजरी का खीच,  घी और खांड के साथ खाने को मिलता था।
इसे खाकर भरपूर तृप्ति मिलती थी यानी अक्षय तृप्ति होती थी ‌।
             थोड़ा बड़ा हुआ तो घरों में यह चर्चा सुनने को मिलती थी कि  आखा तीज पर बच्चों के कान छेदे जाते हैं। मेरी तो कान छेदने के नाम से ही जान सूखने लगती थी और इसलिए आखा तीज से एक महीने पहले से ही मैं घर वालों का प्रिय बेटा बनने की कोशिश ‌में लग जाता था ।उनकी हर बात मानता था डर यह था कि कहीं कान ना छिदा दें। गांव में कान  छिदाना और फिर उसमें सोने की बालियां पहनाना उस जमाने में स्टेटस सिंबल माना जाता था। तब मुझे यह लगता था आखातीज स्टेटस सिंबल की प्रतीक है।
           कुछ और बड़ा हुआ तो लगा जैसे आखा तीज बाल विवाह की जननी है। छोटे-छोटे मासूम लड़के - लड़कियों की शादी इस दिन लोग बिना सोचे समझे और बिना कोई मुहूर्त पूछे, इस अबूझ मुहूर्त पर कर देते थे। जब भी आखातीज नजदीक आती मन में यह डर बैठ जाता था कि घर वाले कहीं इस बार मेरा बाल विवाह ना कर दें। तब मुझे यह लगता था कि आखातीज अबोध बच्चों को विवाह के अक्षय बंधन में बांधने का एक अवसर है।
             फिर बीच में एक समय ऐसा भी आया जब मुझे आखा तीज मनाने के अवसर ही ना मिले और सब पुराने रिति- रिवाज भूलता गया क्योंकि सारे डर दूर हो गए थे।
                इस बार फिर मुझे ग्रामीण क्षेत्र में रहने का मौका मिला है। और इस मौके के साथ ही घी, खींच और खांड खाकर तृप्त होने का अवसर मिला है । हालांकि खाने और रहने के अब  गांवों में स्वरूप बदल गए हैं और बाल विवाह  से भी चाहे गांव हो या शहर सभी किनारा करते हैं । अब स्टेटस सिंबल शिक्षा, स्वास्थ्य और समृद्धि को माना जाता है। इस आखा तीज पर मैं अपने सभी दोस्तों, परिजनों की शिक्षा , स्वास्थ्य और समृद्धि के अक्षय रहने की प्रार्थना करता।





,

©Mohan Sardarshahari अक्षय तृतीया

kumarउमेश

अक्षय तृतीया #विचार

read more
mute video

Anjali Jain

अक्षय तृतीया १४.०५.२१

read more
अक्षय तृतीया की पूरे देश को अक्षय बधाईयां, 
भारत की उन्नति, प्रगति, प्रेम, सौहार्द्र, स्वास्थ्य संपदा और समृद्धि के श्रोत अखंड और अक्षय रहे, ऐसी अनंत अनंत शुभकामनाएं!!

© Anjali Jain अक्षय तृतीया १४.०५.२१
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile