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Rajendrakumar Jagannath Bhosale
दादा, आणला आव जरी कितीही लांडग्याचा वाघ होत नाही कधीही llधृ ll जरी काढले पट्टे पिवळे अंतरीचे उफराटे चाळे कृतघ्नतेचे पाणी काळे असत्याच्या गुंफले माळे दादा ,नटला सजला कितीही ll1ll अन्यायाचा हा बुरखा पांढरा तोंडाचा नुसता पोकळ वारा जाळल्या नच घामाच्या धारा शत्रू विस्तव इथं पुरतोय दारा दादा ,सोंग झोपेचं केलं तरीही ll2ll ©rajendrakumar bhosale #कधीही #flowers
Rajeev namdeo "Rana lidhori"
कोरोनावायरस का नाश हो नाश हो नाश हो #कोरोनावायरस का नाश हो #नाश हो नाश हो
'मनु' poetry -ek-khayaal
देर से ही सही ठोकर खाकर ही सही मगर समाज को जागना होगा और धारणाओं में परिवर्तन लाना होगा वरना नाश जल्दी तय है। 'मनु' नाश
पूर्वार्थ
अब तो मेरी रूह में, नशा है भर चुका ऐसा याद आते ही तेरी शक्ल, भूलता खुद को तेरी चरणों की धूलि से सजा माथा मेरा नशे में झुमता रहता हूँ, मै मगन अब तो हो के मदमस्त रात दिन, कहीं भी रहता हूँ प्यार हर हाल नशे हाल, बना फिरता हूँ तेरे हाथों से खिला, जो मिला है प्यार तेरा प्यार की छाँव में आशा लगाए रहता हूँ तू न है आज अगर, प्यार सच में देने को तेरा एहसास, तसल्ली है मुझे जीने को भूँख भी प्यास भी, मुझको न सताती है कभी बस तेरी याद में, मैं यूँ ही जिए जाता हूँ तेरी उंगली का सहारा, कभी मिला था जो उसी आशीष से, हर मंजिलें मैं पाता हूँ तेरे आशीष के बल पे, है बल मेरा मैय्या क्यूँकि रग रग में, तेरा रक्त बहा पाता हूँ मेरी ख्वाहिश कभी पूरी हो चाहे ना मैय्या तेरी यादों के नशे में मैं खुद को पाता हूँ, मेरी माँ आज भी जिंदा है मेरे रग-रग में सोते जगते हुए हर पल ये गुनगुनाता हूँ ©purvarth #नाश यादों का
Pradyumn awsthi
"Intoxication is the cause of destruction" "नशा, नाश का कारण है।" ©"pradyuman awasthi" #नाश का कारण
mohini_writes
इस होलिका में खुद में बुराईओ का, ना वास करेंगे जितना कर सके उतना हम नाश करेंगे यही बात को अब खास करेंगे बुराई को भगा के उदास करेंगे अच्छाई को अपने पास करेंगे ऐसे ही मन में हास करेंगे #Happy_holi #बुराई #नाश
Dr. Harish Soni
खुशियों के राजमहल को भी पल भर में चकनाचूर करे है नशा नाश का चक्रव्यूह पल भर में सब से दूर करे डॉ रामरसिक नशा --नाश 26.06.2019
रघुराम
आओ प्रभु जी,मनुज बुद्धि को संवारो प्रभु। ना,ना विधि से मनुज एक दुसरे का शोषण करे।। कोई करे धन शोषण,कोई करे मानसिक शोषण। सबसे बङा वह पापी जो करे दैहिक शोषण।। बहुत हो चुका यह खेल पुराना जगत मे। कब तक शोषको से होता रहेगा शोषण जगत मे।। खोलो त्रिनेत्र अपने,नाश करो शोषको का जगत मे। उद्धार तभी होगा शोषितो का जगत मे।। ©Deoprakash Arya #Shiv नाश करो।