Find the Latest Status about लाख दस from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लाख दस.
WRITER AKSHITA JANGID
तु होता है, तो हर लम्हा चलने सा लगता है हर गम अपना, फिर कहीं खोने सा लगता है मोहब्बत में मजबूरियां लाख दस्तक देंगी, गर साथ हो तेरा, तो हर रास्ता खुलने सा लगता है प्यार का दौर, तेरे संग जब बढ़ने लगा, तो ख्वाबों में अरमान, कही जगने सा लगता है तेरे साथ निभाना कोई खास किरदार चाहा मुलाकाती दौर, कभी सफर सुहाना सा लगता है तुमसे मिलकर मुकम्मल इश्क़ का ख्याल आया मौसम क्या, यहां हर लम्हा बेहिसाब सा लगता है तुझे पाकर फिर किसी की कोई कमी ना रही, किरदार हर दिन अपना यू संवरने सा लगता है कोशिश तुझे पाना नहीं, तेरे साथ जीना रहा हर रोज जो पन्नों पर अब उतरने सा लगाता है #love #poetry तु होता है, तो हर लम्हा चलने सा लगता है हर गम अपना, फिर कहीं खोने सा लगता है मोहब्बत में मजबूरियां लाख दस्तक देंगी, गर साथ ह
Shahana Parveen
तू लाख खूबसूरत और हसीन सही अपनी निगाह में ए दोस्त........ जब तक तेरा दिल खूबसूरत नहीं यह चेहरे की ख़ूबसूरती बस नाम की है तू हज़ार इतराले अपनी इन अदाओं पर...... जब तक कोई तलबगार नहीं तेरा तो फिर यह किस काम की है तू सौ दफा देखले जी भर के वो आईना.... जब एक ने भी न सराहा तुझे तो अदा किस काम की है चाहे दस मर्तबा तू सवाँर ले यह अपनी बिखरी जुल्फों की लटें....... जब कोई इन में खोया ही नहीं तो यह भी बस नाम की हैं एक बार ज़रा खुद के किरदार को तराश के देख... जो बस गया तू दिल में सब के तो तू ही अंजाम इस शाम की है #लाख #हज़ार #सौ #दस #एक #random #YQdidi #YQbaba
Bhaskar Kavi
ख़ुशी और गम इतना खामोश रहता हूँ की हर कोई। मुझे देखकर चोंक के चीख पड़ता है।। दस
Sneh Prem Chand
आंख एक नहीं, कजरौटा दस दस व्यर्थ के आडम्बर का कोई औचित्य नहीं हो बेहतर न ले इंसा इसमें कोई भी रस।। ©Sneh Prem Chand आंख एक नहीं कजरौटा दस दस
KAKE KA RADIO
Raavan सतयुग में दस सिर थे मेरे, पर सबके सब स्पष्ट । अब हर सख्श के दो चेहरे, एक दिखे और दूजा अदृश्य । *कलयुगी रावणों से बचों सालों* दस सिर
ranjit Kumar rathour
दस दिन ******* गए थे ज्ञान की धरती घूम आये थे उस पीपल को इस सोच के साथ कुछ तो खास होगा यहाँ अंदर में तस्वीर खींचना मना था कुछ खास था ऐसा नही था लेकिन कुछ ढूंढना था इत्तेफाक ही अपने मन की किया और जिया भी नहीं पता किसे क्या लगा मेरा आत्म विश्वास जागा पहली दफा मंच से पूरा गीत गाया बड़ा बेसुरा था लेकिन गाया बड़े मंच भाषण दिया पता नही कैसे लोगो ने सराहा एक छोटा उम्र में दोस्तो की तरह जिया खूब आल बल बिना रुके ज्ञान की धरती बोध गया में अपने लिए ज्ञान आखिर पा ही लिया जहा किसी ने सिखाया था सिर्फ अच्छी चीजें तलाशो be positive ©ranjit Kumar rathour दस दिन