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CalmKrishna
न जाने, कितनी कविताएँ, तुम्हारे भवों की, वक्रीय रेखाओं से, गति कर के, नोज रिंग के, आवर्त में, घूम कर ही, भटक चुकी हैं। #MeandYou #कविता #प्रेम #आँख
शुभम कुमार गौतम
#Pehlealfaaz रुक गया है या वो चल रहा है हमको सबकुछ पता चल रहा है उसने शादी भी की है किसी से और गावँ में क्या चल रहा है। #शायरी #कविता कोश #hindi love
Ghumnam Gautam
आँख है झगड़ी नींद से,अब ख़्वाब ये कोई बोने से रही लगता है हो जाएगी आज,कविता जो थी होने से रही ©Ghumnam Gautam #झगड़ा #कविता #आँख #नींद #ghumnamgautam
Arcnana chitranshi
हे मनुज अपने देश की गरिमा बढ़ाओं धर धैर्य मनुजता को बचाओ पूरे देश में संशय का अंधियारा छाया है हर मनुज जीवन के लिये घबराया है ये वक्त तेरे धैर्य की परीक्षा है जो भी होता इस दुनिया में सब ईश की इच्छा है तुम न इस संकट से घबराओ भारतवासी की सहनशक्ति का लोहा मनवाओं हे मनुज बन महान तुम दिखलाओं जीत लो इस जंग को अपनी विजय पताका लहराओ। । #काव्य कोश #टीम कोश
Arcnana chitranshi
हे उच्च शिखर के अभिलाषी पहले अपना कर्मपथ कर निश्चय फिर उस पर पूरी निष्ठा से चल निश्चय तेरी जीत होगी मन में कर दृढ़ निश्चय बन भारत माँ का सजग प्रहरी अपनी यशकीर्ति की पताका फहरा उच्च शिखर पर आगे ही बढ़ता जा । अर्चना चित्रांशी ✍️ उ शिखर #हिन्दी काव्य कोश #टीम कोश
Parasram Arora
आईने के सामने. ज़ब भी मेरी आँख खुलती है मैं अपना प्रतिबिम्ब देख सकता था. पर जैसे ही मैं अपनी आँख बंद करता हूँ मेरी रूह मेरे भीतर से बाहर आकर अपनी आकृति का ज़ायज़ा लेने आईने के सामने आ जाती थी और ये रहस्य मुझे मेरे आईने ने मुझे मेरे कानो मे फुसफुसाते हुए बताया था काश मेरी बंद आँखों का ये सच मेरी. खुली आँखे देख पाती तों निश्चित ही मैं उस आईने की बात पर भरोसा भी कर लेता ©Parasram Arora बंद आँख खुली आँख
Shubham Singh
। ये आँख तुम्हारी आँख नहीं है । ये उस खूबसूरत मुखड़े का हिस्सा है जिस पर मैं कभी बेशुमार मरता था ।। ये वो खंज़र है जिसने हमें ज़ख्मी किया वो मैं बदनसीब हूँ जो इसे सहता था ।। ये वो जगह है जिसमें मैं खुद को ढूंढता मगर मैं नहीं हर बार कोई और मिलता था ।। ये वो निगाह है जिसने कभी हमें देखा नही वो मैं हूँ जो सिर्फ इस निगाह को तकता था ।। ये वो खज़ाना है जो मेरा हिस्से का नहीं फिर भी मैं इसे खोने से डरता था ।। यो वो सच है जो सच में सिर्फ झूठ है ये वो धोखा है जिसपे मै ऐतबार करता था ये वो घर है जिसमें अब अ नाम का लड़का है ये वो घर है जिसमे शु नाम का ही कोई रहता था ।। ©Shubham Parihar ये आँख तुम्हारी आँख नहीं। ।