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Mokshada mishra
mohabbat ki ahat ko aur ishq ki likhawat ko badal pana aasan nahi hai ae dost ज़रा सी समझ की फेर में अर्थ का अनर्थ कर देती हैं । कलम with mishraji ©Mokshada mishra अर्थ का अनर्थ #Morning
Prashant Mishra
पल्हनी के इहे पुकार बडुवे दुर्गेश भैया के लहर बडुवे हल्ला होखता कोमल कलोनिया में हो दुर्गेश भइया जितिहें परधनिया में हो पूरा मतदाता का आस होगा पल्हनी का पूरा विकास होगा पानी भरा कई सालों से जो नाली बनवाकर निकास होगा अबकी बदलाव होई कहानिया में हो दुर्गेश भइया जितिहें परधनिया में हो घर नइखे बा त कलोनी मिली ब्यवस्था सुंदर सलोनी मिली जॉब कार्ड सबके बन जाई हो मनरेगा के पइसा सब पाई हो बेरोजगार ना घूमी केहु जवनिया में हो दुर्गेश भइया जितिहें परधनिया में हो --प्रशान्त मिश्रा (8419078733) दुर्गेश प्रधान का गीत
Prashant Mishra
मचल बिरोधियन में सानसनी लड़िहें दुर्गेश भइया परधानी इनके लहर उड़ता अबकी हउवा में अबकी बिकास होइ गउआँ में दुर्गेश भैया जितिहें चुनउआँ में... पानी के हो जाई पूरा निकासी पल्हनी के जनता से मिली शबाशी मिटी बदहाली बनी,कुल हाली हाली बनी, पानी निकारे खातिर साफ-सुथर नाली बनी पानी के हो जाई...पूरा निकासी पल्हनी के जनता से मीली शबाशी फिर रहिएगा साफ-सुथर चमकउआ में बिजली के नया-नया खम्भा तनाई गली-गली में आरसीसी बिछाई तनिको ना टेंशन मिली, बुढवन के पेंशन मिली गाँवे के कोटवा पे समय-समय से राशन मिली बिजली नया नया... आइयेगा नहीं केहु के बहकउआ में रामपुर से लेकर के कोमल कलोनी लखनऊ जईसे चमकी आपन पल्हनी पूरा हर आस होई, सबके बिकास होई बूढ़-पुरनियन के बृद्धा पेंशन पास होइ रखिहा भरोसा बस आपन बेटउआ में अबकी विकास होइ गउआँ में दुर्गेश भइया जितिहें चुनउआ में --प्रशान्त मिश्रा दुर्गेश भैया प्रधान का प्रचार
Rahul Shastri worldcitizens2121
Safar July 10,2019 सत्संग का अर्थ होता है गुरु की मौजूदगी! गुरु कुछ करता नहीं हैं, मौजूदगी ही पर्याप्त है। ओशो सत्संग का अर्थ
Aman Baranwal
मिट्टी का जिस्म और आग सी ख्वाहिशें, खाक होना लाजमी है, क्योंकि आदमी आखिर आदमी है! जीवन का अर्थ
divya...
इश्क़ आज भी है मगर राधा- कृष्ण जैसा नहीं ... होगे एक - आध भी उनके जैसे अगर... तो उनको चैन का जीवन नहीं... लोगो को प्रेम का हर दस्तूर झुटा लगता है... क्योंकि उन्होंने कभी किसी से .... सच्चा प्रेम किया ही नहीं... प्रेम का अर्थ...