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Anand Kumar Ashodhiya
हरियाणा संस्कृति का ह्यस फेसबुक और इंस्टाग्राम पे, एक नया पुवाड़ा होग्या रील बणावण के चक्कर में, यो देश उघाड़ा होग्या भले घरां की बहू अर बेटी, आज रील बणावण लागी अंग प्रदर्शन करैं, अर्धनग्न हो, वाह वाह पावण लागी वक्ष दिखाके, नितम्ब हिलाकै, उरोज हिलावण लागी कदे बन्द कमरे में कदे छात पे, खड़दम तारण लागी लाज शर्म सब बेच कै खागी, यो घर घर राड़ा होग्या आँख नचाके, मुँह बितराके, कामुक इशारे करण लगी लाइक पावण के चक्कर मे, पींघ इश्क की भरण लगी अंजाणे और गैर मर्द की, बाँहया के महँ तिरण लगी सैर सपाटे गळ बंहिया हो, होटल मोटल फिरण लगी इश्क का भाण्डा फूट गया फिर, घर मे खाड़ा होग्या घर की भाभी, बहू गाम की, बणी सेटिंग और पटोले भाण और बेटी फीम अर लाडू, इन कवियाँ ने कित रोले गन्दी भाषा, गन्दा गाणा, द्विअर्थी मतलब टोह ले स्याणा माणस शर्म के मारे, सिर धरती में गो ले गायक नायक गीतकार सब, धन का लाड़ा होग्या सभ्यता और संस्कृति का, हरियाणे में हयास हुया डी जे आळे गाणे सुण सुण, नई पीढ़ी का नाश हुया हास्य नाटक लाइव स्टैंडअप, सबका पर्दाफाश हुया देख देख कै ढंग दुनिया का, एक नया आभास हुया कहै आनन्द शाहपुर संस्कृति का, काम बिगाड़ा होग्या। रचयिता : आनन्द कुमार आशोधिया@कॉपीराइट ©Anand Kumar Ashodhiya हरियाणा संस्कृति का ह्यास #हरयाणवी #हरयाणवी_रागनी #रागनी #कविता #फेसबुक #इंस्टाग्राम
Anand Kumar Ashodhiya
किस्सा रसकपूर - रागनी 18 हरयाणवी बहाण मेरा रूस गया भरतार, जगतसिंह होग्या बेदर्दी उन्ने के गरज मनावण की, उन्ने के गरज मनावण की हे। मेरै ला ला झूठे दोष, जळे नै देइ आत्मा मोस मेरे लिए सारे ओहदे खोस, ज़िन्दगी कैद में करदी घड़ी इब बिफत उठावण की,घड़ी इब बिफत उठावण की हे। वा फतेकँवर पटराणी, स्याहमी बोले मीठी बाणी मन्ने कोन्या जात पिछाणी, दाग मेरे चरित्र पे धरगी दशा इब आँसू बाहवण की, दशा इब आँसू बाहवण की हे। प्यार मेरा शक ते हार गया, प्यार मन्ने जी ते मार गया जगत सिंह कांटे डार गया, डगर में शूल फणी धरदी समो गई फूल बिछावण की, समो गई फूल बिछावण की हे। करूँ आनन्द शाहपुर विनती, होज्या म्हारी भी किते गिणती रागणी छन्द पे छन्द बणती, कथना लिख लख के धरदी बाट सै गाण बजावण की, बाट सै गाण बजावण की हे। गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिय ©Anand Kumar Ashodhiya किस्सा रसकपूर हरयाणवी रागनी 18 #रसकपूर #हरयाणवी_रागनी #हरयाणवी
Anand Kumar Ashodhiya
देश की बेटी म्हारी बेटी तू किसके आगे हाथ जोड़ती, रो रो कर रही चीख पुकार लँगड़ा लूला पुलिस महकमा, आंधी बहरी है सरकार न्या मांगणिये बाड़े में बंद, आज भ्र्ष्टाचारी राज करैं जाँच कमेटी बिठा देइ न्या, करते करते आज करैं चौगिरदे कै पुलिस बिठया दी, ना क्याहे की ल्ह्याज करैं बब्बर शेर भी बेबस होग्ये, कित लग चिड़िया बाज मरैं देश की शान बढ़ावण आले, आज हो रहये सैं लाचार बिका हुआ दलाल मीडिया, चुपका सा तमाम होग्या आँख पे पट्टी मुँह पे टेप, सरकारी गुलाम होग्या यौन शोषण का दोषी आज, मीडिया का राम होग्या दबंगई कर नेता बणग्या, न्यू समझे भगवान होग्या भाण और बेटी लगी दाँव पे, यो कौरव का दरबार कौम की बेटी इज्जत खातिर, रो रो कै नै डकराती जिगरे आले सत पुरुष ही, सच के बणैं हिमाती स्वाभिमान, ज़मीर की खातिर, हो वज्जर कैसी छाती देश की बेटी, म्हारी धरोहर, इज्जत ही तो कहलाती ना जाति, ना प्रभुत्व भरो, इज्जत की हुंकार दागी नेता, भ्रष्ट प्रशासन, ना होती काररवाई न्या पावण की खातिर बेटी, भरती फिरें तवाई खरदूषण लाईलाज बीमारी, करणी पड़ै दवाई आनन्द शाहपुर उठ खड़या हो, क्यूँकर करै समाई दो हर्फी है माँग हमारी, हो खरदूषण गिरफ्तार रचयिता : आनन्द कुमार आशोधिया@कॉपीराइट ©Anand Kumar Ashodhiya देश की बेटी म्हारी बेटी - हरयाणवी रागनी। #हरयाणवी #हरयाणवी_रागनी
Gondwana Sherni 750
तय टुटबे तो जोड़हु मै साथ देबे तो साथ निभाहु मै तोर हर दुख में साथ रहु जिंदगी बर फेर तोर बर दुनिया से लड़ जाहु मै कदम से कदम मिलाके चल देहू तोर साथ चाहे तय ले चल घर या फेर नदिया के तीर फर्क नही पड़े कहा जाबो धीर ऐसे ही देबे मोर मया के चिन्ह रहे नई सको तय मान या मत मान जिंदगी तो तोरे जा बिताहु तोर मया के तीर preeti uikye 20/5/21 ©Gondwana sherni तोर मोर माया
Anand Kumar Ashodhiya
हरियाणे में व्याप्त कुरीति जो बीत गई वो समो पुराणी इब तेरे हाथ ना आवण की पहले से ही निश्चित तारीख सबके ऊपर जावण की मौत आवणी सबनै बेरा पर कौण मरया चाहवै सै जिसके लागै वो तन जानै हिया ऊदल कै आवै सै आँख समन्दर होज्या सै फेर सब कोए धीर बंधावै सै रिश्तेदार अगड़ पड़ोसी कोए आवै कोए जावै सै माणस घटज्या घर भी लूटज्या, रहज्या कसर खिलावण की जिस घर में कोए मृत्यु होज्या, वो दुख सबतै मोटा हो किसे कै माणस, किसे कै अन्न, किसे कै धन का टोटा हो आंख में आँसू, चढ़े कढ़ाई, चाहे बड्डा हो या छोटा हो शोक संतप्त परिवार का खाणा श्रीकृष्ण कहै खोटा हो हरियाणे में व्याप्त कुरीति, या तेहरामी पै खावण की श्रीकृष्ण नै दुर्योधन गिरफ्तार करण चाल्या था विश्वरूप देख सुदर्शन कइयां का दिल हाल्या था दुर्योधन श्रीकृष्ण नै रसोई जिमावन चाल्या था श्रीकृष्ण गए नाट खाण ते धर्म का दिया हवाला था द्वेष क्लेश में जीम रसोई राह सै पाप कमावण की मृत्यु भोज का खाणा खिलाणा हिन्दू धर्म नहीँ सै श्रुति स्मृति वेद पुराण में तेरहवां कर्म नहीँ सै ब्रह्म सूत्र और उपनिषदों में ऐसा मर्म नहीँ सै आनन्द शाहपुर इस जीवन में थोड़े भ्रम नहीं सै इस प्रथा के खिलाफ जरूरत पड़गी बिगुल बजावण की गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया © 2021-22 ©Anand Kumar Ashodhiya हरियाणे में व्याप्त कुरीति #हरयाणवी
Golu Devaangan. Diya aur baati hum