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maddylines

एक पिताः अपने बच्चे के जन्म के बाद उसका नन्ना से हाथ अपने हाथ मे लेके आस लगाता है और सोचता है.....

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एक पिताः अपने बच्चे के जन्म के बाद उसका नन्ना से हाथ अपने हाथ मे लेके आस लगाता है और सोचता है.....
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बहुत छोटे हो अभी आसमान छूने को
थोड़े बड़े हो जाओ फिर मिलकर फतेह करेंगे
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. एक पिताः अपने बच्चे के जन्म के बाद उसका नन्ना से हाथ अपने हाथ मे लेके आस लगाता है और सोचता है.....

maddylines

ये पंक्तियां गुरु, माता और पिताः को समर्पित है इसका पहला भाग वो है जब बच्चा चलना सीखता है दूसरा भाग जब गुरु बच्चे को कुछ बनाने की मशक्कत करत

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थोड़ी सी ज़मीन, कुछ गज़ आसमान भी
थोड़ी सी आवाज पर समझो बेजुबां ही
चला हु नापने आसमां थोड़े से हौसले से
आज निकला हूँ पहली बार अकेला घोंसले से

सहारा मात्र दिल की तसल्ली को है
जाने ज़माने को मुझे उड़ना सिखाने की जल्दी क्यों है
दो पल और बीत जाते यूँ  ही सहारे से
जिसपे भरोसा सबसे ज्यादा था दे दिया धक्का उसने चौबारे से

खौफ मौत का सीखने सिखाने को काफी था
थोड़े फड़फड़ाये पंख तो उड़ जाने को हल्का हवा का झौंका काफी था
संभाला खुद को बादलों में गर्व से तो देखा 
जो घोसले में खिलाता था खुद भूखा रहके
वो बूढ़ी हड्डीयों का बेवाक शरीर, मेरे नंन्हे आसमां का साथी था

तुम जो ना दिखाते राह, तो भटक जाना मुमकिन था
मंजिल तो दूर रही, चार कदम चल पाना भी मुश्किल था
इस काबिल बना दिया मुझे, की फैसले मुश्किल भी ले सकूँ
बसर आज भी तेरे आशीर्वाद का मोहताज हु
मुझपर तेरे कर्मों का ये हरदम कर्ज़ रहेगा
जान देकर भी कर सकूं तुम्हारी हिफाज़त, तो ये मेरा फ़र्ज़ रहेगा
 ये पंक्तियां गुरु, माता और पिताः को समर्पित है
इसका पहला भाग वो है जब बच्चा चलना सीखता है
दूसरा भाग जब गुरु बच्चे को कुछ बनाने की मशक्कत करत

Subhasish Pradhan

अपने पिताः को गाडी में बिठाके, बीटा निकल गया.... बृद्धाश्रम के तरफ । उसकी बीवी की बात कानो में गूंज रहाथा चाहे कोई भी फक्शन हो बाबा घर में आ #yqbaba #yqdidi #अकेलापन #बेसहारा

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पिताः
एक कहानी एहसास की.....!!

In Caption 
     अपने पिताः को गाडी में बिठाके, बीटा निकल गया....
बृद्धाश्रम के तरफ ।
उसकी बीवी की बात कानो में गूंज रहाथा
चाहे कोई भी फक्शन हो बाबा घर में आ

Divya Joshi

श्रीराम वनवास प्रसंग कौन है जग में इतना सरल माँ पितु के वचनों को प्राणों से प्रिय जो मान चले सदा पाई जिस कैकयी माँ से ममता कटु वचन भी सुन उ #Motivational #moral #समाज #ParentsLove #IdealLife #Idealistic #NojotoRamleela

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कौन है जग में इतना सरल
माँ पितु के वचनों को प्राणों से प्रिय जो मान चले

सदा पाई जिस कैकयी माँ से ममता
कटु वचन भी सुन उनके जो चेहरे पर मुस्कान धरे

कल तक थे जो भावी राजा
सब कुछ खोता देख भी जो हर आज्ञा शिरोधार्य करे

प्राण जाए पर न जाए पितु वचन
सिय लक्ष्मण का हाथ धर सहर्ष वन गमन स्वीकार्य कहे

सीखो प्रभु की सीख माँ पिता का क्या स्थान
देव भी हों नतमस्तक जिनके समक्ष हम भी उनका यूँ हरदम सम्मान करें

©Divya Joshi श्रीराम वनवास प्रसंग
कौन है जग में इतना सरल
माँ पितु के वचनों को प्राणों से प्रिय जो मान चले

सदा पाई जिस कैकयी माँ से ममता
कटु वचन भी सुन उ

Poet Shivam Singh Sisodiya

उम्मीद है कि दिन चैन ढले, सुख रैन की नींदें ले आये | उम्मीद है कि उगता सूरज कल कुछ उम्मीदें ले आये | उम्मीद है कि बच्चे सारे ही श्रवण से आज

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उम्मीद है कि उम्मीद है कि दिन चैन ढले, सुख रैन की नींदें ले आये |
उम्मीद है कि उगता सूरज कल कुछ उम्मीदें ले आये |

उम्मीद है कि बच्चे सारे ही श्रवण से आज्ञाकारी हों,
उम्मीद है कि सब बालिकायें मनु सीता सी संस्कारी हों |
हो लज्जा शील सनेह शौर्य सब संतानें सुखकारी हों,
हो 'अश्रु' न पितु की आँखों में, कोई माँ न दुखियारी हो ||

उम्मीद है कल का अँधियारा सँग 'अश्रु' की बूँदें ले जाये |
उम्मीद है कि उगता सूरज कल कुछ उम्मीदें ले आये ||

शिवम् सिंह सिसौदिया 'अश्रु' उम्मीद है कि दिन चैन ढले, सुख रैन की नींदें ले आये |
उम्मीद है कि उगता सूरज कल कुछ उम्मीदें ले आये |

उम्मीद है कि बच्चे सारे ही श्रवण से आज

Piyush Shukla

दोहे ज्ञान की ज्योति जलाकर, गुरु करते मजबूत जिसको भी ना गुरु मिलें, रहें ठूंठ का ठूंठ घिस घिस पाथर मणि करें, लेत न कोई मोल गुरु से #teachersday2020

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ज्ञान की ज्योति जलाकर, गुरु करते  मजबूत
जिसको भी ना गुरु  मिलें, रहें  ठूंठ  का  ठूंठ

घिस घिस पाथर मणि करें, लेत न  कोई मोल
गुरु  से  बड़ा  न  जौहरी,  करें  हमें  अनमोल

ज्ञान  गुरू  का  उम्र भर, आये  हरदम  काम
सब  ही  ज्ञान  की  देन है, घर  पैसा या नाम

डाँट  डपट  के  ही   सही  देते  बढ़िया  सीख
गुरु माटी  को  रूप  दें,  इक  कुम्हार  सरीख

दुनिया की  हर  रीति  को, पितु मातु समझाएं
प्रथम  गुरु  इन्हें  मानकर, पहले  शीश नवाएं

बुरा  समय  और  लोग भी, देते  हमको  ज्ञान
इनको  भी  गुरु   मानिए, देना  सब  सम्मान दोहे

ज्ञान की ज्योति जलाकर, गुरु करते  मजबूत
जिसको भी ना गुरु  मिलें, रहें  ठूंठ  का  ठूंठ

घिस घिस पाथर मणि करें, लेत न  कोई मोल
गुरु  से
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