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डॉ रवि शाक्या

बोन्साई की तैयारी

बोन्साई की तैयारी #जानकारी

48 Views

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Anamika

   एक आंगन में बरगद के पेड़ जैसा था परिवार
       दो कमरे के फ्लैट में सिमटकर,
             बोन्साई सा रह गया..... #बोन्साई 
#परिवार 
#yourquotes #yqhindi 
#tulikagarg
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Swarima Tewari

कुछ लड़कियों को मिलता है 
कई बीघा खेत 
लहलहाने के लिए
और कुछ लड़कियाँ 
बोनसाई बना दी जाती हैं
किसी को मिलती है परों की उड़ान
कुछ को मिलती हैं कतरनें
.
.
कौन कहता है?
अंतर हमेशा लड़के लड़की के बीच होता है.. बोनसाई ~ बोनसाई पौधों को गमले में इस प्रकार उगाया जाता है कि उनका प्राकृतिक रूप तो बना रहे लेकिन वे आकार में बौने रह जाएँ!

#yqbaba #yqdidi

बोनसाई ~ बोनसाई पौधों को गमले में इस प्रकार उगाया जाता है कि उनका प्राकृतिक रूप तो बना रहे लेकिन वे आकार में बौने रह जाएँ! #yqbaba #yqdidi #hindiquotes #लड़की #yqhindi #लड़का #yqdidihindi #बोन्साई

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Mukesh Bansode

बोनसाई @ सुधीर देशपांडे

बोनसाई @ सुधीर देशपांडे #कविता

270 Views

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Bhawna Kukreti

बोन्साई
#myfav #lovepoetry 
#dedicated #to #TenderHeart #feelings 


#LOVEGUITAR
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Mukesh Bansode

बोनसाई @ सुधीर देशपांडे

बोनसाई @ सुधीर देशपांडे #कविता

171 Views

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Anupama Jha

 बोन्साई

(पूरी कविता अनुशीर्षक में) एक वृक्ष की डाल को काटा गया
ला गमले में उसे लगाया गया
नए खाद,पानी से सींचा, संवारा गया
नए परिवेश में, वो कुछ कुम्हलाया,
फिर अपने को संवारता

एक वृक्ष की डाल को काटा गया ला गमले में उसे लगाया गया नए खाद,पानी से सींचा, संवारा गया नए परिवेश में, वो कुछ कुम्हलाया, फिर अपने को संवारता #बोन्साई

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Dr Jayanti Pandey

बेटियां
अपने आंगन की मिट्टी से 
जड़ों सहित उखड़ती हैं; 
प्रवासियों की तरह कहीं 
और बसाने को अपना घर
बेटियां भी प्रवासी होती हैं।

(पूरी रचना अनुशीर्षक में पढ़ें) बेटियां
------------------------------
अपने आंगन की मिट्टी से 
जड़ों सहित उखड़ती हैं; 
सजाने को पिया का घर।
गमले की सीमा में अपनी 
जड़ों को

बेटियां ------------------------------ अपने आंगन की मिट्टी से जड़ों सहित उखड़ती हैं; सजाने को पिया का घर। गमले की सीमा में अपनी जड़ों को #yqdidi #yqhindi #yqhindipoetry #jayakikalamse

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Anupama Jha



कहीं से भी आ जाती है ख्वाहिशें
कोई सा भी रूप ले लेती ख़्वाहिशें
कभी बन तितली
खूबसूरत मीठे पराग चुराती
शहद सी मीठी,ख्वाब दिखाती ख़्वाहिशें।
कभी बन पँछी
किसी भी ओर उड़ती
कभी इस डाल, कभी उस डाल
 बैठती ये ख़्वाहिशें।
ऊँचे पेड़ सी बढ़ जाती
फैलाती रहती हैं शाखाएँ अपनी
फैलती,फूलती,टूटती रहती
लगती पेड़ो सी ये ख़्वाहिशें।
बादलों सी हल्की- फुल्की
इधर-उधर घूमती
बिन आकार,बिन रूप संवरती
फिर कभी बरसती सी ये ख़्वाहिशें।
कभी सागर सी मचलती
कभी शांत नदी सी
पर निरंतर पानी सी बहती, ये ख़्वाहिशे।
कभी बिंदी बन,तारों सी सजती
कभी काजल सी फैलती
स्याह सी ये ख़्वाहिशें।
हर एक के आँखों में सजती
बचपन से बुढ़ापे तक मचलती
बनकर बोन्साई भी
हर दिल में उगती ये ख़्वाहिशें।
 #ख्वाहिशें#yqdidi#yqbaba#कविता

*ख्वाहिशें*

कहीं से भी आ जाती है ख्वाहिशें
कोई सा भी रूप ले लेती ख़्वाहिशें
कभी बन तितली
खूबसूरत मीठे पराग च

#ख्वाहिशें#yqdidi#yqbaba#कविता *ख्वाहिशें* कहीं से भी आ जाती है ख्वाहिशें कोई सा भी रूप ले लेती ख़्वाहिशें कभी बन तितली खूबसूरत मीठे पराग च

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Gyana Ranjan Sethy

कविता: पहचान

मुसलमान होता पाकिस्तान  चलागया होता जनाब
भारतीय हूँ इसलिए नहीं  कि भारत में रहता हूँ
इसलिए भी नहीं कि भारत  मादरेवतन है मेरा
इसलिए भी नहीं कि यहाँ की हवा से भरा मेरा सीना
और पानी मेरी रगों में है अनाज धड़कता है
मेरे नन्हें से दिल में ज़ुबान मुझे बनाती है
नेकदिल इन्सान वजह सिर्फ़ एक है
मेरी जड़ें बहुत गहरे धंसी हैं,सोने जैसी इस मिट्टी में
उस मिट्टी में जिसमें बुद्ध महावीर राम कृष्ण 
कबीर मीरां नानक निज़ामुद्दीन चिश्ती
गांधी सुभाष आज़ाद बिस्मिल अशफ़ाक़ भगत राजगुरु
अभी भी सांस लेते हैं,उनके बदन की गर्मी से
पकते हैं अनाज इस मुल्क में हज़रत मैं बोन्साई होता
तो कब का टंग गया होता विदेशी छतों की कुंडी से
पाक परवरदिगार ने बरगद बनाकर भेजा है
तो उसकी लाज  मेरे हाथ ही है ना!
भारतीयता मेरी पहचान है इस्लाम मेरा मज़हब
एक ज़मीन से जुड़ा है दूसरा आसमान से
एक मां है तो दूसरा पिता है और हमारे खानदान में सिंगल पैरेंटिंग नहीं होती
न मैं मां को छोड़ सकता न रह पाऊंगा पिता के बगैर ही
ऐसे में तुम्हें जो समझना है समझो! जो मानना है मानो!
मैं तो ऐसा ही हूँ और ऐसे ही रहूँगा अपनी जड़ों से जुड़ा
आसमान में सिर ताने फिर मिलते हैं
ख़ुदा हाफ़िज़ कविता: पहचान

मुसलमान होता पाकिस्तान  चलागया होता
जनाब
भारतीय हूँ
इसलिए नहीं 
कि भारत में रहता हूँ
इसलिए भी नहीं

कविता: पहचान मुसलमान होता पाकिस्तान चलागया होता जनाब भारतीय हूँ इसलिए नहीं कि भारत में रहता हूँ इसलिए भी नहीं #yqbaba #yqdidi #yqhindipoetry #muslimhinduitihad #gyanapoetrys

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