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chandan
ख़्वाहिश और जरुरत दिल्ली में 43 मजदूरों की मौत पर कहाँ है मानवाधिकार आयोग ? दिल्ली में 43 मजदूरों की मौत पर कहाँ है मानवाधिकार आयोग ?
PRIYA SINHA
🚹🚺"मानवाधिकार"🚺🚹 आईए हम सभी मिलकर , बातें करते हैं मानवाधिकार की ; है तो ये बहुत हीं साधारण-सी बात , पर है ना ये बेकार की ! सबसे खास अधिकार , रोटी, कपड़ा और मकान ; साथ हीं साथ मिले सबको , थोड़ा प्यार और सम्मान ; ये सब तो है मौलिक , आवश्यताएं जिंदगी की , जिनको हक से हासिल करें , दुनिया का हर इक इंसान । हँसना-खेलना, घूमना-फिरना , स्वतंत्र होकर बोलना ; अपने फैसले आप करना , जिंदगी में मिठास घोलना ; अपने दिल की बातों को ना दबाना , सिर्फ अपने हीं दिल में , बल्कि अपनों के समक्ष खुलकर , अपने दिल के राज खोलना ! मिले सबको उचित शिक्षा जो दिलाए , समाज में सबको सही स्थान ; शिक्षित हो सभी ताकि कर पाए , सही गलत का फर्क पाकर सच्चा ज्ञान ; है ये बहुत हीं जरूरी के रखें हम , ख्याल अपनी इज्जत प्रतिष्ठा का , पर ये भी के ना तो होने दें और ना हीं , करें किसी दूसरे लोगों का अपमान ! ना तो हम करें किसी पर और ना हीं , हम बिल्कुल सहें कभी कोई अत्याचार ; क्योंकि ऐसा करने से ये देंगे हम सब , लोगों की शख्सियत को बिगाड़ ; यकीन मानो आएगी ना ऐसी स्थिति , कभी भी किसी व्यक्ति के लिए , जो होंगे हम सभी लोग अपने , तमाम हकों के जानकार । खैर, अधिकारों की ये सारी बातें , तो है बहुत हीं साधारण ; पर अब भी इन सब बातों से , महरूम है दुनिया के अधिकांश जन ; इसलिए इस कविता के माध्यम से , सब लोगों को संदेश है ये मेरा , ना छीने कोई अधिकार किसी का , जिससे ना रहे किसी का भी व्यथित मन । प्रिया सिन्हा 𝟏𝟎 दिसम्बर 𝟐𝟎𝟏𝟓.(गुरूवार) ©PRIYA SINHA #मानवाधिकार
Insprational Qoute
न करो बैरभाव सबका समान अधिकार बस इतना तू समझ, तू इंसा मैं इंसा आज मिलकर मनाये मानवाधिकार दिवस । #मानवाधिकार #right #अधिकार
USM Blogs
दिल्ली तो उनको याद रहा लखनऊ से निस्बत तोड़ गए वायदे की ना कोई लाज रखी तहज़ीब से मुंह वो मोड़ गए dilli to unko yad raha lucknow se nisbat tod gaye wayde ki na koi laaj rakhi tehzeb se munh wo mod gaye #लखनऊ
Alok Tiwari ( KABIR)
"अब तो मेरा दिल भी लखनऊ सा हो गया है। लाखों की भीड़ जितना दुख लेकर भी., बड़ी संजीदगी से मुस्कुराना जानता है!" ©Alok Tiwari ( KABIR) लखनऊ