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अशेष_शून्य
.... 🦋________💙 ओ हमनशीं... ये शाम-ओ-सहर की दस्तकें, ये मौसमी आहटें, ये सुकूं , ये राहतें मानो तेरी मुस्कुराहटें । ओ दिलनशीं...
Nisheeth pandey
राम जी का जीवन भी क्या जीवन रहा होगा राजा होकर भी रंक का जीवन जिया होगा राजशाही ठाठ हो कर भी ठाठ न लगी होगी कभी कभी शिक्षा के लिये वन कभी वनवास के लिये वन कभी राज गद्दी पर होकर भी सिया बिन मन रहा वनवास में ... राज धर्म के हेतु त्यागना पड़ा सिया को सारे साम्राज्य की भीड़ में राम मन सिया बिन कितना व्याकुल रहा होगा राम भी तो अकेले में सिया स्वप्न में भटक जाते होंगे ... कल्पना में जब सिया से मिलते होगें सिया से कहते होंगें ...... पीताम्बरी सी तुम , तुमपर कितना चम चम करती है ये - पीली साड़ी ....देह पर तुम्हारी ..... तुम्हारी यौवन देख ! दूर कहीं पीली सरसों खेतों में सारे लहलहा जाएगी ……. जब राम ने सिया को पहनाए होंगे हरी चूड़ियां कलाइयों में..... सजा देख कलाइयां सिया की! राम ने कहा होगा तुम्हारी कलाइयों में हरी चूड़ियाँ देख - सावन दौड़ा आएगा और ...... शर्माकर पेड़ सारे ...... ओढ़ लेंगे हरी चादर ! जब राम ने सिया के माथे की दमकती हुई लाल बिंदिया चूमा होगा ! झूमता हुआ बसंत चला आया होगा और .....चारों ओर फूल रंग-बिरंगे खिल उठे होंगे ..... ! मगर ........ वास्तव में ऐसा कुछ नहीं वंचित रहें प्रेम की मधुरता से राम सिया से सिया राम से सिया और राम के बिछरण से हृदय में गहरा रंज रहा होगा सरसों को ....... फूलों को...... बसंत और सावन को और पेड़ों को भी! और ...... मैं भी उन्हीं की तरह नियति के सिलौटी पर पीस गया हूँ मैं तो तुच्छ मानव हूँ शायद इन सब से कहीं गहरा रंज है मुझे... #निशीथ ©Nisheeth pandey #ramsita राम जी का जीवन भी क्या जीवन रहा होगा राजा होकर भी रंक का जीवन जिया होगा राजशाही ठाठ हो कर भी ठाठ न लगी होगी कभी कभी शिक्षा के
Pnkj Dixit
आज की कहानी "कहां है तुम्हारा गांव" 🌷👰💓💝 कहां है तुम्हारा गांव ? " स्नेहा ! "क्या याद है तुम्हें ,हमारी पहली मुलाकात ।" अरविंद ने किताब में मुंह गड़ाए हुए और चाय की चुस्कियां
Pnkj Dixit
आज की कहानी "कहां है तुम्हारा गांव" 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 🌷👰💓💝 कहां है तुम्हारा गांव ? " स्नेहा ! "क्या याद है तुम्हें ,हमारी पहली मुलाकात ।" अरविंद ने किताब में मुंह गड़ाए हुए और चाय की चुस्कियां
Rachna Mishra
इस शहर से निकला ये लिफाफा, उस शहर तक पहुंचते पहुंचते, जाने किस मालगाड़ी के अंधेरे घुटन भरे कोने से होकर, किस डाकिये के बेपरवाह हाथों से गुज़रते हुए, अपनी अहमियत खोता जाता है, मैं आज तक जान नहीं पाई। (read full artical in caption) #रिश्तों_में_बदलाव बदलता वक़्त ...बदलते रिश्ते... और बदलते हम .... इन सबके बीच अगर कुछ नहीं बदला.... तो वो हैं दिल के किसी कोने में छुपे कु
डॉ वीणा कपूर "वेणु"...
#FourLinePoetry सजा दो दीपों से गलियां अवध में राम आए हैं। बिछा दो राहों में कलियां अवध में राम आए हैं। बधाई हो मिठाई हो चारों ओर खुशियां हो जलाओ हर तरफ दीपक, अवध में राम आए हैं। ©Veena Kapoor अवध में राम कलियां मिठाई बधाइयां #fourlinepoetry
Seema Nirankari
ज़िन्दगी की तमाम उचाइयां ज़िन्दगी की गहराईयों में जाके ही मिली है... तमाम उचाइयां..
Vimal ji
दस्तक दी है मैंने स्वागत नहीं करोगे हमारा कहने आया हूं रेवड़ी बांटो, खाओ पियो लोहड़ी की विश करने आया हूं (आप सभी को लोहड़ी की बहुत-बहुत बधाइयां) ©Vimal ji #Lohri#बधाइयां