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Bhanu Priya
रूखा सूखा धूल लिपटी जिस पर छू कर देखा छप जाए किस पर जैसे शांत धरा पर महकता पवन चढ़ती किरणें बनेगा सूरज जिस पर देखी मैनें मीठी खुशबू छाल के भीतर । ©Bhanu Priya मीठी खुशबू छाल के भीतर
Bhuwnesh Joshi
शून्य से अनंत तक पालनकर्ता तू है काल भी कांपते हैं लोक तीनों जब डमरु पर देता ताल तू चंद्रमा विराजे मस्तक पर सिंघो की ओढ़े छाल भी महादेव मेरे शंकर है काल तू महाकाल तू शून्य से अनंत तक पालनकर्ता तू है काल भी कांपते हैं लोक तीनों जब डमरु पर देता ताल तू चंद्रमा विराजे मस्तक पर सिंघो की ओढ़े छाल भी महादेव मेर
CHIRANJIT
🕉#मेरा बाबा महाकाल है#🕉 ---------------------------- एक है ,अनंत वो है सृष्टि की हर सृजन वो है !! तन वो है, मन वो है जन्म और मरण वो है !! राख से सज्जित बाघ की छाल है , काल को जो हर ले वो बाबा महाकाल है !! मेरा बाबा महाकाल है !! #beparwa# 🚩🚩हर हर महादेव 🚩🚩 🕉#मेरा बाबा महाकाल है#🕉 ---------------------------- एक है ,अनंत वो है सृष्टि की हर सृजन वो है !! तन वो है, मन वो है जन्म और मरण वो है !! रा
CHIRANJIT
🕉#मेरा बाबा महाकाल है#🕉 ---------------------------- एक है ,अनंत वो है सृष्टि की हर सृजन वो है !! तन वो है, मन वो है जन्म और मरण वो है !! राख से सज्जित बाघ की पहन रखी छाल है , काल को जो हर ले वो बाबा महाकाल है !! मेरा बाबा महाकाल है !! #beparwa# 🚩🚩हर हर महादेव 🚩🚩 🕉#मेरा बाबा महाकाल है#🕉 ---------------------------- एक है ,अनंत वो है सृष्टि की हर सृजन वो है !! तन वो है, मन वो है जन्म और मरण वो है !! रा
AB
जटाभुजंगपिंगलस्फुरत्फणामणिप्रभा कदंबकुंकुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे। मदांधसिंधुरस्फुरत्वगुत्तरीयमेदुरे मनोविनोदद्भुतं बिंभर्तुभूतभर्तरि ॥4॥ अर्थात- मैं उन शिव जी की भक्ति में आनंदित रहूं जो सभी प्राणियों के आधार एवं रक्षक हैं, जिनकी जाटाओं में लिपटे सर्पों के फन की मणियों का पीले वर्ण प्रभा-समुह रूप केसर प्रकाश सभी दिशाओं को प्रकाशित करता है और जो गजचर्म (हिरण की छाल) से विभुषित हैं,! ll💚ll ॐ नमः शिवाय ll💚ll ___________________________________________________ जटाभुजंगपिंगलस्फुरत्फणामणिप्रभा कदंबक
Md Kamaal-uddin
तिम्रो संसार ठोस छ । मेरो बाफ ! तिम्रो बाक्लो, मेरो पातलो ! तिमी ढुङ्गालाई वस्तु ठान्दछौ, ठोस कठोरता तिम्रो यथार्थ छ । म सपनालाई समात्न खोज्दछु, जस्तो तिमी, त्यो चिसो, मीठो अक्षर काटेको पान्ढीकीको बाटुलो सत्यलाई ! मेरो छ वेग काँडाको साथी ! तिम्रो सुनको र हीराको ! तिमी पहाडलाई लाटा भन्दछौ, म भन्छु वाचाल । जरुर साथी । मेरो एक नशा ढिलो छ । यस्तै छ मेरो हाल ! -LAXMI PRASAD DEVKOTA Few lines from Laxmi Prasad Devkota's #pagal #kawita 👇👇👇👇👇👇👇👇 जरुर साथी म पागल ! यस्तै छ मेरो हाल । म शब्दलाई देख्दछु ! दृश्यलाई सुन्दछु
Md Kamaal-uddin
तिम्रो संसार ठोस छ । मेरो बाफ ! तिम्रो बाक्लो, मेरो पातलो ! तिमी ढुङ्गालाई वस्तु ठान्दछौ, ठोस कठोरता तिम्रो यथार्थ छ । म सपनालाई समात्न खोज्दछु, जस्तो तिमी, त्यो चिसो, मीठो अक्षर काटेको पान्ढीकीको बाटुलो सत्यलाई ! मेरो छ वेग काँडाको साथी ! तिम्रो सुनको र हीराको ! तिमी पहाडलाई लाटा भन्दछौ, म भन्छु वाचाल । जरुर साथी । मेरो एक नशा ढिलो छ । यस्तै छ मेरो हाल ! -LAXMI PRASAD DEVKOTA Few lines from Laxmi Prasad Devkota's #pagal #kawita 👇👇👇👇👇👇👇👇 जरुर साथी म पागल ! यस्तै छ मेरो हाल । म शब्दलाई देख्दछु ! दृश्यलाई सुन्दछु
Md Kamaal-uddin
तिम्रो संसार ठोस छ । मेरो बाफ ! तिम्रो बाक्लो, मेरो पातलो ! तिमी ढुङ्गालाई वस्तु ठान्दछौ, ठोस कठोरता तिम्रो यथार्थ छ । म सपनालाई समात्न खोज्दछु, जस्तो तिमी, त्यो चिसो, मीठो अक्षर काटेको पान्ढीकीको बाटुलो सत्यलाई ! मेरो छ वेग काँडाको साथी ! तिम्रो सुनको र हीराको ! तिमी पहाडलाई लाटा भन्दछौ, म भन्छु वाचाल । जरुर साथी । मेरो एक नशा ढिलो छ । यस्तै छ मेरो हाल ! -LAXMI PRASAD DEVKOTA Few lines from Laxmi Prasad Devkota's #pagal #kawita 👇👇👇👇👇👇👇👇 जरुर साथी म पागल ! यस्तै छ मेरो हाल । म शब्दलाई देख्दछु ! दृश्यलाई सुन्दछु
BBS.WRITES
#MessageOfTheDay "संघर्ष" (अनुशीर्षक में पढ़े) ©BBS.WRITES उस पेड़ के हरे पत्तों पर या उस पेड़ की छाल पर या फिर उस चिड़ियाँ का बना घोंसला उस डाल पर ये सब संघर्ष है।