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Ek villain
सभी मत मजब वालों के लिए तलाक गुजारा भत्ता उत्तराधिकारी विभाग की आयु बच्चों की गोद लेना और विरासत संबंधी नियम एक समान बनने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यदि इन सभी मामलों एक जैसे नियम बनाए जाते हैं तो समान नागरिक संहिता का उद्देश्य पूरा हो जाएगा होना तो ही चाहिए था कि अभी तक इस उद्देश्य को हासिल कर लिया जाता है क्योंकि संविधान के नीति निर्देशक तत्व में साफ तौर पर कहा गया है कि राज्य समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेगा यदि ऐसा नहीं हो सकता तो कुछ दलों के न कारण तक रही है यह रवैया अल्पसंख्यकों की दृष्टि करण की राजनीति और इस दुष्ट परिणाम के कारण से विभिन्न समुदायों के रीति-रिवाजों को अनावश्यक हस्तक्षेप होगा दुर्भाग्य से यह दुष्प्रचार परिवार अभी भी जारी है इसके बाद भी जारी है कि सर्वोच्च न्यायालय के साथ-साथ विभिन्न उच्च न्यायालय समय-समय पर समान नागरिक संहिता के आवश्यक रेखांकित कर चुके हैं तथ्य यह भी है कि गोवा में समान नागरिक संहिता पहले से ही लागू है और वह सभी समुदाय के लोग रहते हैं आखिर जो व्यवस्था गोवा में बिना किसी बाधा के लागू है वैसे इस देश में क्यों नहीं लागू हो सकती प्रश्न यह भी है कि जब अन्य लोकतांत्रिक देशों में समान नागरिक संहिता लागू है तो भारत में इसका विरोध क्यों होता है यह प्रशन अनुरोध है तो इसलिए कि अभी तक सरकार ने समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने की जहमत नहीं उठाई कम से कम अब तक तो यह काम होना ही चाहिए दादा की व्यापक विचार-विमर्श हो सके यह हास्यास्पद है कि और एक और संविधान की दुहाई देकर यह कहा जाता है कि कानून की नजर में सब बराबर है और दूसरे दिन बिन समुदायों के लिए विवाह अनुच्छेद गुजारा भत्ता उत्तर का आदि आदि से संबंधित नियम अलग-अलग बने हुए हैं ©Ek villain ##महत्वपूर्ण फैसला अल्पसंख्यकों के हित में #waiting
Ek villain
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1992 और अल्पसंख्यक शिक्षण संस्था अधिनियम 2005 की विजेता का मामला माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है एक हां लिए दायर याचिका में कहा गया कि यदि इन आ रहा धानी अतार्किक और अगर दैनिक अधिनियम को समाप्त नहीं किया जा सकता तो इन प्रधानों का लाभ उन राज्य में हिंदुओं को भी मिलना चाहिए जहां वे अल्पसंख्यक हैं यह याचिका में संविधान में एक विशेष संदर्भ में प्रयुक्त अल्पसंख्यक शब्दों को परिभाषित करने और उनके सुस्पष्ट निर्देशक नियमावली बनाने की न्याय संगत मांग कर दी गई है दरअसल संविधान के अनुच्छेद 29 30 और 350 में अल्पसंख्यक शब्द प्रयुक्त हुए लेकिन नहीं की गई इसका फायदा उठाते हुए कांग्रेसी सरकार ने वर्ष 1992 में अल्पसंख्यक आयोग के गठन के समय वोट बैंक की राजनीति की अल्पसंख्यक और भाषाई अल्पसंख्यक परिभाषा पर सवाल उठते हुए याचिका दायर करने वाले अश्विन उपाध्याय कहते हैं कि आज प्रचलित परिभाषा के अनुसार तो आज देश में सैकड़ों धार्मिक अल्पसंख्यक समूह और हजारों भाषाई अल्पसंख्यक समूहों ने चाहिए लेकिन यह दर्जा में सुविधाओं को ही क्यों दिया गया है क्या यह संप्रदायिक तुष्टीकरण की राजनीति का उदाहरण ©Ek villain #अल्पसंख्यकों पर नए नजरिए की दर करार #City
Ek villain
उच्चतम न्यायालय ने केरल शिक्षा विधायक 1957 के संदर्भ में उन्होंने छह 143 के तहत राष्ट्रपति द्वारा राय मांगने जाने पर पूर्व में यह कहा था कि किसी भी धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग द्वारा संचालित शिक्षण संस्था में धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी बल्कि संविधान आणि शिक्षण संस्थाओं में भी बंद निर्देशक सामान्य शिक्षा का संरक्षण करता है धार्मिक शिक्षा की व्याख्या करते हुए उच्चतम न्यायालय ने डीएवी कॉलेज बनाम पंजाब राज्य में सरकार मामले में यह कहा कि किसी भी धर्म के गुरु का दार्शनिक गया पैगंबरों के विचार में धार्मिक शिक्षा के अर्थ में शामिल नहीं किया जाएगा क्योंकि ऐसे विचार समाज को प्रगतिशील बनाते हैं और सौंदर्य को बढ़ावा देते हैं केवल धार्मिक विचारों को यहीं इसी अर्थ में शामिल किया जा सकता है इसी मामले में न्यायालय ने यह भी कहा था कि उन्हें किसी राज्य में अल्पसंख्यकों का दर्जा नहीं दिया जा सकता न्यायालय ने किया है कि किसी भी समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने के लिए राज्य को ही ©Ek villain #राज्य को ही अल्पसंख्यकों का दर्जा देने का अधिकार #LostInSky
Vipin Misra
vishnu prabhakar singh
'तीन तलाक' सम्बन्ध विच्छेद के १४०० वर्ष अघाती,अमानवीय और अब असंवैधानिक अनैतिक यत्न का अभूतपूर्व अभ्यास असंतुलित पर जीवित और अब अन्याय राजतंत्र,समाजतन्त्र और गणतंत्र की चुनौती औचक,अडिग और अब अभद्र परिवारवाद पर मानव निर्मित प्रथम प्रलय आशाविहीन और अकाल्पनिक स्थिति और अब असंतोष (अनुशीर्षक में जारी ) अनैसर्गिक पहचान कमी और जीविका हत्या आंशुओ,अत्याचारों को लिए अकेला और अब असहज पुरुष प्रधान समाज का नारी कामयुक्ति करण अपारम्परिक और दबाब से
Manoj dev
Silence आखिर.... देश की समस्याओं पर सब चुप क्यों?? देव.. देश की समस्याओं पर सब चुप क्यों इस समय बसपा प्रमुख मायावती की कुनवा परस्ती और दौलत के दोहन पर सोशल मीडिया पर आक्रामक तेवर दिखाई पड़ रहे ह
Paramjeet Manav NCR
सिर्फ यही देखना बाकी था कि अब अपने कैरियर को बनाने के लिए भी आपको ये देखना पड़ेगा कि आप किस कम्युनिटी से है 😓 आज पहली बार मुझे मेरे भारतीय होने पर शर्मिंदगी महसूस हो रही है मेरे जैसे ना जाने कितने साथियों के सपने इस जातिवाद की वजह से टूटे है read in caption 🙏🙏🙏🙏🙏 #casteisminindia 😔🤬🤬 2006 की शोध रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मीडिया में सामाजिक विविधता का अभाव है और यह देश की सामाजिक प्रोफ़ाइल को प्रतिबि
Abhishek Kumar
पढ़े नागरिकता संशोधन बिल WhatsApp and Facebook University वाले ना पढ़े। कैप्शन में पढ़े 1.नागरिकता संशोधन विधेयक (बिल) 2019 क्या है ? नागरिकता संशोधन विधेयक (बिल) के अनुसार, हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय के सदस्य जो 3
i am Voiceofdehati
साम्प्रदायिक हिंसा बिल 2005-2011 (गुगल पर सभी हिन्दू धर्मानुरागी जरुर पढें, आंखें खुल जाएंगी) उस बिल का कुछ हिस्सा (अनुशीर्षक में देखें) साम्प्रदायिक हिंसा बिल २००५-२०११ मैं कांग्रेस नफरत क्यों करता हूं इसके लिए आप इस पोस्ट को एक बार Google पर *"Communal violence bill"* (साम
Ek villain
सर्वोच्च न्यायालय में देश के 9 राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक घोषित करने की गुहार लगाई गई है यह मांगने की की गई है कि राज्य स्तर पर लवसन क्योंकि पहचानो के लिए निर्देश बनाने का निर्देश दिया केंद्र सरकार और दाखिले फिलहाल नाम है से कहा कि राज्य सरकार की सीमा के भीतर धार्मिक भाषाई आधार पर वैसे ही अल्पसंख्यक समुद्र घोषित कर सकती है जैसे कर्नाटक में उर्दू तेलुगू तमिल मलयालम कोडे मराठी गुजराती भाषा को अपनी सीमा में अल्पसंख्यक अधिसूचित किया और महाराष्ट्र को भारत के संविधान में अल्पसंख्यक कौन होगा इसकी व्याख्या नहीं की जा सकती सर्वप्रथम केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आयोग अधिनियम 1992 अक्टूबर में मुस्लिम घोषित किया गया जिसमें हिंदू मुस्लिम की प्रकाशित होती है उन्होंने काम में डाल दिया गया इस राज्य में हिंदू अल्पसंख्यक घोषित करने के लिए 2011 की बनाया गया जिसके अनुसार जम्मू कश्मीर लद्दाख ©Ek villain #बदले अल्पसंख्यक निर्धारण का पैमाना #patience