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Pushpvritiya
यह तथ्य कभी समझ आया नहीं कि............... स्वउदर कष्ट दे किन्ही की आयु कैसे बढ़ाई जाती है..... स्वकंठ पिपासित कर स्तुतिगंग कैसे बहाई जाती है......... सोचा यह सब "ज्ञान" नहीं..... तो जो "ज्ञान" नही विवेक से परे हो जो जहां तर्क अमान्य हो...... उन्हें "प्रेम" की तालिका में अंकित कर दे......... ©Pushpvritiya सारणी बनाएं....... जिनमें प्रेम और ज्ञान की हो दो तालिकाएं...... फिर बिंदुओं का संकलन कर अंकन करें............. गृहकार्य है अवश्य करें...
SHAILENDRA UPADHYAY
ख़ुद पे यकीं बढ़ाने के लिए कभी-कभी जानबूझ कर उलझनों में डालती हूँ मैं ख़ुद को. जैसे टहनियों में उलझा हुआ चाँद 'और ख़ूबसूरत' हो उठता है, वैसे ही निखरता है इंसान भी उलझनों में. और तो और इन 'ओस-बिंदुओं' को ही देख लीजिए.👇 ख़ुद पे यकीं बढ़ाने के लिए कभी-कभी जानबूझ कर उलझनों में डालती हूँ मैं ख़ुद को. जैसे टहनियों में उलझा हुआ चाँद 'और ख़ूबसूरत' हो उठता है,
Aman Batham
'मिनी कहानी' वह दरवाजे पर खड़ी थी मैं खिड़की के पास खड़ा था, जब उसकी नजरें मुझपर पड़ी थी मैं खुशी से जमीन पर गिर पड़ा था॥ - Aman Batham कहानी का आधार मुख्यतः दो बिंदुओं से मिलकर बनता है। एक घटनाक्रम, दूसरा चरित्र उद्घाटन। पंक्ति दर पंक्ति एक घटना और उस घटना से जुड़े चरित्रों क
यशवंत कुमार
उर्दू के अक्षरों की पहचान करें और दायीं से बायीं ओर मिलाकर पढ़ें उर्दू के अक्षरों की पहचान part -3 अक्षरों को पहचानते हुए उर्दू के दो अक्षरों से बनने वाले कुछ शब्दों को सीखते हुए आगे बढ़ें। सारे अच्छों क
Sunita D Prasad
जीवन में बहुत कुछ.. दो बिंदुओं की परिधि में ही सिमट कर रह जाता है और अधिकतर.. अनुत्तरित और अनिच्छा की भेंट चढ़ जाता है। तितलियों का रूप.. वरदान और शाप के मध्य अभिशापित रहा। वैसे ही जैसे, प्रेम.. होने और रहने के बीच रहा..'शापग्रस्त'। झूठ.. सत्य और विवेक के मध्य शाश्वत रहा। वैसे ही जैसे, उम्मीद.. इच्छा और विश्वास के मध्य साँसें गिनती रही। कविताएँ भी, यथार्थ और परिकल्पनाओं के मध्य अपना अस्तित्व, खोजती रहीं..। वैसे ही जैसे, मैं.. सोचने और लिखने के बीच जीवित रही। अधिकांशतः .. हाशिए तक पहुँच ही नहीं पाया। न सुंदरता, न कविताएँ और न ही झूठ..! मध्य की स्थिति ने मध्य में ही दम तोड़ दिया..।। # बिंदुओं के मध्य.. जीवन में बहुत कुछ.. दो बिंदुओं की परिधि में ही सिमटकर रह जाता है और अधिकतर.. अनुत्तरित और अनिच्छा की भेंट चढ़ जाता ह