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मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
कागज तो होता बस बेजान सा , जान तो उसमें शब्द डालते हैं , शब्दों के लिखते ही , बिखर जाती हैं एक खुशबू , यादों की , वादों की , अहसासों की , पढते ही शब्द सब कुछ चलचित्र सा चलने लगता हैं , आँखों के सामने एक अहसास सा , शब्दों से बनती जाती रचनाएं , हर एक के मन की उथल - पुथल की , वो बातें जो हम कहने मे होते हैं असर्मथ , पुर जाती हैं माला सी वो शब्दों के जरिए , भावों को वय्क्त करते शब्द , कोरे कागज पर रंग बिखरते शब्द । ©Ankur Raaz #शब्दो #की #शक्ति #शब्द
अल्पेश सोलकर
शब्द दूर नेतात शब्दच जवळ आणतात.. कितीही मोठ्या दुराव्यास शब्दच बळ देतात... शब्द दूर नेतात शब्दच जवळ आणतात.. कितीही मोठ्या दुराव्यास शब्दच बळ देतात... #yqtaai #alpeshsolkar
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
शब्दों को पढ़ा है ! बोला है! महसूस किया है क्या कभी? किसी शब्द की गर्दन पर उंगली रख कर सहलाया है कभी? किसी शब्द के सीने पर कान लगाकर धडकनें सुनी है उसकी? तुम कहोगे एक शब्द की इतनी हस्ती ही नहीं! शब्द ही तो है! कितने शब्दों पर तुमने ठहाके लगाए हैं! कुछ पर रोये भी होगे शावर में खड़े होकर! पर कभी किसी पन्ने पर लिखे ‘आं+सू’ को छूने से उंगलियों में नमक लगा है? ‘बा+रि+श’ पढ़कर सर पोछने का मन करता है? पैरों में कीचड़ महसूस होता है? ‘ब+च+प+न’ को अपने सीने पर रख कर देखो! कोई नंगा सा बच्चा घंटो चीटियों से खेलता हुआ दिख रहा है? क्या कभी ‘त+न्हा+ई’ को पढ़ कर ऐसा लगता है जैसे तुम्हारा कोई बेहद ख़ास तुम्हारे सीने में सरिया घुसाकर हंस रहा है तुम्हे देखकर और वो जगह आज तक न भरी हो?” ‘श+म+शा+न’ पढ़कर कान के पीछे से ठंडी हवा गुज़रती है? वो बचपन का सपना दिखता है जिस पर कोई तुम्हारे सीने पर बैठ गया था और तुम उठ नहीं पा रहे थे? ‘भू+त’ पढ़ते हो तो अपने अगल बगल देखते हो तुम? कि इस रात में कोई पीछे से तुम्हारी स्क्रीन पर तो नहीं देख रहा? पीछे मत देखना मैंने कहा! ‘या+द’ सुनकर क्या तुम किसी भूले हुए शक्श की चेहरे की खाल को अपने नाखूनों से कुरेदते हो परत दर परत? उसे दर्द हो रहा है छोड़ दो उसे! क्या कभी ‘वि+ध+वा’ पढने पर तुमने उसके साथ बैठ कर अपनी चूड़ियाँ तोड़ी? ‘बाँ+झ’ पढ़कर उसके रोने के ठन्डे सुरों से सुर मिलाएं हैं कभी? ‘प्या+र’ सुनते हो तो कैसा महसूस होता है? मुझे लगता है तुम्हे घिन आती है! उबकाई सी! अपना नाम सुनते हो तो कैसा लगता है? कोरापन? ऐसा लगता है जैसे कोई खाली डब्बा रोड पर किसी कबाड़ी के इंतज़ार में है? तुमने याद किये है बहुत से शब्द! कुछ शब्द है जो तुम भूल गए! कुछ शब्द जो तुम भूलना चाहते हो पर भूल नहीं पा रहे! जो ‘वो’ कहती थी तुमसे तुम्हारे कंधे पर सर रख कर! तुम्हारे कानों में फुसफुसाती थी! कितने कमज़ोर हो तुम एक उस एक अदने से 'शब्द' से हर रात हारते हो! “तुमने शब्द पढ़े है! महसूस किया है कभी?” ©Ankur Mishra #तुमने #शब्दो #को #पढ़ा #है #मेहसूस #किया #है #कभी..... #शब्द
Ankit Dixit Mohan
@vijendrakrmaurya
शब्द बयां कर देते हैं, दुरियां दिल की... पर, शब्दों के लिए, अब, शब्द कहां.... @Vijendra £b💓दिल से दिल तक राधेकृष्णा #शब्द #शब्द #Nojoto
Hasanand Chhatwani
शब्द कमाल के होते है, शब्द बेमिसाल होते है, शब्दो का हार भी बनता है, और शब्दो से घाव भी लगते है, मीठे शब्द सुकून दिला देते है, और नफ़रत के शब्द नींद उड़ा देते है, तलवार से गहरे होते है शब्दो के घाव, और गहरे से गहरा जख्म भर देते है ये शब्द, प्यार के दो शब्द उम्मीद जागते है, और ताने के दो शब्द तिरस्कार कर जाते है, तीर भी चलाते है शब्द, दिल को छलनी कर जाते है शब्द, और मरहम लगा जाते है शब्द, दिल मे प्यार जगा जाते है शब्द..!!! शब्द कमाल के होते है, शब्द बेमिसाल होते है शब्दो का हार भी बनता है, और शब्दो से घाव भी लगते है, मीठे शब्द सुकून दिला देते है, और नफ़रत के
Hasanand Chhatwani
शब्द कमाल के होते है, शब्द बेमिसाल होते है शब्दो का हार भी बनता है, और शब्दो से घाव भी लगते है, मीठे शब्द सुकून दिला देते है, और नफ़रत के शब्द नींद उड़ा देते है, तलवार से गहरे होते है शब्दो के घाव, और गहरे से गहरा जख्म भर देते है ये शब्द, प्यार के दो शब्द उम्मीद जागते है, और ताने के दो शब्द तिरस्कार कर जाते है, तीर भी चलाते है शब्द, दिल को छलनी कर जाते है शब्द, और मरहम लगा जाते है शब्द, दिल मे प्यार जगा जाते है शब्द..!!! शब्द कमाल के होते है, शब्द बेमिसाल होते है शब्दो का हार भी बनता है, और शब्दो से घाव भी लगते है, मीठे शब्द सुकून दिला देते है, और नफ़रत के
Aksk
दर्द बेचते है हम यहाँ लफ्जों में ढालकर, अगर चोट पहुँचे तो गुस्ताखी माफ़ कीजिये. ©Aksk शब्द हथियार, शब्द ही प्रहार शब्द की चोट, शब्द ही उपचार.
Bhushan sonar(B.G.S)
"वक्त "को थोडा वक्त' दो अच्छा वक्त जरूर आएगा... शब्द मेरे..(शब्द माझे)
Atit Arya
शब्द मैं शब्द हुँ, अकेला,तन्हा,कमजोर और हारा हुआ, लेकिन अगर किसी और शब्द से मिल जाऊ, तो लोगो के दिलो पर असर करता हुँ, किसी को रुला देता हुँ, तो किसी को हँसा देता हुँ, और बिन बोले ही सबकुछ सीखा देता हुँ, मैं शब्द हुँ, मेरी कोई पेहचान नही अकेले, मेरा कोई वाजूद नही अकेले, सिर्फ अकेले मैं शब्द हुँ, मैं कुछ नही कर सकता अकेले, लेकिन जब मिल जाऊ किसी और शब्द से, तो दुनिया जीत लेता हुँ, लोगो के दिलो पर राज कर, उनको अपनी ओर खीच लेता हुँ, मैं शब्द हुँ, इंसानो के लिए अपनी बात कहने का एक जारिया हुँ, रोते हुए के लिए सहारा हुँ, तो किसी के लिए सिखने की चाभी, मैं जज्बाताें का जंजाल हुँ, तो मैं अंकही किताब हुँ, मैं शब्द हुँ, इंसानो ने ही मुझे बानाया हैं, बनाकर फिर इस्तेमाल होना सिखाया हैं, उनका जैसा मन किया वैसा इंस्तेमाल किया, और मुझको कागज के पन्नो मे समेत बेच दिया, उनका हक हैं मुझपर, क्याेंकि उन्होनें ही तो बनाया हैं, मैं तो अकेला निशब्द हुँ, किसी का साथ पाने से मैं पूरा शब्द हुँ, मैं शब्द हुँ, शब्द मैं शब्द हुँ,