सूफी बोलो या सूफियाना
मौन बोलो या वीराना,,,
शांति बोलो या निर्वाणा
संत बोलो या ज्ञानी,,,,
किसी नदी किनारे पत्थर पर
ध्यान करते हुए मौन में,
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Anil Ray
🌟🌟निज दीपक स्वयं बनो🌟🌟
🌟 ईश्वर होना आसान है लेकिन बुद्ध होना कठिन। बुद्ध पूजा नहीं है, इबादत भी नहीं है, बुद्ध मूर्ति नहीं है, स्तूप भी नही #पौराणिककथा#BudhhaPurnima
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अनिल मालवीय मन्नत*
मैं जय हिंद बोलूं, मैं जय भारत बोलूं,
मैं वंदे मातरम बोलूं मैं अजय भारत बोलूं।
ऐ! हिंदुस्तान की माटी तेरे कण- कण को सलाम,
तुझे दिल से सलाम अ #AzaadKalakaar
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Anil Siwach
|| श्री हरि: ||
64 - छाक आयी
'दादा, दादा, छाक आ गयी!' श्यामसुंदर प्रसन्नता से नाच उठा है। पर्वत की ऊंची चोटी पर यह यही देखने चढा था कि छाक #Books