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वेदों की दिशा
।। ॐ ।। यच्छ्रोत्रेण न शृणोति येन श्रोत्रमिदं श्रुतम्। तदेव ब्रह्म त्वं विद्धि नेदं यदिदमुपासते ॥ 'वह' जो श्रोत्र (कान) के द्वारा नहीं सुनता,३ 'वह' जिसके द्वारा इस श्रोत्र की क्रिया को सुना जाता है, 'उसे' ही तुम 'ब्रह्म' जानो, ना कि इसे जिसकी मनुष्य यहां उपासना करते हैं। That which hears not with the ear, that by which the ear's hearing is heard, know That to be the Brahman and not this which men follow after here. केनोपनिषद मंत्र ७ #केनोपनिषद #उपनिषद #कर्ण #ब्रह्मा #परब्रह्म
vandana,s hobby & crafts
नारी बूंद नही मेघा की अश्रुमेघ दो बूंद नही जिसका उद्गम स्वस्तु दैवता ब्रम्ह कमंडल सरिता है कहीं भार्या माता पुत्री सृष्टि नन्दिनी क्षमता है अर्चन वन्दन पूजन कृत्या कालजयी उपमान हुई मानव के कल्याण गगन मे युग युग का सम्मान हुई शिवा साधना की अनुगामी नव नभ पथ का मान हुई कही भावना की प्रणशाला रमती जोगी सविता है जिसका उद्गम स्वस्तु दैवता ब्रम्ह कमंडल सरिता है जन्म मृत्यु से विलग वेदना जिसका अन्तरमन गंगा लहराती बनकर पथशाला नीत प्रवणता देवपगा मोक्ष देय अनुलोम विलोमन आदि अनादिक नभिता है जिसका उद्गम स्वस्तु दैवता , ब्रम्ह कमंडल सरिता है आवाहन अनुराग विरागी अनुमोदन उपमेयों का तत्व आत्मा जीव सुतापा अन्तरमन अग्येयों का कहीं अतुल्या कर्म शक्तिदा सृष्टि धात्री बनिता है जिसका उद्गम स्वस्तु दैवता , ब्रम्ह कमंडल सरिता है ©vandana,s hobby & crafts #Chhuan ##नारी ब्रह्म कमंडल सरिता है ##nojoto #
vishnu prabhakar singh
अकूत मौज नहीं है कथित सजगता ने उसे खा लिया है निवाला नहीं है मौज दायरा विहिन है मौज आचरण तारत्मयता जिसे भ्रष्ट करती हो वो मौज नहीं है ! शून्य के साथ है मौज ऊँचाई की पराकाष्ठा है मौज यह युग नहीं है इस दिवा का अर्थ आधार भी खो चुका है मौज तृष्णा बन कर रह गया बेचारा अंश चाहिये तो मृत्यू होगी अनेक डर है मौज नहीं है ! निभाया नहीं जा सकता मौज अभ्यास से प्रभाव विहिन हो जाता मौज मौज नहीं तो मौज की संभावना भर मस्ती नहीं है मौज निर्वाण के समकक्ष वाला स्वर्ण-स्तम्भ छटकता य़ायावरी ब्रह्म से घिरा पदम् विभूषण है मौज अलंकार नहीं है मौज नहीं है अभी चरम पर गया हुआ है ! मौज प्रेम है अखंडता है,जीवंत है,कगार है लक्ष्य है चाहत,संतुष्टी नहीं है मौज विकास है मौज करूणा है मौज अहिंसा है मौज कविता है मौज अद्भूत सरिता है मौज आज सामुहिकता खास है मौज सबका साथ सबका विकास है मौज !! विप्रणु #फक्कड़ संहिता
Himanshu G
कभी किसी पर आंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये जरूरी नहीं आप जिसके बारे में सोच रहे हैं, उसमे वो माहिर हो l ©Himanshu G #ब्रह्म
Himanshu G
लोग अपने आप को समझदार और हमे बेवकूफ समझते हैं, पर हम ऐसे ही सही है, जियो तुम ब्रह्म में और हम वो करेंगे जो हमें करना है l ©Himanshu G #ब्रह्म
Neophyte
जीत ही अगर सत्य है तो फिर ये हार क्यू बना है एकमात्र तू ही अगर सही है तो ये संसार क्यू बना है माना तेरी ही सोच हमेशा सही है फिर ये अलग-अलग विचार क्यू बना है तू ब्रह्म है ये हो सकता है फिर सबको गलत कहने का अधिकार क्यू बना है ब्रह्म!
Radhika S
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु , गुरुर देवो महेश्वरः , गुरुर साक्षात परम ब्रह्म , तस्मै श्री गुरुवे नमः गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु , गुरुर देवो महेश्वरः , गुरुर साक्षात परम ब्रह्म , तस्मै श्री गुरुवे नमः