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Parasram Arora
ऎसा मैने कभी सोचा भी नहीं था कि शहर मे घुमक्क्ड सूअर का झुण्ड समाजशास्त्र के लिए चर्चा का विषय बन सकता हैँ क्यों कि एक दिन जब मैने देखा कूड़े का डस्टबिन कूड़े की भ्रावक्षमता के उच्चतम शिखर आ चुका था . तो उस कूड़े को पाने के लिए सूअरों का झुण्ड अपने पेट मे पलते हुए बच्चो के लिए चिंघाड़ रहे थे ! समाजशास्त्र का विषय.......
Saurav life
"इश्क" में इस कदर ना डूब जाना। की "हालात-ए-मंजर" संभाल न सको।। ©Saurav life #Couple #spmydream B Ravan Consciously Unconscious siya pandey Shalini Pandit "प्रेम" तो भगवान का सबसे अनमोल उपहार है पर आए दिन सुसाइड
Kajal The Poetry Writer
समाज संबंधों का जाल हैं।। मूल्यों, विश्वास, लोकाचार का आवरण ये विशाल हैं। कोई कहे गोलाकार हैं, इसकी चाल,, कोई कहे सर्पाकार हैं।। जातिवाद को श्रीनिवास कहे समाज का हिस्सा,, अंबेडकर कहे विकार हैं।। बी आर चौहान बताए राजस्थान के गांव की महिमा,, वहीं शर्मिला रेंगे बताए क्या महिलाओं का अधिकार हैं।। मूल यही जाना हैं समाज का बनकर इसका हिस्सा,, बात नहीं कोई तुच्छ सी ना कहो इसे कोई पुराना किस्सा।। ये तो नवीन ज्ञान का शास्त्र हैं। जिसे सीखने का हर नागरिक पात्र हैं।। ये सरल इतना जैसे देखू बहता जल,, इतना जटिल भी प्रकृति से, जो नियम आज बने, शायद ही उपयोगी होंगे कल।। शोध का एक अनूठा भंडार हैं।। सब जाना परखा पहचाना सा इस समाजशास्त्र का व्यवहार हैं।। ©KAJAL The poetry writer समाज संबंधों का जाल हैं। मूल्यों, विश्वास, लोकाचार का आवरण ये विशाल हैं। कोई कहे गोलाकार हैं, इसकी चाल,, कोई कहे सर्पाकार हैं। जातिवाद को श्
Sanjeev Prajapati
" अद्भुत अकल्पीय किन्तु सच: आपसे कोई पूछे भारत के सबसे अधिक शिक्षित एवं विद्वान व्यक्ति का नाम बताइए, जो, जो, ० डॉक्टर भी रहा हो, बैरिस्टर भी रहा हो, IPS अधिकारी भी रहा हो, IAS अधिकारी भी रहा हो, विधायक, मंत्री, सांसद भी रहा हो, पत्रकार, फोटोग्राफर भी रहा हो, मोटिवेशनल स्पीकर भी रहा हो, पत्रकार भी रहा हो, ० कुलपति भी रहा हो, ० संस्कृत, गणित का विद्वान भी रहा हो, ० इतिहासकार भी रहा हो, ० समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र का भी ज्ञान रखता है, जिसने काव्य रचना भी की हो! अधिकांश लोग यही कहेंगे - "क्या ऐसा संभव है ?आप एक व्यक्ति की बात कर रहे हैं या किसी स्थान की ?" पर भारतवर्ष में ऐसा एक व्यक्ति मात्र 49 वर्ष की अल्पायु में भयंकर सड़क हादसे का शिकार हो कर इस संसार से विदा भी ले चुका है ! उस व्यक्ति का नाम है डॉ, श्रीकांत जिचकर! 2 जून 1954 (16 सोलवीं पुण्यतिथि पर शत शत नमन ) #NationalDoctorsDay " #अद्भुत_अकल्पीय_किन्तु_सच: आपसे कोई पूछे भारत के सबसे अधिक शिक्षित एवं विद्वान व्यक्ति का नाम बताइए, जो, जो, ० डॉक
Sanjeev Prajapati
" अद्भुत अकल्पीय किन्तु सच: आपसे कोई पूछे भारत के सबसे अधिक शिक्षित एवं विद्वान व्यक्ति का नाम बताइए, जो, जो, ० डॉक्टर भी रहा हो, बैरिस्टर भी रहा हो, IPS अधिकारी भी रहा हो, IAS अधिकारी भी रहा हो, विधायक, मंत्री, सांसद भी रहा हो, पत्रकार, फोटोग्राफर भी रहा हो, मोटिवेशनल स्पीकर भी रहा हो, पत्रकार भी रहा हो, ० कुलपति भी रहा हो, ० संस्कृत, गणित का विद्वान भी रहा हो, ० इतिहासकार भी रहा हो, ० समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र का भी ज्ञान रखता है, जिसने काव्य रचना भी की हो! अधिकांश लोग यही कहेंगे - "क्या ऐसा संभव है ?आप एक व्यक्ति की बात कर रहे हैं या किसी स्थान की ?" पर भारतवर्ष में ऐसा एक व्यक्ति मात्र 49 वर्ष की अल्पायु में भयंकर सड़क हादसे का शिकार हो कर इस संसार से विदा भी ले चुका है ! उस व्यक्ति का नाम है डॉ, श्रीकांत जिचकर! 2 जून 1954 (16 सोलवीं पुण्यतिथि पर शत शत नमन ) #river " अद्भुत अकल्पीय किन्तु सच: आपसे कोई पूछे भारत के सबसे अधिक शिक्षित एवं विद्वान व्यक्ति का नाम बताइए, जो, जो, ० डॉक्टर भी रहा हो, ब
Pnkj Dixit
🌳पिता 🌳 🙏 🌳"पिता"🌳 पिता भगवान का एक रूप है अभिलाषाओं का स्वरुप है । निडर हौसलों की ऊंची उड़ान है एक सच्चा मार्ग दर्शक कप्तान है । पिता मुस
Kulbhushan Arora
*गीता*...मेरे लिए हो सकता है आपमें से कोई भी, मेरी बातों से सहमत न हो। मैंने कभी भी *गीता* को उस दृष्टि से नहीं देखा है, कि *गीता* को एक सुंदर से वस्त्र में बांध कर एक साफ सुथरी जगह पर उस तरह सुस्सजित किया जाए.... शेष अनुशीर्षक में पढ़िए 🙏 *गीता*...मेरे लिए हो सकता है आपमें से कोई भी, मेरी बातों से सहमत न हो। मैंने कभी भी *गीता* को उस दृष्टि से नहीं देखा है, कि *गीता* को एक स
भरत सिंह
श्रीमान जी कई विषयों के जानकार है श्रीमान जी को पता है कौनसे चोर की दाढ़ी में तिनका है चोर भले दाढ़ी रखता ही न हो समाजशास्त्र में तो ऐसी अनोखी पकड़ है एक ही नज़र में में बता देते है लड़की चरित्रहीन है या चरित्रवान या गुप्ता जी का लौंडा पथभ्रष्ट हुआ कि नहीं यह सब तो बहुत आम है खैनी चबाते हुए श्रीमान जी पान वाले को पान लगाना तो सिखाते ही है साथ में पान खाकर चुना लगाना भी सिखा देते है दर्शनशास्र में तो अव्वल है ऐसी ऐसी ईश्वरीय ज्ञानार्जन बातें पेलते है शंकराचार्य सुन ले तो उल्टे पांव दौड़े अर्थशस्त्रियों की पोल खोलनी हो तो श्रीमान जी को चाय के पैसे देते हुए देखना कैसे पांच रुपए की चाय चार रुपए पर आकर अटक जाती है मुद्रास्फीति इसी चरम बिंदु से शुरू होती है श्रीमान जी अपनी पत्नी के साथ बहुत खुश हैं हालांकि तीन अवैध संबंध रखने पड़ते हैं इस संबंध में उनसे बात करने पर सतर्क उत्तर देते हैं संबंध तो अवैध ही होते हैं वैध हुए तो रिश्ते हो जाते है और रिश्ता अपनी पत्नी से है ही बड़े ज्ञानी और भले आदमी है श्रीमान जी यह किसी भी गली - मोहल्ले, नुक्कड़, थड़ी तपते हुए अलाव के पास, नाई की दुकान पर या किसी चाय की टपरी पर अपनी दोनों उंगलियों में सिगरेट को ऐसे थमाए मिल जाते है जैसे किसी फौजी ने बंदूक पकड़ रखी हो श्रीमान जी कई विषयों के जानकार है श्रीमान जी को पता है कौनसे चोर की दाढ़ी में तिनका है चोर भले दाढ़ी रखता ही न हो समाजशास्त्र में तो ऐसी
JALAJ KUMAR RATHOUR
आज मैं जिनकी वजह से स्वतंत्र हो बोल पा रहा हूँ ।उसकी प्रमुख वजह मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 को जन्मे ब्रिटिश सम्राज्य के सूबेदार रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई की 14 वीं व अंतिम संतान भिवा है। जिसने बचपन में क्लास चौथी टॉप करने के बाद अपने दादा से पुरुस्कार स्वरूप भगवान बुद्ध की जीवनी को प्राप्त किया और उसे पढकर उस समय फैली छुआछूत को मिटाने का संकल्प लिया।बचपं की शिक्षा पूर्ण कर भिवा ने मुंबई विश्वविद्यालय से बी ए और कोलंबिया से डॉ के उपाधि प्राप्त की और डॉ. भीम राव राम जी आंबेडकर बन कर भारत वापस लौटे। बचपन में बुद्ध की जीवनी थामने वाला भिवा बड़ा होकर संविधान निर्माता बाबा साहेब के नाम से प्रसिद्ध हुआ। बाबा साहेब विधिवेत्ता,अर्थशास्त्री,राजनीतिज्ञ,शिक्षाविद्,दार्शनिक,लेखक,पत्रकार,समाजशास्त्री, मानवविज्ञानी, शिक्षाविद्,धर्मशास्त्री, इतिहासविद् प्रोफेसर थे। भारत रत्न बाबा साहेब ने दलितों और शोषितों के लिए अपना संपूर्ण जीवन न्यौछावर कर दिया ।14 अक्टूबर 1956 को भीमराव अंबेडकर ने अपने 5 लाख समर्थको के साथ में बुद्ध धर्म अपना लिया।इसके बाद उन्होंने बोधिसत्व की उपाधि ग्रहण की , इसी साल 6 दिसम्बर 1956 को भारत का यह रत्न पंचतत्व मे विलीन हो गया। अंबेडकर जी का उद्देश्य था भेदभाव मिटाना परंतु और उन्हे पता था की शिक्षा के बिना ये संभव नही। उन्होंने शिक्षा को हथियार बनाने के लियेे कहा पर कुछ फ़ायदा उठाने वालों ने अपने समाज से ही गद्दारी कर फिर से भोले लोगो को अशिक्षा की और ढकेल दिया। आज भी शिक्षा से दूर दलित समाज एक और भीम की आस में है जो शिक्षा के महत्व को समझाए और जो घृणा नही अपनाना सिखाये। मैं भारत का नागरिक अपने इस महान पूर्वज को नमन करता हूँ। जय हिंद जय भारत ..... #जलज राठौर #Ambedkar_Jayanti आज मैं जिनकी वजह से बोल पा रहा हूँ ।उसकी प्रमुख वजह मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 को जन्मे ब्रिटिश सम्राज्य के सू