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Kenpi K.P.
कुछ लोग सोचते हैं कि मैं उनकी मर्जी से चलता हूं, लेकिन सच तो यह है कि मैं खुदा द्वारा कबूल की गई मेरी अर्जी से चलता हूं। 🙏🙏 ©kanvar pal खुदा द्वारा कबूल की गई अर्जी🙏
vinni.शायर
ए खुदा क्यूं बदला तुने मुझे वही पुराना अंदाज अच्छा था मेरा.. ©vinni.शायर ए खुदा क्यूं.. #खुदा
Khushboo Sharma
ए-खुदा chhod diya usne mjuhe kisi or ke liye , tu bas itna dhiyan rkhna use na chode koi kisi or ke liye ... ए-खुदा ...
भारद्वाज
ए खुदा खुशियां देता ही क्यों है, जब तुझे छीननी ही होती हैं। Bhardwaj Ds.... writer #ए #खुदा#
shorya
ए खुदा.. कहाँ रहता है तू... मेरी हर दुआ निचे आ गिरी है.. पता नहीं कितनी ऊचाई पर रहता है तू.. ©shorya ए खुदा...
𝓟𝓻𝓪𝓽𝓮𝓮𝓴
ए खुदा... तू ज़िदंगी से रूठ जाएगा एक दफा इंसान बन के देख टूट जाएगा.... ए खुदा...
शायरा माही (पहाड़ी छोरी)
ऐ खुदा मेरे खुदा तू मुझसे आखिर चाहता क्या है? बता दे ना मुझे भी मेरे जख्मों की आखिर वजह क्या है? बस यही ना कि मैने भी किसी को अपना खुदा मान लिया अगर नहीं तो मेरे इस दर्द की दवा क्या है? इस संसार में आखिर तकलीफे क्यों हैं? जिंदगी जीने के इतने सलीखे क्यों हैं? सीखा दे ना मुझे भी लड़ना बात बताने के इतने तरीके क्यों हैं? इस संसार में इतने तकलीफे क्यों हैं? मेरे दिल के कोने में कोई चुभन सा है मेरी हसीं में भी कोई दर्द दफन सा है मेरा खिलखिलाना क्यों खलता है उन्हें? मेरी जिंदगी बस एक सफेद कफन सा है। कोई रंग दे गया जीने का जो दर्द बन गया सीने का सोचा थोड़ी चैन की नींद ले लूं वो सपना बनके आ गया इन नेनों का कोई रंग दे गया जीने का। बादलों से आसमां ये ढका पड़ा है कोई प्यासा निगाहें बिछाए देखो खड़ा है बस इंतजार है इक बरसात का पर मेघ तो वर्षा ना करने की जिद पे अडा है। तन्हा बैठा है वो इंतजार में बारिश ना हुई उसके जीवन रूपी घर- बार में देखो आज भी तन्हा बैठा इंतजार में बस इंतजार में। ©Shayra mahi ए खुदा
Gudiya Gupta (kavyatri).....
मेरी तन्हा रातों में रोशनी की फिजूलखर्ची क्यों ए खुदा ! अंधेरे के कितने किस्म बाकी है..? ©Gudiya Gupta (kavyatri)..... #ए खुदा
virutha sahaj
ए खुदा न जाने क्यूं, रुख में वो अपने रुख़सत को बिठाएं हैँ जो कहतें थे कभी,तशरीफ़ में हम आपके पलकें बिछाएं हैँ मुर्शिद से गर्दिश का सफर है अब ये, जिसे कभी कहते थे, पाकीज़ा ताल्लुक की हवाएं हैँ। ©virutha sahaj ए खुदा
virutha sahaj
तेरे बन्दों की इस बंदिगी में बंदिशें अब वफाएँ हैँ खूबसूरत किया था जिससे इस जहां को तूने वही आज तेरे बन्दों की दफाएं हैँ ए खुदा, तूने तो कहा था मुकम्मल ये जहां उसका, जो होगा संग - ए - दिल... अफसोस,यहाँ तो हर दिल फरेबी,हर निगाह कातिल मुवाफ करना खुदा, तेरी पेशगी भी अब पाकीजा न बची सम्भलना, कहीं तेरा भी ताज़ ना जाए हिल। ©virutha sahaj ए खुदा