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Dileep Bhope
मंदिर- मस्जिद, चर्च स्मशान काळं गोरं, कुणीच नसतं परकं! वेडा पाऊस भिजवतो सर्वांना भेदाभेद अस्तित्व त्याला कुठे कळतं? ©Dileep Bhope #भेदाभेद
shubham hirode
ये जो झूठ के कमान लिए फिरते हैं जानते नहीं हैं ये दिल को ही भेदा करतें हैं ये दिल को ही भेदा करतें हैं #dairy #dark #shayari #inspiration #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqhindi
vishnu thore
एेवज एकच आपुले आहे भावा कुळ भेदाभेद खुळ कशासाठी जीवाला लागून उभी ऊन छाया तशी गोड माया असू द्यावी गोरा बलराम दिसे काळा कान्हा यशोदेचा पान्हा एकतरी सदा म्हणे रंग ऐवज देहाचा राक्षसे मोहाच्या बाटवीला... (सदावाणी पृ. १४) एेवज एकच आपुले आहे भावा कुळ भेदाभेद खुळ कशासाठी जीवाला लागून
Ravi.R.D143
अभिलाष सोनी
//लेखन का महत्व// ********************* एक लेखक के मन में क्या है, ये कौन किसे बतलाता है। लेखक तो वो है जो अपने, अनुभवों से लिखता जाता है। जीवन में लेखन का महत्व, हर बार यही सिखलाता है। चुने हुए शब्दों के बाणों से ही, हर लक्ष्य भेदा जाता है। कहते है एक लेखक खुद को, सहज तभी पाता है। जब स्वच्छंद वातावरण में, वो दिल से लिखता जाता है। लेखन में वो क्षमता है, जिससे हर जंग जीता जाता है। वरना हथियारों के बल पे, कहाँ कोई वापस आता है। जिसकी लेखनी जितनी मधुर, उतना ही वो इतराता है। लेखक तो वो है जो अपने, अनुभवों से लिखता जाता है। लेखन का महत्व (#लेखनकामहत्व) 26 अप्रैल 2021 एक लेखक के मन में क्या है, ये कौन किसे बतलाता है। लेखक तो वो है जो अपने, अनुभवों से लिखता जाता
#maxicandragon
घड़ी की सुईयां तेज़ी से बढ़ रही थी। #षडयंत्र_के_आठ_अंक मत्स्य भोज की थी वो रात अंतिम बार, हुई क्या थी बात चले गए तुम उस रोज ऐसे देकर कैसा ह्रदयघात संवाद हुआ था कैसा उस दिन तिथि रही होगी वो सात किस शब्द से भेदा तूने तीर से ज्यादा चुभी थी बात वही तिथि फिर लौट आई माह बीते समय तिथि सब आठ फिर यादों ने घेरा मुझको जब टूटी थी अंतिम सांस उस दिन जाना अर्थ अनाथ जब छूटा अपनो का साथ भोर हुई तो लगी थी भीड भीड में दिखती अनेको ठाट तब से अब तक कहा नही कोई मेरा अब रहा नहीं राख बेच कर चुपड के चंदन कर रहे वो नंगा नाच समान अंक है सबमे आठ ग्रहप्रवेश की किश्तें आठ किलकारी की कीमत आठ कर कनक की पुट्टल आठ आज हो गए इनके ठाठ बन गए सब साहब लाट कुकर्म है किया जो सबने मरो प्यासे मिले न घाट #Sadharanmanushya ©#maxicandragon #षडयंत्र_के_आठ_अंक मत्स्य भोज की थी वो रात अंतिम बार, हुई क्या थी बात चले गए तुम उस रोज ऐसे देकर कैसा ह्रदयघात संवाद हुआ था कैसा उस दिन
vasundhara pandey
तुम्हारी दुनिया को देखा है मैंने सदा मौन रहकर के यहाँ बारिश भी होती है सदा सागर के सौदे से कितने अनुभवों को इस कलम ने समेटा है तुम कहोगे मैंने शब्दों को परोसा है -2 अरे क्या बात कहते हो सीरतों को परोसा है तुमने कसा जो व्यंग्य कुछ
vikrant shelke, zankar
अंधारातील वास्तव अंधारातील वास्तव आज मला गडद गाढ अंधाराला म्हणावं वाटतं , धन्यवाद रे बाबा तुला भली भली दुखं तुझ्या पोटात गडप होऊन जातात अन जगत राहतात पण लख्
Vikas Sharma Shivaaya'
गायत्री मंत्र:- ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’ को अत्यंत प्रभावी मंत्रों में से एक माना गया है। इस मंत्र का अर्थ होता है कि 'सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें। गायत्री मंत्र का दूसरा नाम 'तारक मन्त्र' भी है , तारक अर्थात् तैराकर🏊 पार निकाल देने वाली शक्ति... मान्यता है कि सृष्टि के प्रारंभ में ब्रह्मा जी पर गायत्री मंत्र प्रकट हुआ था, इसके बाद ब्रह्मा जी ने गायत्री मंत्र की व्याख्या देवी गायत्री की कृपा से अपने चारों मुखों से चार वेदों के रुप में की- प्रारंभ में गायत्री मंत्र सिर्फ देवताओं के लिए ही था। गायत्री मंत्र : 24 अक्षरों की 24 शक्तियां, 24 सिद्धियां, 24 देवता:- तत्: देवता -गणेश, सफलता शक्ति। ... स: देवता-नरसिंह, पराक्रम शक्ति। ... वि: देवता-विष्णु, पालन शक्ति। ... तु: देवता-शिव, कल्याण शक्ति। ... व: देवता-श्रीकृष्ण, योग शक्ति। ... रे: देवता- राधा, प्रेम शक्ति। ... णि: देवता- लक्ष्मी, धन शक्ति। ... यं: देवता- अग्नि, तेज शक्ति। विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 244 से 254 नाम 244 जह्नुः अज्ञानियों को त्यागते और भक्तो को परमपद पर ले जाने वाले 245 नारायणः नर से उत्पन्न हुए तत्व नार हैं जो भगवान् के अयन (घर) थे 246 नरः नयन कर्ता है इसलिए सनातन परमात्मा नर कहलाता है 247 असंख्येयः जिनमे संख्या अर्थात नाम रूप भेदादि नहीं हो 248 अप्रमेयात्मा जिनका आत्मा अर्थात स्वरुप अप्रमेय है 249 विशिष्टः जो सबसे अतिशय (बढे चढ़े) हैं 250 शिष्टकृत् जो शासन करते हैं 251 शुचिः जो मलहीन है 252 सिद्धार्थः जिनका अर्थ सिद्ध हो 253 सिद्धसंकल्पः जिनका संकल्प सिद्ध हो 254 सिद्धिदः कर्ताओं को अधिकारानुसार फल देने वाले 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' गायत्री मंत्र:- ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’ को अत्यंत प्रभावी मंत्रों में से एक माना गया है।
Pranav Singh Baghel
ना लगी बरछी,कृपाण, कटारी, ना भेदा हमको तीरों ने। रणयोद्धा कोई छू न सका, ना मारा हमको वीरों ने। ना चीरा हमको चीतों ने, ना बाघों ने ना शेरों ने। रह रह के काटा है हमको, आस्तीन के कीड़ों ने। बाबर,गोरी,खिलजी तो सब बाहर के थे शत्रु ही थे। सदियों से बेचा है हमको, इन जयचंदों ने, मीरों ने।। FULL POEM IN CAPTION....... #HindiPoetry #NojotoHindi #VeerRas #Gaddar #deshdrohi #Jaychand #patriotic #kavishala ना लगी बरछी,कृपाण, कटारी, ना भेदा हमको तीरों ने। रणयो