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Kumar.vikash18

उस उम्र की नाबालिकि में जिन्दगी बड़ी आसान लगती थी , जब माँ बाप देते थे जेब खर्ची जिन्दगी बड़ी आम लगती थी ! shyam kamat Kumar Mukesh Mukesh

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Night sms quotes messages in hindi  उस उम्र की नाबालिकि में
जिन्दगी बड़ी आसान लगती थी ,
जब माँ बाप देते थे जेब खर्ची
जिन्दगी बड़ी आम लगती थी !
 #NojotoQuote उस उम्र की नाबालिकि में
जिन्दगी बड़ी आसान लगती थी ,
जब माँ बाप देते थे जेब खर्ची
जिन्दगी बड़ी आम लगती थी !
 shyam kamat Kumar Mukesh Mukesh

कुछ लम्हें ज़िन्दगी के

रख्खा है जेब खर्ची ही माँगता हूँ बस रब से यार ज़िन्दगी। लोगों ने मुझे माँगने वाला भिखारी बता रख्खा है ।। ©️✍️ सतिन्दर kuchलम्हेंज़िन्दगीk #नज़्म #satinder #kuchलम्हेंज़िन्दगीke #रख्खाहै

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जेब खर्ची ही माँगता हूँ बस रब से यार ज़िन्दगी। 
लोगों ने मुझे माँगने वाला भिखारी बता रख्खा है ।।

©️✍️ सतिन्दर रख्खा है

जेब खर्ची ही माँगता हूँ बस रब से यार ज़िन्दगी। 
लोगों ने मुझे माँगने वाला भिखारी बता रख्खा है ।।

©️✍️ सतिन्दर

#kuchलम्हेंज़िन्दगीk

Kulbhushan Arora

शायद 7 साल की उम्र होगी, 1962 की 63 की घटना है। Us ज़माने में तीन पैसे जेब खर्ची मिला करती थी, किसी दिन 5 पैसे भी मिल जाते, बस उस दिन तो बाद #yqquotes #yqzindagi #yqinspiration #yqkulbhushandeep #sabakzindagika

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चोरी करना सीख गया है,

आज कोई इसे खाना नहीं देगा।। शायद 7 साल की उम्र होगी, 1962 की 63 की घटना है। Us ज़माने में तीन पैसे जेब खर्ची मिला करती थी, किसी दिन 5 पैसे भी मिल जाते, बस उस दिन तो बाद

MohiniGupta

वो आशिक़ी भी भला क्या आशिक़ी अगर आपने पूरी क्लास में बैठ के उसे निहारा न हो वो दिल्लगी भला क्या दिल्लगी अगर उसके चक्कर मे एक आध पेपर न बिगड़ा #Poetry #Love #Fun #Comedy #nojotopoetry #nojotohindi #hindipoetry #ashiqui #kalakaksh

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मेरी क़लम का पैगाम दिलफेंक आशिकों के नाम

वो आशिक़ी भी  भला क्या आशिक़ी
जब आपने उसे अच्छे से ताड़ा भी ना हो,
वो दिल्लगी भला क्या दिल्लगी 
अगर आपने उसका नम्बर जुगाड़ा भी ना हो।
वो आशिक़ी भी क्या आशिक़ी
अगर आपने उसे घर तक छोड़ने का जिम्मा ना उठाया हो
वो दिल्लगी भला क्या दिल्लगी 
अगर आपने उसे दोस्तो से तेरी भाभी ना कहलवाया हो।
वो आशिक़ी भी  भला क्या आशिक़ी
अगर उसके मौहल्ले में जा जाकर बदनाम न  हो।
वो दिल्लगी भला क्या दिल्लगी 
उसके ट्यूशन ना आने पे परेशान न  हो
(read full poem इन caption) वो आशिक़ी भी भला क्या आशिक़ी 
अगर आपने पूरी क्लास में बैठ के उसे निहारा न हो 
वो दिल्लगी भला क्या दिल्लगी अगर उसके चक्कर मे एक आध पेपर न बिगड़ा

JALAJ KUMAR RATHOUR

यार कॉमरेड, याद आने का कोई वक्त नहीं होता।लेकिन हां तारों से सजी स्याह काली रात एक बहाना जरूर ले आती है।बहाना ही तो होते हैं जो आज भी ना जा #जलज

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यार कॉमरेड,
याद आने का कोई वक्त नहीं होता।लेकिन हां तारों से सजी 
स्याह काली रात एक बहाना जरूर ले आती है।बहाना ही तो होते हैं जो आज भी ना जाने कितनी प्रेम कहानियों को पनपने का अवसर देते हैं।तुमसे मिलने को ना जाने कितने बहाने बनाए थे मैने। कभी एक्स्ट्रा क्लास का बहाना,कभी दोस्त के घर जाना इत्यादि।हर बहाने में एक सूझ बूझ होती थी।तुम्हारे संग मेले में सॉफ्टी खाने और खजला खाने में जो रिस्क होता था वो अब भी हंसाता है।हम छोटे शहर वाले छोटी छोटी बातों पर ही तो खुश हो जाते हैं। क्योंकि हम समझते हैं खुशियों की अहमियत और कीमत।अपनी जेब खर्च से जब पहली बार तुम्हारे नाम का छल्ला लिया था तो बहुत उत्साहित था मैं। उस दिन तुम्हारी आंखों में भी खुशी थी।जब भी मेला खत्म होता तो सब दुकानें है हट जाती थीं सब उजड़ा हुआ लगता था।जैसे किसी ने खिलखिलाते हुए बच्चे से उसका खिलौना छीन लिए हो।
हमारे मिलने के किस्से भी कम हो जाते थे और बहाने भी।
..#जलज कुमार

©JALAJ KUMAR RATHOUR यार कॉमरेड,
याद आने का कोई वक्त नहीं होता।लेकिन हां तारों से सजी 
स्याह काली रात एक बहाना जरूर ले आती है।बहाना ही तो होते हैं जो आज भी ना जा

कुछ लम्हें ज़िन्दगी के

#HappyFathersDay पापा आज आपके लिए आपके ही ऊपर लिखी नज़्म पापा यूँ आँखें मीच के जब जब हँसता था मैं कभी पापा की पीठ पर

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पापा
यूँ आँखें मीच के जब जब हँसता था
मैं कभी पापा की पीठ पर बस्ता था । 

सुर्ख़ सफ़ेद कुर्ते की जेब से कोई
चिट्टे दूध चावल उड़ा दिया करता था । 

पंछी अब चू चू बड़ी करते है पापा
पूछते है कहाँ है वो रोज़ मिलता था । 

पाँच उंगलियों में अँगूठा थे, पापा
इस अँगूठे से बड़ा हौसला बढ़ता था । 

ज़िन्दगी रंग बदलती है गिरगिट सी
पापा, जैसे मैं छुटके मन बदलता था । 

फ़ुरसत से नहीं किस्तों में याद आते हो
मुझे याद है वो लम्हां जब गले लगता था। 

चिड़िया अब बड़ी उदास है आपकी
जिसकी ची-ची से पूरा घर महकता था । 

छोटा अब भी माहिर है जोड़ने में पापा
छुटके जो कटे फटे नोट जोड़ने लगता था । 

घर पे ज़िक्र होता है, आज भी पापा ,के
रोज़ी के चक्कर में कहाँ घर पे टिकता था। 

गुल्लक बड़ी मज़बूरी में तोड़ी है, पापा
खर्चा जो दिन रात मेरे गले अटकता था । 

ऐसा बनाया था राम ने हम दोनों को 
के बेटा बिल्कुल बाप जैसा दिखता था । 
 
जेब खर्ची में ऐश बहुत कट गई पापा
वो दिन हवा हुए जब सतिन्दर हँसता था । 

✍️©️ सतिन्दर #happyfathersday
  पापा आज आपके लिए आपके ही ऊपर लिखी नज़्म    
                   पापा
यूँ आँखें मीच के जब जब हँसता था
मैं कभी पापा की पीठ पर

Poonam Suyal

खट्टी-मीठी यादें यादें कुछ खट्टी कुछ मीठी, वो खूबसूरत बातें भुलाए से ना भूलें, ऐसी हैं वो यादें भाई बहन की चुहलबाजियाँ, #yqdidi #yqrestzone #collabwithrestzone #rzलेखकसमूह #rztask42 #rzwriteshindi

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खट्टी-मीठी यादें 
(अनुशीर्षक में पढ़ें)










 खट्टी-मीठी यादें 

यादें कुछ खट्टी कुछ मीठी,
वो खूबसूरत बातें 
भुलाए से ना भूलें,
ऐसी हैं वो यादें 

भाई बहन की चुहलबाजियाँ,

कुछ लम्हें ज़िन्दगी के

पूरी नज़्म रख्खा है बंद मुट्ठी में चंद रेखाओं को सजा रख्खा है । मुट्ठी से बस मैंने हथोड़े को उठा रख्खा है ।। होले- होले धार बढ़ाता हूँ अपने #सतिन्दर #satinder #kuchलम्हेंज़िन्दगीke #रख्खाहै

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बंद मुट्ठी में चंद रेखाओं को सजा रख्खा है ।
मुट्ठी से बस मैंने हथोड़े को  उठा रख्खा है ।। 
होले- होले धार बढ़ाता हूँ अपने कलम की ।
छैनी-हथौड़ी को मैंने बोरी में सजा रख्खा है ।। 
लोग मुट्ठी को ताक़त समझते है ख़ुराक़ की । 
मैंने अपनी इबादतों को राज़ बना रख्खा है । । 
मुट्ठी को मुक्का समझना भूल है लोंगो की।
ताक़त सब में है,बस रोना लगा रख्खा है ।।
लूटना चाहता है हर कोई पोटलियाँ सवाब की ।
ये  क़िस्सा तो अज़ल से भी आला रख्खा है ।।  
किरदारों को ज़रूरत क्यों पड़ती है कहानी की। 
क्या फ़ूलों ने खुशबू सूंघने वाला बुला रख्खा है ।।
जेब खर्ची ही माँगता हूँ बस रब से यार ज़िन्दगी। 
लोगों ने मुझे माँगने वाला भिखारी बता रख्खा है ।।
मेरी माँ ने बहुत अरदासें की मेरी रोज़ी के वास्ते।
पापा कहते थे  सितारों ने तुझे  सता रख्खा है ।।
जन्नत वनन्त वाले ख़्वाब नहीं है रे अपने ।
मैंने तो बस यूँ ही नरक में लंगर खुला रख्खा है ।।
वेबा होती जा रहीं है रोज़ औरतें मेरे  गाँव की।
क़ब्र खोदने वाले ने अच्छा पैसा कमा रख्खा है । 
सतिन्दर की तो आदत है हर किसी से राम राम की
दूर रहा कर सब से यहाँ तो हर कोई मर जाना रख्खा है ।

©️✍️ सतिन्दर पूरी नज़्म रख्खा है 
बंद मुट्ठी में चंद रेखाओं को सजा रख्खा है ।
मुट्ठी से बस मैंने हथोड़े को  उठा रख्खा है ।। 

होले- होले धार बढ़ाता हूँ अपने

Trivedi Abhishek

B positive 👇👇👇☕☕ आज करते हैं कुछ लड़कों की बातें कुछ ऎसे वाक्य भी हैं हो जाते बिना गलती सुनना पड़ता है गाली उसे नौकरी अच्छी न मिलने पर सभी #yourquote #yqbaba #yqdidi #MyThought #boysfeelings

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मानव के मन में चल रही थी कुछ यादें 
अनसुने किस्से कुछ सपनो की सौगाते
एक लड़के से आपको भी हैं मिलाते
और आज करते हैं कुछ लड़कों की बातें...
(Caption.....) B positive 👇👇👇☕☕
आज करते हैं कुछ लड़कों की बातें
कुछ ऎसे वाक्य भी हैं हो जाते
बिना गलती सुनना पड़ता है गाली
उसे नौकरी अच्छी न मिलने पर 
सभी

Anil Ray

👁️👁️👁️✨वों नज़र - क्वालिटी✨👁️👁️👁️ एक रोज लड़की वाले आए और रिश्ते की बात करने लगे। "भाई साहब! फोटो तो बहुत अच्छी लगी। अगर लड़का भी देख लेते #शायरी #WoNazar

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