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Amit Kalan
थक क बैठा सूं हार क नही बाजी हाथ त गयी स जिंदगी नही🔫 #HD✍
Pagal Fauji
pagal fauji( bugga) #मै फेर त #टूटण 💔💔खातर #त्यार #सू #ज्या वा #मेर त #आ क #कह #देवै क🤔 #मै भोत घना #प्यार 💞💞करू #सू #pagal fauji (bugga)
अल्फाज
आज भी याद आता है वो पल जब तुमने मेरे माथे को चूमा था किस कदर मुझसे मिलकर तेरा दिल खुसियो से झूमा था मेरी पलकों में जब तुम सामने लगें थे मेरी आंखों में जब तुम नजर आने लगे थे जानें क्यों तुम मुझसे हाथ छुड़ाने लगे थे तुम्हें क्या पता उस एक पल को भूलने में मुझे कितनी तकलीफ होती थी ©अल्फाज पल 🖤 #लव #Broken
ⲘɨყȺᴮᴴᴬᴵ࿐❼sk
फूल त हम लाईले बनी प्रपोज त हम करबे कर्ब करेज़ा तू ममी से बोल चाहे पापा से प्यार त हम करबे कर्ब ©ⲘɨყȺᴮᴴᴬᴵ࿐❼sk फूल त हम लाईल बानी #लव #Love #Life #Like #She
Sachin Jindal
कुछ पल और तुम बोलते मैं कुछ पल तुम्हारा इंतजार करता तन्हाई से तुम्हारी कुछ तो मैं दुलार करता मिलती नहीं थी किस्मत करते रहे थे कोशिश किस-किस गली पर फिर मैं एतबार करता ख्वाबों मैं अब तो आओ कुछ तो मुझे बताओ कांधे पर सर रखकर फुर्सत से प्यार करता इजहार कर दिया है दुनिया से अपने आप को अब कल मिलते हैं तो उस दिन को गुलजार करता ए जिंदगी की किताब अब उनकी ना मान अब तेरे ही दिल में मैं उस रब को क्यों शुमार करता तुम बोलते तो मैं कुछ पल और इंतजार करता तन्हाई से तुम्हारी कुछ पल और प्यार करता... ©Sachin Jindal #कुछ #पल #शायरी #लव #HeartBreak
Hashim azmi
प्यार उसी से करो जिसे कन्टरोल कर सको जब प्यार आपको कन्टरोल करने लगे तो उसे बरबाद कर दो त
shubham hirode
इश्क मोहब्बत प्यार की बातें तुम्हें करनी नहीं है। तो क्या? ये इश्क है या फिर कुछ भी नहीं है। इश्क-ए-समंदर की गहराइयों में डूब कर चाहने लगा हूं। तुझको को जानती हो क्या? तू कभी मेरे इश्क के समंदर में उतरी है क्या? मेरी उम्र कुछ ऐसी है प्यार में हो जाए नादानियां कुछ वैसी है कमबख्त ना कि कोई नादानियां संभल कर रखा है अपने वैशे को। तुझको तो ना अब करनी है नादानी ना शादी के बाद करनी है महा नादानियां। क्या कहु तेरे ऐसे रवविये को गंभीर वक्त पर भी कहां है तूने न जाने कैसे अल्फाज को टूट चुका था दिल से गिर रहे थे आंसू मर रहा था घुट घुट कर फिर भी ना कहा तूने वह सच ऐसा क्या मिला तुझको? झूठे अल्फाजों सी दस्तानों से नीचे गिराया है तुमने अपने ही आपको। तेरा झूठ कोई चतुराई या उमन्दा बात की कोई कहानी नहीं है। तू गिर रही थी मेरी नजरों में तुझको ये पता ही नहीं हैं। वो जो चाहता था तुझको टूट कर वो तो कब का मर चुका है जाने जा। वो जो हुआ करता था उसके अंदर अब वो ही मैं हूं सुना तो होगा ही। मेरे कमीनापन के बारे में उसकी जुबान से याद नहीं कोई बात नहीं अब तुम भी हमको याद नहीं। जोर न दो दिमाग की नसों पर तुमने ही कहा हैं छोड़ दो मुझको। तो सुनो तेरा हुकुम सर आंखों पर। त
shashwat ayush
कर्मों से ही फल पाते हम हैं यही यहाँ बस नियति हैं। कर्म परायणता से पदच्युत होने पर दुर्गति हैं। प्रांजल लोकतंत्र के अर्थों का आलम यहाँ पर ये हैं। सता दुःशासन बनी हुई हैं और लोकतंत्र द्रौपदी हैं। -शाश्वत आयुष ©shashwat ayush त