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माँ इस नाम में ही पूरा बम्हाण्ड समाता हैं। तुज़ पर क्या लिख पाऊंगा में तेरे हिने से ही तो मेरी शुरवात है । माँ सिर्फ़ इतना कहना चाहूंगा कि ख़ु #maa

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माँ 
इस नाम में ही पूरा बम्हाण्ड समाता हैं।
तुज़ पर क्या लिख पाऊंगा में तेरे हिने से ही तो मेरी शुरवात है ।
माँ सिर्फ़ इतना कहना चाहूंगा कि ख़ुश रहे सलामत रहे।

© माँ 
इस नाम में ही पूरा बम्हाण्ड समाता हैं।
तुज़ पर क्या लिख पाऊंगा में तेरे हिने से ही तो मेरी शुरवात है ।
माँ सिर्फ़ इतना कहना चाहूंगा कि ख़ु

Aerials 255

उन्हें ख़बर होने तक, मैं बिछड़ जाऊंगा। फिर न कुछ कह पाऊंगा न सुन पाऊंगा।

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उन्हें ख़बर होने तक तो बिछड़ जाऊंगा,
ख़ुदा के दर पहुँचूँगा और मैं किधर जाऊंगा। उन्हें ख़बर होने तक, मैं बिछड़ जाऊंगा।
फिर न कुछ कह पाऊंगा न सुन पाऊंगा।

abhisri095

मैं जीऊंगा और फिर मर जाऊंगा...

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मैं जीऊंगा और
फिर मर जाऊंगा
वो ऐसा -जैसे
 सम्भलते हुए गिर जाऊंगा
तुम निगाहे मुझपे 
जमाये रखना
जाने कब , 
मैं किसकी निगाह में बस जाऊंगा।। मैं जीऊंगा और
फिर मर जाऊंगा...

#Police_Officials

तेरी मुस्किल ना बढ़ाऊंगा चला जाऊंगा अक्स आखों में छिपाऊंगा चला जाऊंगा अपनी देहलीज पर कुछ देर पढ़ा रहने दे जब होस में आऊंगा चला जाऊंगा #Love

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बदनाम

अब में चला जाऊंगा... #Thoughts

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KRISHAN GOPAL

बाग हूं शाही-रंगबिरंगे फूलों का मैं कैसे बच पाऊंगा , राजनीति की अग्नि में शायद धुआं धुआं हो जाऊंगा।

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बाग हूं शाही-रंगबिरंगे फूलों का मैं कैसे बच पाऊंगा ,
राजनीति की अग्नि में शायद धुआं धुआं हो जाऊंगा।

मेरी मिटटी से वो गुजरे जो इस मिट्टी पर जां वार गए,
कुंचित हैं वो पाक हदय से और अंतरमन से हार गए,
पूछ रहा मेरा मन मुझसे अब क्या मैं हज हो पाऊंगा,
राजनीति की अग्नि में शायद धुआं धुआं हो जाऊंगा।।

मैंने शिवरात्रि उपवास रखा मैंने भी पड़ी अजान थी,
मेरी अच्छी अम्मी कृष्णा की प्यारी चाची जान थीं।
अब कृष्णा ईदी देगा मुझको क्या रोजा रख पाऊंगा,
राजनीति की अग्नि में शायद धुआं धुआं हो जाऊंगा

क्रीड़ा - चोट लगी नन्हे खालिद को इस मिट्टी पे रोया था,
घरबार नहीं था रामदीन पर घंटों इस मिटटी पे सोया था।
शापित हो गई  है  गोद मेरी मैं कैसे अब उसे सुलाऊंगा,
राजनीति की अग्नि में शायद धुआं - धुआं हो जाऊंगा। बाग हूं शाही-रंगबिरंगे फूलों का मैं कैसे बच पाऊंगा ,
राजनीति की अग्नि में शायद धुआं धुआं हो जाऊंगा।
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